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किराया बढ़ाने पर स्कूल वैन चालकों को नहीं मिलेंगी रियायतें, 11 से कार्रवाई Dhanbad News

परिवहन विभाग के जिस आदेश का हवाला स्कूली वैन संचालक दे रहे हैं उसका पूरा हिसाब परिवहन विभाग के पास है। प्राइवेट से व्यवसायिक करने में वैन संचालक मोटा खर्च होने का तर्क दे रहे हैं।

By MritunjayEdited By: Updated: Sat, 31 Aug 2019 08:51 AM (IST)
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किराया बढ़ाने पर स्कूल वैन चालकों को नहीं मिलेंगी रियायतें, 11 से कार्रवाई Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। प्रशासन ने स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा का पैमाना निर्धारित क्या कर दिया कि वैन संचालकों ने अभिभावकों पर अचानक किराया बढ़ाने का दबाव बना दिया है। इसके लिए बकायदा वैन संचालक अभिभावकों को तर्क दे रहे हैं कि परिवहन विभाग ने व्यवसायिक निबंधन व अन्य सुरक्षा मानकों को लगाना अनिवार्य कर दिया है। स्कूल पहुंचाने के लिए अतिरिक्त 500 रुपये किराया लगेगा। किराया बढ़ा तो बोझ अभिभावकों पर ही पड़ेगा, जबकि उपायुक्त व जिला परिवहन अधिकारी ने किराया बढ़ाने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। जबकि परिवहन विभाग ने वैन संचालकों को कुछ रियायतें भी दी हैं। जिला परिवहन अधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा मानकों से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जाएगा। विभाग ने इसके लिए रणनीति भी तैयार की है।

परिवहन विभाग के खाता में है स्कूली वैन का हिसाबः परिवहन विभाग के जिस आदेश का हवाला स्कूली वैन संचालक दे रहे हैं उसका पूरा हिसाब किताब परिवहन विभाग के पास है। प्राइवेट से व्यवसायिक करने में वैन संचालक मोटा खर्च होने का तर्क दे रहे हैं। विभाग ने इसे खारिज कर दिया है। विभाग ने जब अपने खाता-बही में इस खर्चे का हिसाब किया तो पाया कि एक वैन पर 20 से 22 हजार रुपये का खर्च है, यह वन टाइम यानि एक बार ही देना है। क्योंकि अब व्यवसायिक वाहनों का निबंधन भी प्राइवेट वाहनों की तरह वन टाइम ही हो गया है।

स्कूली वैन को व्यवसायिक करने में खर्च

पुर्व में निबंधित वैन के लिए

  • टैक्स - 1172 रूपये
  • एमवीआइ - 738 रूपये
  • स्मार्ट कार्ड - 47.07 रूपये

इसके अलावा वैन यदि पांच साल पुराना है तो उसको 10 साल का ही टैक्स देना होगा। यह टैक्स (वैन की एक्स शोरूम कीमत का सात प्रतिशत) होगा। इसके अलावा उस टैक्स को घटाया जाएगा जो वह पूर्व में एक मुश्त प्राइवेट निबंधन के समय दे चुके हैं।

नए वैन के लिए

- वैन के एक्स शोरूम कीमत का सात प्रतिशत टैक्स

- निबंधन शुल्क - 1000 रूपये

- स्मार्ट शुल्क - 200 रूपये

- एचपी शुल्क - 1500 रूपये

- स्मार्ट कार्ड - 47.07 रूपये

वैन संचालकों को ये मिली है रियायत

स्कूली वैन संचालकों के आग्रह पर परिवहन विभाग ने कुछ रियायतें भी दी है। ताकि उनपर भी अधिक दबाव नहीं पड़े।

- वैन को कलर कराने की पाबंदी नहीं है

- सीट क्षमता (7 प्लस एक) स्वीकृत है। जबकि वैन में यदि छोटे बच्चे हैं तो 12-15 तक ले जा सकते हैं

- यदि बड़े है तो 10-12 तक ले जा सकते हैं

- लोहे या अन्य किसी भी मेटल या अन्य चीजों से बनी जाली का इस्तेमाल कर सकते हैं जबकि लोहे की जाली ही अनिवार्य होता है।

- सुरक्षा मानक के लिए 10 सितंबर तय है लेकिन वैन का व्यवसायिक निबंधन कराने के समय में थोड़ी छूट दी गई है।

10 सितंबर तक सुरक्षा मानक की मियादः जिला परिवहन विभाग ने न केवल स्कूली वैन संचालकों बल्कि स्कूलों में चलने वाले अन्य छोटे वाहनों को सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए 10 सितंबर तक का समय दिया गया है। तय मियाद के बाद 11 सितंबर को जिला परिवहन विभाग का कुनबा सड़कों पर उतरेगा और स्कूली वैन की जांच करेगा। इस जांच के दौरान किसी भी स्कूली वैन को बख्शा नहीं जाएगा।

किराया बढ़ाने को लेकर वैन संचालक जिन तथ्यों का तर्क दे रहे हैं वह गलत है। उन्हें कुछ रियायत भी दी गई है। जिसके बाद उनपर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। इसके बाद भी वे किराया बढ़ाने की बात करते हैं तो फिर उन्हें किसी तरह की कोई रियायत नहीं दी जाएगी, और फिर पूरी तरह परिवहन नियम का पालन किया जाएगा। जिसके बाद उनकी परेशानी बढ़ जाएगी।

-ओम प्रकाश यादव, जिला परिवहन पदाधिकारी