देखते ही देखते जमीं में समा गईं 3 थी महिलाएं, 34 घंटे के रेस्क्यू के बाद बरामद हुए शव: BCCL को कोस रहे लोग
धनबाद में गोंदुडीह कोलियरी के कुसुंडा क्षेत्र में संचालित एक आउटसोर्सिंग परियोजना के पास बने गोफ में रविवार दोपहर को तीन महिलाएं समा गईं। 24 घंटे से अधिक समय तक चले रेस्क्यू के बाद तीनों महिलाओं के शव बरामद किया गया। हादसे के बाद से लोग बीसीसीएल को कोस रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी जमीन रैयती है लेकिन बीसीसीएल ने न मुआवजा दिया और न जमीन।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 19 Sep 2023 05:46 PM (IST)
मोहन गोप, धनबाद। बीसीसीएल के कुसुंडा क्षेत्र में रविवार के हुए हादसे से पूरा इलाका स्तब्ध है। रविवार को भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के गोंदुडीह कोलियरी में जमीन धंसने से एक गोफ (गहरे गड्ढे) बन गया, जिसमें तीन महिलाएं गिर गईं थी।
गोफ में गिरी तीनों महिलाओं के शव बरामद कर लिए गए हैं। शव बरामद होने के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की।
34 घंटे तक चला एनडीआरएफ का रेस्कूय ऑपरेशन
बाघमारा सर्किल ऑफिसर रवि भूषण प्रसाद ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम ने लगातर 34 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर तीनों शवों को बरामद किया गया। रविवर को हुए इस हादसे के बाद पहला शव देर शाम को बरामद किया गया, इसके बाद दूसरा शव सोमवार दोपहर को और तीसरा शव सोमवार देर रात को बरामद किया गया।घर की चौखट से दिख रहा है गोफ
बता दें कि हादसे का शिकार हुई पोरला देवी (62) का घर घटनास्थल से महज 200 मीटर की दूरी है। घर की चौखट से घटनास्थल दिख रहा है। चौखट पर खड़ी पोरला की बेटी मानसी बिलख रही है। बार-बार अपनी मां की जिंदगी की प्रार्थना कर रही है।
धनबादः धनबाद में बीसीसीएल के कुसुंडा क्षेत्र में रविवार को गोफ में समा चुकीं तीन महिलाओं में से दो के शव शाम चार बजे तक निकाल लिए गए थे, जबकि एक अन्य की तलाश अब भी जारी है।
देखते ही देखते पूरा परिवार उजड़ गया
मानसी कह रही है पहले पिता और भाई की मौत हो गई थी, 2 माह पहले मेरे पति की मौत हो गई, सब कुछ उजड़ गया, तो मां पोरला देवी के घर आई। लेकिन आज मां भी चली गई।
सबकी आंखें नाम हैं, मानसी की तीन बहनों का भी रो-रो कर बुरा हाल है। दैनिक जागरण की टीम को मानसी अपने घर के अंदर ले गई, उसने शौचालय दिखाया, जो पहले ही हेवी ब्लास्टिंग से क्षतिग्रस्त हो गया है।मृतका पोरला देवी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।आंखों के सामने धंस गया शौचालय
मानसी ने बताया कि घर का शौचालय टूट गया है। इसकी टंकी भी जमीन के अंदर धंस गया है। ऐसे में मजबूरी में हम सभी लोग शौचालय के लिए बाहर जा रहे थे। लेकिन शौचालय ने मेरी मां की जान ले ली। आंखों के सामने घटना को देखा, लेकिन बचाने वाला कोई नहीं आया। मानसी ने बताया कि उसके पिता चेतलाल रजक बीसीसीएल कर्मी थे, उनकी मौत के बाद मां पोरला देवी को नौकरी मिली थी। इस बीच भाई की मौत हो गई, 2 महीने पहले ही मेरे पति की भी मौत हुई है। सब कुछ उजड़ गया। मानसी बताती है कि उसकी जमीन रैयत्ती है। कई बार बीसीसीएल को कहा गया, लेकिन न मुआवजा, न जमीन दिया गया। आखिर हम कहां जाएं।यह भी पढ़ें: फिर से थमेंगे ट्रेनों के पहिए: 20 सितंबर से शुरू होने जा रहा रेल रोको आंदोलन, TMC ने समर्थन देने से किया इंकार मृतका मंदवा देवीबिना नाश्ता किए गई थी मां, घर में हर जगह हो गया है गोफ
बगल के ही घर में भी मातम पसरा हुआ है। अपने घर के चौखट पर बैठकर आजाद रजक रो रहा है। पत्नी और भाई की भी हालत खराब है।आजाद बताते हैं घर में हर जगह गोफ हो गया है। शौचालय टूट गए हैं। आज इसी शौचालय नहीं रहने के कारण मेरी मां मंदवा देवी की जान चली गई। आजाद ने बताया उनकी जमीन 1908 की है। लेकिन बीसीसीएल ने पुनर्वास के तहत जगह नहीं दी है। मजबूरी में यहां रहना पड़ रहा है।रोते हुए आजाद ने बताया कि उसकी मां ने खाना नहीं खाया था, घर में बोलकर गई की शौचालय से आ रही हूं। कुछ ही देर बाद घटना की सूचना मिल गई, सब कुछ बिखर गया।मृतका ठंडी देवीघर की मालिक चली गई और कितनी जान लेगा बीसीसीएल
बगल कहीं घर पर 62 वर्षीय गणेश रजक बैठकर रो रहे हैं। बार-बार अपनी पत्नी ठंडी देवी की तस्वीर देख रहे हैं। वह बीसीसीएल और पुलिस से काफी नाराज हैं। गणेश ने बताया किसी तरीके से प्राइवेट काम करके गुजारा होता है। घर की मालिक मेरी पत्नी ठंडी देवी थी। पूरा घर वही संभालती थी, लेकिन आज उसकी जान चली गई।पत्नी ठंडी देवी का परिचय परिचय पत्र दिखाते पीड़ित गणेश रजकगणेश बताते हैं कि डेढ़ वर्ष पूर्व विस्थापन के तहत एक घर मिला है। लेकिन इस घर में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में हर दिन शौचालय के लिए बगल में जाना पड़ता है। लेकिन शौचालय नहीं होने के कारण आज पत्नी की जान चली गई।मृत महिलाओं के नाम
- पोरला देवी 62 वर्ष, पति स्वर्गीय चेतलाल रजक
- मंदवा देवी 72 वर्ष, पति स्वर्गीय संतु रजक
- ठंडी देवी 48 वर्ष, पति गणेश रजक