Dhanbad में टीबी से बिगड़ने लगे हैं हालात, धड़ाधड़ बढ़ रही मरीजों की संख्या; 4 महीने से दवा भी खत्म
Dhanbad News धनबाद में इन दिनों टीबी से हालात बिगड़ने लगे हैं। जिले में टीबी के मरीजों के लिए चार महीने से दवा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में अब मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। अप्रैल महीने में मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट (एमडीआर टीबी) के 6 नये मरीज मिले हैं। ऊपर से महंगी दवाएं गरीबों की पहुंच से दूर होती हैं।
जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों के लिए 4 माह से दवा नहीं है। ऐसे में टीबी के गंभीर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वासेपुर के रहने वाले 50 वर्षीय व्यक्ति टीबी की गंभीर स्टेज एक्सट्रीम ड्रग रेसिस्टेंट (एक्सडीआर) के मरीज हो गए हैं।
मरीज को सीएमसी वेल्लोर किया गया रेफर
गंभीर अवस्था में मरीज को सीएमसी वेल्लोर रेफर किया गया है। यहां इलाज के लिए 29 लाख रुपए मांगे गए हैं, अब मरीज के पास पैसे नहीं है।
जबकि दूसरी ओर अप्रैल महीने में मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट (एमडीआर टीबी) के 6 नये मरीज मिले हैं। टीबी के सामान्य मरीजों की दवा छुटने के बाद बीमारी गंभीर होती जाती है। यह एमडीआर में बदलने लगती है।
महंगी दवा, गरीब मरीजों की पहुंच से दूर
टीबी की दवा काफी महंगी होती है। ऐसे में गरीब मरीजों की पहुंच से दवा दूर हो रही है। सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्र में दवा नहीं होने के कारण कई मरीजों की दवा बीच में छूट रही है।
1 महीने की दवा की कीमत लगभग 1500 रुपये की आसपास है। दूसरी और मरीजों के पोषण के लिए पैसे भी नहीं मिल रहे हैं। हर दिन मरीज इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से कर रहे हैं। जनवरी 2024 से ही दवा नहीं है।
टीबी की दवा नहीं होने के कारण मरीज गंभीर हो रहे हैं। दवा की मांग मुख्यालय रांची से की गई है। गंभीर मरीजों की निगरानी की जा रही है- डॉ सुनील कुमार, जिला टीबी पदाधिकारी
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