तो इस वजह से कम डाले गए थे वोट... 2019 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की इन दो सीटों पर राष्ट्रीय औसत से कम हुआ था मतदान
Lok Sabha Election 2024 साल 2019 के चुनाव में झारखंड के झरिया और धनबाद विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम मतदान हुआ था। उस दौरान यहां मात्र 50 फीसदी मतदान हुआ था। इसके पीछे क्या वजह रही होगी यही तलाशने आज केंद्रीय निर्वाचन आयोग के सचिव संतोष कुमार धनबाद पहुंच रहे हैं। इस दौरान राज्य चुनाव आयुक्त के रवि कुमार भी धनबाद में रहेंगे।
जागरण संवाददाता, धनबाद। राज्य में लोकसभा 2019 चुनाव में झरिया और धनबाद विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम मतदान हुआ था। अब इसे लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने यहां जन जागरूकता अभियान चलाने को कहा है। गुरुवार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग के सचिव संतोष कुमार धनबाद पहुंच रहे हैं।
धनबाद और झरिया में जन जागरूकता अभियान
राज्य चुनाव आयुक्त के रवि कुमार भी धनबाद में रहेंगे। इस दौरान वर्ष 2019 में कम मतदान होने के पीछे का कारण ढूंढेंगे। इधर केंद्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन आयोग ने धनबाद और झरिया में विशेष जन जागरूकता अभियान शुरू कर रहा है।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त माध्यमिक मिश्रा ने इस संबंध में सभी सरकारी कार्यालय को पत्र जारी करके इन इलाकों में विभिन्न तरीके से लोगों को जागरूक करने को कहा है। इसमें स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और कर्मचारियों को भी लगाया जा रहा है।
अब अधिकारी कोशिश में है कि इन दोनों जगह में मतदान प्रतिशत बढ़ता है। मतदान को लेकर राष्ट्रीय औसत 67 प्रतिशत है। इन दोनों इलाकों में राष्ट्रीय औसत के बराबर मतदान कराने की कोशिश हो रही है।
कम मतदान के पीछे नहीं मिल रहा कोई ठोस कारण
झारखंड में सबसे कम धनबाद और झरिया में मतदान होने के पीछे का कोई ठोस कारण जिला निर्वाचन विभाग को नहीं मिल पा रहा है।इससे पहले झरिया के मजदूर बहुल इलाकों के श्रमिक प्रतिनिधियों के साथ जिला प्रशासन ने बातचीत की। लोगों को अधिक से अधिक मतदान में भाग लेने की अपील की गई है। हालांकि बातचीत के दौरान अलग-अलग छोटे-छोटे कारण मिले हैं। इस पर गहन समीक्षा हो रही है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।इन करणों से कम मतदान की आशंका
- - झरिया के हर क्षेत्र में पानी की बड़ी समस्या है लेकिन आज तक इसका निदान नहीं हुआ, लोग नाराज हैं।
- - झरिया के कई लोगों का पुनर्वास शहर के दूसरी ओर हो गया है, ऐसे में मतदान केंद्र भी बदल गया है। लोग दूर जाकर मतदान नहीं करना चाह रहे हैं। - झरिया पुनर्वास को लेकर काम बहुत धीमा चल रहा है, इसे लेकर भी लोगों में नाराजगी है।
- - झरिया में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, जिसका कोई ठोस निदान नहीं हुआ है।
- - धनबाद और झरिया में बेरोजगारी की बड़ी समस्या है, इसका भी निदान नहीं हुआ है।
- - नियमित बिजली और पानी भी धनबाद और झरिया में लोगों को नहीं मिल पाता है।
- - इन सभी समस्याओं के निदान पर जिला निर्वाचन विभाग भी नजर रख रहा है।