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Weekly News Roundup Dhanbad: दशहरा में छुट्टी नहीं तो पृथकवास, अब क्या करेंगे साहब

ग्रामीण सड़क विकास कार्यालय में काफी हलचल है। ठेकेदार भी भीड़ लगाए हुए है। जूनियर इंजीनियर को फील्ड से कार्यालय आने के लिए कहा जा रहा है। रांची ने 2009 में बने ग्रामीण सड़कों की स्थिति पर रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट तैयार भी हो रही है।

By MritunjayEdited By: Updated: Wed, 21 Oct 2020 04:32 PM (IST)
पूजा में भी छुट्टी नहीं मिलने से उपायुक्त कार्यालय के कर्मचारी परेशान हैं।
धनबाद [ आशीष अंबष्ठ ]। Weekly News Roundup Dhanbad  दुर्गापूजा का समय है। कोरोना महामारी के कारण सात माह से आना-जाना बंद है। साल भर का त्योहार दुर्गापूजा है, इसमें गांव भी जाना है। बाहर काम करनेवाले लोग भी गांव आए हैं। लंबे समय बाद उन सबसे मुलाकात होगी। उपायुक्त उमाशंकर सिंह का फरमान है कि कोरोना महामारी के समय छुट्टी नहीं मिलेगी। चाहें वह जिस स्तर के कर्मचारी क्यों न हों।विभाग में काम करनेवाले कुछ लोग अब स्वजन के साथ पूजा की छुट्टी बिताने घर जाना चाहते हैं, लेकिन साहब छुट्टी नहीं दे रहे। हालांकि इसकी काट कर्मचारियों ने निकाल ली है। कोरोना जांच या उसके संपर्क में आने का बहाना बताकर आइसोलेशन में रहने का। इस पर किसी का जोर भी नहीं चलेगा। जांच भी नहीं होगी। छुट्टी नहीं मिलने पर भी पूजा में गांव का खूब मजा स्वजन के साथ लेंगे।

पहले के टीक नहीं रहे नए की व्यवस्था में विभाग

मिश्रित भवन के डीएमएफटी विभाग में फाइल समटने में सभी लगे हैं। जिले में खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से अनुबंध पर चिकित्सकों की बहाली की गई। चिकित्सकों की कमी पहले ही प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। अब 25 डॉक्टरों में 7 डॉक्टर ही बचे हैं। जो बचे हैं वो नौकरी छोड़कर ना जाएं इसके लिए मान-मनौव्वल का दौर चल रहा है। विभाग के लोग फाइल अपडेट कर ठोस कारण निकालने में लगे हैं। प्रशासन का भी दबाव इतना है कि चिकित्सक अपने मन मुताबिक काम नहीं कर पा रहे। नतीजा नौकरी छोडऩा उन्हें आसान लगा। इतना तो बाहर क्लिनिक में बैठकर कमा लेंगे। अब सिविल सर्जन की नींद हराम हो गई है। सदर अस्पताल और कोरोना की व्यवस्था को कैसे दुरुस्त रखा जाए, जवाब देते नहीं बन रहा।

गए थे हथियार ढूंढऩे, लेकर आए खैनी-चूना

धनबाद जेल में सरगर्मियां बढ़ गई हैं। प्रशासन की नजर जेल की गतिविधियों पर है। हाल के दिनों में शहर में घटनेवाली घटना में जेल से वारदात को अंजाम देने की सूचना मिली। जानकारी मिली की जेल में हथियार पहुँच गया है। शूटर अंदर से ही सारी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। साहब को भनक लगी तो टीम बनाकर छापेमारी के लिए भेज दिया। छापेमारी शुरू हुई। कैदियों के बीच हलचल। चर्चा यह भी रही कि माफिया शूटर बहुत तेज है अंदर कुछ नहीं मिलेगा। और खैनी-चूना के सिवा कुछ मिला भी नहीं, लेकिन बड़े साहब ने छापेमारी टीम गठित कर दी है। साहब के कहने पर कार्यालय में एक नई फाइल भी खुल गई। एसडीओ के नेतृत्व में टीम बनी। अब एसडीओ,सीओ,बीडीओ को नया काम मिल गया है। बड़ा बाबू की परेशानी बढ़ गई है। हर छापेमारी की रिपोर्ट जो तुरंत तैयार कर साहब को देनी है।

रिपोर्ट बनी नहीं और तबादले की सूचना आ गई

ग्रामीण सड़क विकास कार्यालय में काफी हलचल है। ठेकेदार भी भीड़ लगाए हुए है। जूनियर इंजीनियर को फील्ड से कार्यालय आने के लिए कहा जा रहा है। रांची ने 2009 में बने ग्रामीण सड़कों की स्थिति पर रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट तैयार भी हो रही है। दूसरा पहलू यह है कि पुरानी योजना जो स्वीकृत है, उसे पूरा करने को फंड ही नहीं है। ग्रामीण सड़कों की स्वीकृति विधायक मद से होती है और कोरोना संकट की वजह से विधायक मद अब तक आवंटित नहीं हुआ है। रिपोर्ट सचिव स्तर से मांगी मांगी गई है। रिपोर्ट तैयार करने में लगे अधिकारी कार्यपालक अभियंता आर राय को इसी बीच तबादले की सूचना मिल जाती है। साहब तुरंत सारा काम छोड़ रांची हाजिरी लगाने पहुंच जाते हैं। किस्मत अच्छी है कि रांची में इनकी फरियाद सुननेवाले भी मिल जाते हैं। आश्वासन मिलता है कि दिसंबर तक रोक लगा देते हैं, इसके बाद आप स्वयं बड़े साहब से समझें।

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