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बॉलीवुड सुपरस्‍टार धर्मेंद्र के इस फिल्‍म की हो चुकी है तोपचांची झील में शूूटिंग, खूबसूरती इतनी कि तारीफ करते नहीं थकेगी जुबां

धनबाद के तोपचांची झील में दिसंबर के शुरू होते ही पर्यटक पहुंचने लगे हैं। यहां की खूबसूरती इतनी है कि लोग यहां आने से खुद को नहीं रोक पाते हैं। बॉलीवुड से लेकर कई मशहूर बंगाली फिल्‍मों की शूटिंग यहां चुकी है। यहां साइबेरियन पक्षी भी मीलों का फासला तय कर पहुंचते हैं। हालांकि अब पर्याप्‍त देखरेख के अभाव में इसकी हालत खराब होती जा रही है।

By Manoj Kumar SwankarEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 13 Dec 2023 04:19 PM (IST)
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धरती पर स्‍वर्ग धनबाद के तोपचांची झील में पहुंचने लगे पर्यटक।
मनोज स्वर्णकार, (तोपचांची)। तोपचांची वाॅटर बोर्ड झील की प्राकृतिक और नैसर्गिक सौंदर्यता पर्यटकों को लुभा रहे हैं। पारसनाथ पहाड़ का मनोरम दृष्य और पहाड़ियों की गोद में बसी तोपचांची झील की नैसर्गिक दृश्य देश भर में बिख्यात रही है। यही कारण है की बंगला फिल्मों के निर्देशक यहां के अनुपम सौंदर्य से अभिभूत होकर कई फिल्मों की शुर्टिंग भी कर चूंके है।

फिल्म 'मोहब्‍बत एक जिंदगी है' की हो चुकी है शूटिंग

वर्ष 1966 में बॉलीवुड स्टार धर्मेन्द्र, राजश्री तथा महमूद की फिल्म 'मोहब्‍बत एक जिंदगी है' के कई दृश्य यहां फिल्‍माए गए हैं। बंगला फिल्म के अभिनेता उत्तम कुमार की कई फिल्मों की शूटिंग भी झील में हो चुकी है। यहां के स्थानीय कलाकारों ने भी दर्जनों खोरठा गीत का शूटिंग यहां किया है।

सायबेरियन पंछी भी हजारों मील का फासला तय कर पहुंचते हैं

झील की नैसर्गिक सौंदर्यता के कारण आज भी बंगाल, बिहार और यूपी से काफी संख्या में पर्यटक तोपचांची झील की खूबसूरती को देखने पहुंचते हैं। इनका यहां आना दिसंबर के महीने से ही शुरू हो गया है।

तोपचांची झील की खूबसूरती के कायल केवल पर्यटक ही नहींं, बल्कि विदेशी सायबेरियन पंछी भी है, जो हर वर्ष हजारों मील का फासला तय कर तोपचांची झील आते हैं और फरवरी माह के अंत होते-होते सभी वापस चले जाते हैं।

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झील का सही से नहीं हो रहा है रखरखाव

हाल के दिनों में झील की बदहाली स्थिति देख धनबाद के डॉक्टर एनके सिंह ने कहा कि तोपचांची झील जैसे दृश्य शायद पूरे झारखंड में नही होगा, लेकिन देखरेख के अभाव में झील की स्थिति खराब हो गई है।

झील के मुख्य द्वार से लेकर डैम तक की मुख्य सड़क काफी जर्जर हालत में है। इसे सुधारने की जरूरत है। वह अपने परिवार के साथ झील घूमने पहुंचे थे।

तोपचांची झील जाने वाली मुख्य सड़क की जर्जर हालत।

कैसे पहुंचे झील

धनबाद से तोपचांची झील आने के लिए नेशनल हाइवे सड़क से 35 किलोमीटर का रास्‍ता तय करना पड़ता है।पर्यटक रेल मार्ग से गोमो स्टेशन उतरकर 7 किलोमीटर का सफर तय कर भी तोपचांची झील पहुंचते हैं। 

झील की इतिहास

15 नवंबर, 1924 को तत्‍कालीन बिहार-ओडिशा के गवर्नर सर हेनरी व्हीलर ने इस झील की नींव रखी थी।

तोपचांची झील सौंदर्यकरण योजना के तहत पर्यटन विभाग ने वर्ष 2007 में यहां सैलानियों के लिए नौका विहार की व्यवस्था की थी, जो कुछ वर्ष तक चलने के बाद बंद हो गया।

झील 6 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। झील में सुरक्षा को लेकर एक माडा कर्मी ही तैनात रहता है। जनवरी माह में तोपचांची पुलिस के द्वारा सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की जाती है।

पर्यटकों के लिए बनाए गए शौचालय में लटका रहता है ताला.

झील में आने वाले पर्यटकों को शौचालय की कमी का सामना करना पड़ता है। पर्यटकों के लिए यहां पर महिला- पुरुष के लिए दो यूनिट शौचालय का निर्माण करवाया गया है।

निर्माण कार्य के 4 वर्ष बीत जाने के बावजूद शौचालय में ताला लटका हुआ है, जिसके कारण पर्यटकों को शौच के लिए भारी परेशानियों का सामना उठाना पड़ता है। साथ ही पीने के लिए पानी की व्यवस्था नही है।

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