कोरोना से ठीक होने वालों को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा, ICMR ने पूरे देश में किया सर्वे; सामने आए बेहद चौंकानेवाले नतीजे
कोरोना से ठीक होने वालों को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा है। इसके लिए आइसीएमआर ने पूरे देश में एक सर्वे किया। पता चला कि कोरोना से ठीक होने वाले लोगों को कम से कम एक साल तक तो अचानक से हार्ड वर्क करना नहीं चाहिए नहीं तो उन्हे हार्ट अटैक आ सकता है। हालांकि इसके लिए वैक्सीन को बिल्कुल भी न दोषी ठहराया जाए।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 21 Nov 2023 09:00 AM (IST)
जागरण संवाददाता, धनबाद। देश भर में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने एक सर्वे किया। सर्वे रिपोर्ट सोमवार को आइसीएमआर के जर्नल में प्रकाशित हुई है। सर्वें में यह बात सामने आई कि कोरोना से ठीक होने वाले लोगों को साल भर हार्डवर्क अचानक से नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा हो रहा है।
कोरोना वैक्सीन का बॉडी पर नहीं कोई साइड इफेक्ट
साथ ही यह बात भी सामने आई है कि कोरोना वैक्सीन से इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है। इस सर्वे में एसएनएमएमसीएच धनबाद के चार चिकित्सक डा. ऋषभ कुमार राणा, डा.यूके ओझा, डा. रवि रंजन झा, डा. रवि भूषण भी शामिल हुए।इस दौरान देश भर से तीन हजार से ज्यादा सैंपल लिए गए। इनमें धनबाद से 200 से ज्यादा सैंपल शामिल रहे। 1,200 से ज्यादा लोगों से इस बारे में जानकारी ली गई। यह शोध 18 से 45 वर्ष के बीच के लोगों पर की गई है। शोध में एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य डा. ज्योति रंजन की भी अहम भूमिका रही।
रिपोर्ट: कोविड टीकाकरण मौत का नहीं कारण
डा. राणा ने बताया कि भारत में कोरोना टीकाकरण ने लोगों की जान बचाई है। टीकाकरण के बाद भी कोविड की लहर आई, लेकिन टीकाकरण ने इसे गंभीर नहीं होने दिया है।कई जगह टीकाकरण को लेकर यह अफवाह फैली कि इससे हार्ट अटैक और अन्य इफेक्ट हो रहे हैं, लेकिन शोध में ऐसी कोई बात सामने नहीं आई।
WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।