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तीन सौ ग्रामीणों ने ट्रैक पर उतर कर जाम कर दिया हावड़ा-नई दिल्ली रेल मार्ग, शताब्दी समेत कई ट्रेनें फंसी

Indian Railways ट्रेन रद होने से नाराज प्रधानखंता और आसपास के सैंकड़ों गांव वालों ने गुरुवार को हावड़ा-नई दिल्ली रेल मार्ग को घंटे भर जाम रखा। गोमो से आसनसोल जा रही मेमू के आगे लगभग तीन सौ लोग खड़े हो गए और ट्रेन रोक दिया।

By Jagran NewsEdited By: Deepak Kumar PandeyPublished: Thu, 01 Dec 2022 02:40 PM (IST)Updated: Thu, 01 Dec 2022 02:40 PM (IST)
हावड़ा से रांची जानेवाली शताब्दी एक्सप्रेस के पहिए भी थमे रहे।

जागरण संवाददाता, धनबाद: ट्रेन रद होने से नाराज प्रधानखंता और आसपास के सैंकड़ों गांव वालों ने गुरुवार को हावड़ा-नई दिल्ली रेल मार्ग को घंटे भर जाम रखा। गोमो से आसनसोल जा रही मेमू के आगे लगभग तीन सौ लोग खड़े हो गए और ट्रेन रोक दिया। इस वजह से बरकाकाना-आसनसोल पैसेंजर, धनबाद- पटना इंटरसिटी और हावड़ा से रांची जानेवाली शताब्दी एक्सप्रेस के पहिए भी थमे रहे।

धनबाद से गया रेल मार्ग के कोडरमा स्टेशन पर चल रहे नान इंटरलाकिंग के कारण पिछले कई दिनों से आसनसोल-वाराणसी मेमू एक्सप्रेस रद है। गुरुवार को भी ट्रेन रद रही। इससे छोटे स्टेशन के यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। प्रधानखंता और आसपास के सैंकड़ों गांव के लोगों को दूसरा विकल्प ढूंढ़ना पड़ रहा है। गांव के लोग रद ट्रेन के बदले दूसरी ट्रेन का ठहराव मांग रहे हैं। साथ ही दुमका-रांची इंटरसिटी का भी प्रधानखंता में ठहराव शुरू कराने की मांग डटे हैं। उनका कहना है कि दुमका-रांची इंटरसिटी का ठहराव कालूबथान में दिया गया है। उसी तरह प्रधानखंता में भी दिया जाए।

अपनी मांगों को लेकर रेलवे पर दबाव बनाने के लिए ही गुरुवार को सैकड़ों लोग पटरी पर उतरे और रेल परिचालन रोक दिया। घटना की जानकारी मिलते ही आरपीएफ समेत रेल अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और नाराज गांव वालों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन स्थानीय अधिकारियों के काफी मनाने के बाद भी गांव वाले नहीं माने और वरीय अधिकारियों के बुलाने का दबाव बनाया। बाद में वरीय अधिकारी से संपर्क कर मोबाइल से  गांव वालों की बात कराई गई। उन्हें भरोसा दिया गया कि उनकी मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा।

इस दौरान सीनियर अधिकारी से बात होने के बाद गांव वाले मान गए और रेलवे ट्रैक को जाम मुक्त कर दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि जल्द ठहराव शुरू नहीं हुआ तो दोबारा रेल का चक्का जाम कर देंगे और सारी ट्रेनों को रोक देंगे। घटना सुबह नौ बजे के आसपास की है। गांव वाले के ट्रैक से हट जाने के बाद लगभग 10 बजे रेल सेवा दोबारा बहाल हो गई। 


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