Jharkhand News: अचानक आई जोर की आवाज... और महज 20 सेकेंड में चार घर जमींदोज
धनबाद के कतरा स्थित लकड़का मोहल्ले में भूं-धसान में चार लोगों का घर जमींदोज हो गया। घर का सारा सामान जमीन के नीचे समा गया। आधा दर्जन बकरियां जिंदा दफन हो गईं। गनीमत थी कि समय रहते सभी लोग घर से बाहर निकल आए। पीड़ित ने बताया कि सुबह छह बजे बिस्तर पर थे। अचानक घर के अंदर दीवार फटने की आवाज आई। आनन-फानन में दीवार फांदकर बाहर आए।
By Jagran NewsEdited By: Shashank ShekharUpdated: Tue, 02 Jan 2024 04:08 PM (IST)
संवाद सहयोगी, कतरास। धनबाद स्थित कतरास क्षेत्र के लकड़का मोहल्ले में भूं-धसान में चार लोगों का घर जमींदोज हो गया। घर का सारा सामान जमीन के नीचे समा गया। आधा दर्जन बकरियां जिंदा दफन हो गईं। गनीमत थी कि समय रहते सभी लोग घर से बाहर निकल आए।
पीड़ित राजेश भारती ने बताया कि सुबह छह बजे वे लोग बिस्तर पर ही थे। अचानक घर के अंदर दीवार फटने की आवाज आई। बाहर निकलने के लिए दरवाजा खोलने का प्रयास किया, लेकिन नहीं खुला। आनन-फानन में दीवार फांदकर बाहर आए।
इसके करीब 20 सेकेंड बाद पूरा घर जमींदोज हो गया। देखते-देखते राजेश साव, राजेश कुमार भारती, दिलीप भारती और नारायण भारती के घर जमीन में समा गए। घरों में से एक राजेश साव का गोदाम था, जिसमें उनका कैटरिंग का सामान था।
वहीं, पड़ोस के दो लोगों के घर को क्षति पहुंची है। भूं-धसान स्थल के बगल में रहने वाले जाहिद खान खतरे को देख घर से सारा सामान लेकर पूरे परिवार के साथ रिश्तेदार के यहां मालकेरा चले गए। जबकि बेघर हुए तीन लोग पड़ोसियों के यहां शरण लिए हुए हैं। सर्द मौसम में इनके रहने व खाने पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है।
घटना के बाद विधायक ढुलू महतो प्रभावितों से मिलकर पुनर्वास के लिए मंगलवार को प्रबंधन से वार्ता कर समाधान का आश्वासन दिया। सूचना पर थाना प्रभारी रणधीर सिंह भी प्रभावित मोहल्ले में गए। प्रबंधन से बात कर जल्द समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया। इधर, कतरास क्षेत्र के महाप्रबंधक के फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन फोन बंद मिला।
खतरे से जूझ रहे लोगों की शिकायत पर नहीं लिया संज्ञान
लकड़का नौ नंबर मोहल्ले में करीब 25 परिवार लंबे समय से रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश मजदूरी कर गुजर बसर करते हैं। यहां कंपनी की पुराने दीवार पर खतरे का निशान बना है। सालों पहले कोलियरी में यहां भूमिगत खनन कराया गया। इस बीच जमीनी आग फैलते हुए मोहल्ले से एक सौ मीटर की दूरी पर पहुंच गई है। मोहल्ले के कुछ लोग दबी जुबान से अवैध खनन की बात कह रहे थे।
कहा कि मोहल्ले से कुछ ही दूरी पर अवैध खनन की प्रबंधन और पुलिस के पास लिखित शिकायत दी गई थी, लेकिन कार्रवाई नही हुई। प्रबंधन की अनदेखीपर महिलाओं ने विरोध जताया। स्थानीय लोगों में खौफ देखा गया। बेघर लोगों को रहने व खानेपीने की चिंता सता रही है। इधर, अन्य लोग जानमाल की सुरक्षा और आशियाना बचाने के लिए प्रशासन व प्रबंधन की कृपा दृष्टि का इंतजार करने लगे हैं। लोग दिन भर पुनर्वास व मुआवजा की चर्चा करते रहे।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।प्रभावित परिवारों का दर्द छलका
प्रभावित राजेश भारती ने कहा कि घर में अकेले रहते थे। कंप्यूटर सिस्टम, टीवी, बक्सा, डीवीडी मशीन, स्टेबलाइजर, बैंक कागजात, साइकिल, कपड़ा व अनाज आदि जमींदोज हो गया। अब रिश्तेदार के यहां शरण लिए हुए हैं। दिलीप भारती की पत्नी रीता देवी ने बताया कि बक्सा, पंखा, अनाज, बेटे का शैक्षणिक कागजात, बर्तन सभी जमीन में समा गया। किसी तरह जीवनयापन करते थे। वह भी छीन गया। पड़ोसी के यहां शरण लिए हुए हैं। राजेश साव ने कहा कि कैटरिंग का काम करते हैं। सारा सामान चला गया। बगल में अपने दूसरे घर में रहते हैं। नारायण भारती ने कहा कि दीवार फटकर मिट्टी गिरते देख पत्नी व बच्चों के साथ बाहर आ गए। साइकिल, टीवी, बर्तन, छह बकरी, चूल्हा, बक्सा आदि सामान जमीन में समा गए। बेघर हो गए हैं। मोहल्ले में ही शरण लिए हैं।क्षेत्र में सभी अवैध खनन की जांच होनी चाहिए। ताकि दोषी अधिकारी पर समुचित कार्रवाई हो सके।- ढुलू महतो, विधायक, बाघमारा ये भी पढ़ें: बर्तन तक जलकर हो गए राख, आठ हजार नकदी समेत कीमती सामान के उड़े चिथड़े; शॉर्ट सर्किट ने कर दिया सबकुछ बर्बादये भी पढ़ें: Hit and Run Law: नए कानून के खिलाफ झारखंड में सड़क पर उतरे चालक, किया रोड जाम, कानून को वापस लेने की कर रहे मांग