Move to Jagran APP

Topchanchi Lake Dhanbad: 50 वर्ष बाद तोपचांची झील का जलस्तर पहुंचा 78 फीट, इस बार पर्यटकों की संख्या में होगी बढ़ोतरी

Topchanchi Lake Dhanbad 50 वर्ष बाद तोपचांची झील का जलस्तर 78 फीट तक पहुंच गया। बरसात के समय भी यहां का जलस्तर 55 से 60 फीट तक ही रहता था। इसका नतीजा यह निकलता था कि गर्मियों के दिन में पानी की घोर किल्लत हो जाया करती थी।

By Sagar SinghEdited By: Updated: Thu, 05 Nov 2020 01:48 PM (IST)
Hero Image
धनबाद के तोपचांची झील का जलस्तर 78 फीट तक पहुंच गया है।

धनबाद, जेएनएन। 50 वर्ष बाद ऐसा हुआ है, जब धनबाद के तोपचांची झील (Topchanchi Lake) का जलस्तर 78 फीट तक पहुंच गया। बरसात के समय भी यहां का जलस्तर 55 से 60 फीट तक ही रहता था। इसका नतीजा यह निकलता था कि गर्मियों के दिन में पानी की घोर किल्लत हो जाया करती थी। इस बार बरसात में ही इसका जलस्तर 70 फीट तक पहुंच गया था। इसके बाद रुक रुककर हुई बारिश की वजह से अब जलस्तर 78 फीट तक पहुंच चुका है। इस बार बढ़ते जलस्तर पर माडा ने संतोष जताया है कि पानी की कमी नहीं होगी। लागातर हुई बारिश के कारण तोपचांची झील इस वर्ष लबालब पानी भर गया है।

लगभग 50 वर्ष पहले ऐसी स्थिति बनी थी। 2010-11 में भी झील का जलस्तर 70 फीट तक पहुंच गया था, लेकिन 78 फीट तक पानी काफी समय बाद देखने को मिल रहा है। झील की क्षमता 72 फीट है। अभी इससे अधिक पानी है। अब अगर सर्दियों में एक बार भी बारिश हुई तो पानी ओवरफ्लो होकर बहने लगेगा। झील का जलस्तर बढ़ने के कारण इस वर्ष के साथ साथ अगले वर्ष तक कोयलांचल के लोगों को पानी की समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। आधे कोयलांचल की प्यास तोपचांची झील बुझाता है। इसी अप्रैल माह में झील में मात्र 25 दिनों का पानी शेष था। माडा चिंतित हो गया था कि बरसात न हुई तो पानी की आपूर्ति कैसे होगी।

दिसंबर-जनवरी में बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या: झील में दिसंबर-जनवरी में पर्यटकों की आमद भी बढ़ेगी। इस संभावना को देखते हुए माडा ने यहां ट्वाय ट्रेन और बोटिंग की सुविधा देने का फैसला किया है। मैथन डैम की तर्ज पर इसे पर्यटन स्थल में तब्दील करने पर विचार किया जा रहा है। गेस्ट हाउस को भी सुधारा जाएगा। आमदनी बढ़ाने के लिए नए सिरे से यहां पार्किंग व्यवस्था लागू होगी।

आधे कोयलांचल को मिलता है झील से पानी: तोपचांची झील से तिलाटांड़, छाताबाद, गुहिबांध, तेतुलमारी, सिजुआ, कतरास समेत आधे कोयलांचल में पानी की सप्लाई की जाती है। झील में जलस्तर के बढ़ने से यहां के लोगों को फायदा मिलेगा। ब्रिटिश काल में बनी यह झील वर्षो से तोपचांची समेत आधे कोयलांचल की प्यास बुझा रही है। पारसनाथ पहाड़ तथा आसपास के पहाड़ से ढोलकठा नाला और ललकी नाला के माध्यम से तोपचांची झील में पानी पहुंचता है। बिना किसी इलेक्ट्रिक मशीन के सहारे पानी की आपूर्ति की जाती है। वाटर लाइन के सहारे यहां से पानी तिलाटांड़ पहुंचता है। यहां से विभिन्न इलाकों में पानी की सप्लाई की जाती है।

कई वर्षों बाद झील में पर्याप्त पानी मिला है। इसका सदुपयोग किया जाएगा। अगले वर्ष गर्मी में पानी की किल्लत झेलनी नहीं पड़ेगी। हर साल गर्मी में पानी की किल्लत हो जाया करती थी। इस बार झील में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए मनोरंजन के लिए कुछ विशेष प्लान किए जा रहे हैं। -दिलीप कुमार, एमडी माडा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।