बिहार के माइका बेल्ट में लिथियम का खजाना मिलने की संभावना, इलेक्ट्रॉनिक वाहनों में प्रयोग होती है इसकी बैट्रियां
Jharkhand News जम्मू में हाल में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है। बिहार के माइका बेल्ट में भी लीथियम का बड़ा खजाना मिलने की पूरी संभावना है। देश के बड़े हिस्से में लिथियम कोबाल्ट और ग्रेफाइट के भंडार मिले हैं। हालांकि उनका खनन अब तक शुरू नहीं हुआ है। इस कारण अब भी आयात ही करना पड़ रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Fri, 17 Nov 2023 10:30 PM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद। जम्मू में हाल में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है। बिहार के माइका बेल्ट में भी लीथियम का बड़ा खजाना मिलने की पूरी संभावना है। देश के बड़े हिस्से में लिथियम, कोबाल्ट और ग्रेफाइट के भंडार मिले हैं। हालांकि उनका खनन अब तक शुरू नहीं हुआ है। इस कारण अब भी आयात ही करना पड़ रहा है।
सिंफर के साथ जल्द एमओयू साइन होगा एमओयू
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के महानिदेशक जनार्दन प्रसाद ने बताया कि कम लागत में लिथियम का खनन कैसे किया जाए, इसकी तकनीक विकसित करने के लिए केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) की मदद ली जाएगी। सिंफर के साथ जल्द ही एमओयू होगा।
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के महानिदेशक शुक्रवार को सिंफर के 77वें स्थापना दिवस समारोह में पहुंचे थे। बातचीत के दौरान उन्होंने जीएसआई से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।
इलेक्ट्रानिक वाहनों में प्रयोग होती हैं लीथियम की बैट्रियां
जीएसआई महानिदेशक ने बताया कि जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों के साथ अब इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ रही है। ग्रीन व्हीकल आ रहे हैं।
बड़े वाहनों के लिए भी अब बैट्री की आवश्यकता बढ़ेगी और इसके लिए लिथियम आवश्यक है। लिथियम की खनन तकनीक विकसित हो जाने से वाहनों के लिए बैट्री की जरूरत पूरी हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधन पर पूरी तरह से निर्भरता समाप्त हो जाएगी, ऐसा नहीं का सकता है पर 2050 तक निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी।
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