Dhanbad Fire: शहर के अपार्टमेंट्स हादसों को दे रहे न्योता, नियमोंं की जमकर हुई अनदेखी, जैसे-तैसे पास नक्शा
धनबाद शहर में एक हफ्ते के अंदर अगलगी की दो घटनाओं ने सबकों चौंका दिया है। लोग डरे हुए व सदमे में हैं। दैनिक जागरण की टीम घटना के पीछे के कारणों की तह तक पहुंचने की कोशिश की और जो पाया वह हैरान कर देने वाला है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 02 Feb 2023 09:09 AM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद। एक सप्ताह के अंदर धनबाद में दो अग्निकांड ने सारी सुरक्षा व्यवस्था और नियमों की अनदेखी की पोल खोल कर रख दी है। नगर निगम और झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार यानि झमाडा से नियमों की अनदेखी का नक्शा पास किया गया। रही सही कसर अग्निशमन विभाग ने बिना जांच पड़ताल किए एनओसी देकर कर दी। एक बार भी अग्निशमन विभाग ने एनओसी देने के बाद अपार्टमेंट की जांच करना जरूरी नहीं समझा।
भवन निर्माण नक्शा पास कराने की जिम्मेदारी इनके पास
धनबाद में छोटे-बड़े 300 से अधिक अपार्टमेंट हैं। 2016 में नगरपालिका गठन होने के बाद से नगर निगम नक्शा पास कर रहा है। इससे पहले झमाडा ही नक्शा पास करता था, अब इसके दायरे में सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र ही हैं। नगर निगम जी-प्लस फाइव ही नक्शा पास कर रहा है, जबकि झमाडा से 15 मंजिला तक नक्शा पास किया गया है। नगर निगम के अनुसार 2016 के बाद 60 बहुमंजिला अपार्टमेंट का नक्शा पास किया गया है।
संकरी गलियों में बने अपार्टमेंट हादसे को दे रहे न्यौता
मेमको मोड़ पर एक माल का नक्शा हाल ही में पास किया गया है। एनओसी देने के समय अग्निशमन विभाग को ही सुरक्षा मानकों का निरीक्षण करना है। धनबाद में भी कई ऐसे बहुमंजिला अपार्टमेंट हैं, जहां यदि आग लगी तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी तक नहीं पहुंच पाएगी। कुछ अपार्टमेंट संकरी गलियों में बना दिए गए हैं। यहां सड़क दस से 12 फीट तक ही है। दैनिक जागरण की पड़ताल में अपार्टमेंट में कई खामियां नजर आयीं।आपणो घर, भुईंफोड़ गोविंदपुर रोड
- यह नौ ब्लाक में बना 12 से 15 मंजिला भवन है। एक फ्लोर पर चार फ्लैट हैं और इस तरह से एक ब्लाक में 60 फ्लैट्स हैं। नौ ब्लाक में 500 से अधिक फ्लैट्स हैं।
- प्रत्येक ब्लाक में वाटर स्प्रिंकलर लगा हुआ, हौज पाइप और हौज बाक्स है, लेकिन स्मोक डिटेक्टर नहीं है।
- मुख्य सड़क पर होने से फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंच जाएगी, लेकिन तीन मंजिल तक ही पहुंच पाएगी।
प्रभ दर्शन, भुईंफोड़
- दो ब्लाक में बना आठ मंजिला भवन। एक फ्लोर पर चार फ्लैट, दोनों ब्लाक मिलाकर 64 फ्लैट।
- प्रत्येक ब्लाक में हौज पाइप और हौज बाक्स है, स्मोक डिटेक्टर और वाटर स्प्रिंकलर नहीं।
- मुख्य सड़क पर होने से फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंच जाएगी, लेकिन तीन मंजिल तक ही पहुंच।
निर्मल टावर, वीर कुंवर सिंह नगर
- छह मंजिला भवन। एक फ्लोर पर चार फ्लैट, कुल 24 फ्लैट।
- अग्निशमन यंत्र की कोई व्यवस्था नहीं, हौज पाइप और हौज बाक्स, स्मोक डिटेक्टर और वाटर स्प्रिंकलर भी नहीं।
- मुख्य सड़क से 100 मीटर अंदर, अपार्टमेंट तक पहुंचने के लिए सिर्फ आठ फीट चौड़ी सड़क, अग्निशमन यंत्र का पहुंचना मुश्किल।
देव विहार और उमा एनक्लेव झाड़ूडीह
- देव विहार में चार ब्लाक, सभी आठ मंजिला। प्रत्येक फ्लोर पर पांच फ्लैट। एक ब्लाक में 40 फ्लैट। उमा इनक्लेव छह मंजिला, प्रत्येक फ्लोर पर चार फ्लैट।
- देव विहार में प्रत्येक ब्लाक में हौज पाइप और हौज बाक्स है, स्मोक डिटेक्टर और वाटर स्प्रिंकलर नहीं।
- उमा इनक्लेव में हौज पाइप है, स्मोक डिटेक्टर और वाटर स्प्रिंकलर नहीं।
- कार्मेल स्कूल से यहां तक पहुंचने के लिए घुमावदार रास्ता। लगभग 15 फीट चौड़ी सड़क है, फायर ब्रिगेड की गाड़ी तीन मंजिल से ऊपर नहीं पहुंच पाएगी।
संगम पैराडाइज, जयप्रकाश नगर
- पांच मंजिला भवन। एक फ्लोर पर चार फ्लैट, कुल 24 फ्लैट।
- सुरक्षा उपकरण नहीं, हौज पाइप, हौज बाक्स, स्मोक डिटेक्टर और वाटर स्प्रिंकलर नहीं।
- मुख्य सड़क पर 150 मीटर अंदर, सिर्फ आठ फीट सड़क, फायर ब्रिगेड का पहुंचना मुश्किल।
नौ फ्लोर की जगह बना दी 11 फ्लोर की इमारत
गल्ली मुहल्लों में बहुमंजिली इमारतें हैं। नियमों की अनेदखी कर भवन बनते गए। नगरपालिका एक्ट, झारखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) के नियमों के अनुरूप अपार्टमेंट नहीं बने। धनबाद नगरपालिका, झमाडा और अब निगम निगम के अधिकारी बिल्डरों को एनओसी देने से लेकर नक्शा पास करने का काम करते रहे है नतीजतन जैसे-तैसे भवन बनते रहे। अब यहां आग, पानी, बिजली का संकट लोगों को परेशान कर रहा है। यह संकट आए दिन विपदा बनकर सामने खड़ी रहती है।आशीर्वाद टावर में नियमों की अनदेखी
एक दिन पहले जोड़ाफाटक रोड के आशीर्वाद टावर में आग लगी। इस बिल्डिंग का नक्शा झमाडा ने 2012 में पास किया और 2015 में रिन्युअल किया। उस समय रेरा कानून नहीं आया था। 20 फीट सड़क पर अधिकतम नौ फ्लोर तक बिल्डिंग का निर्माण किया जा सकता था। बिल्डिंग के चारों और 16.4 फीट खाली जगह छोड़ना अनिवार्य था।सभी फ्लोर पर सीढ़ी के पास आग बुझाने की सामग्री, पाइप, पानी की व्यवस्था भी करनी थी। सिर्फ तीन फ्लोर पर ही आग बुझाने की सामग्री मिली। बिल्डिंग का निर्माण भी नियम की अनदेखी कर 11 फ्लोर तक कर दिया गया। चारों और खाली जगह भी नहीं है।
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