Kurmi Protest: गोमो में बिगड़े हालात, बेरिकेडिंग तोड़कर ट्रैक पर उतरे आंदोलनकारी, RPF के साथ हुई हाथापाई
अनुसूचित जनजाति का दर्जा हासिल करने और कुडूमाली भाषा को संवैधानिक भाषा की मान्यता देने की मांग को लेकर कुड़मी समाज ने आज से अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन शुरू किया है। इसे रोकने के लिए गोमो स्टेशन परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया लेकिन बड़ी संख्या में आंदोलनकारियों का हुजूम बेरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ता रहा। इस दौरान आरपीएफ संग इनकी धक्का-मुक्की भी हुई।
संवाद सहयोगी, गोमो/ तोपचांची। वृहद झारखंड आदिवासी कुड़मी मंच के द्वारा आहूत रेल टेका, डहर छेका आंदोलन को नाकाम करने को लेकर आरपीएफ, आरपीएसएफ तथा जिला पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ गोमो स्टेशन पर जमे हुए हैं।
हरिहरपुर थाना क्षेत्र में लागू धारा 144
मंगलवार देर रात को आंदोलनकारियो के आने की सूचना पर तोपचांची अंचल के पूरे हरिहरपुर थाना क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गयी है।
वहीं रात से रेल पुलिस अलर्ट मोड़ पर है और गोमो स्टेशन आने वाले सभी रास्तों में बैरेकेटिंग कर पहरा लगा दिया।
पुलिस की सक्रियता को देखते हुए मंगलवार की रात से लेकर बुधवार की सुबह 8 बजे तक एक भी आंदोलनकारी रेल रोकने गोमो स्टेशन नहीं पहुंचे।
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गोमो स्टेशन की ओर बढ़ता रेल रोको आंदोलनकारियों का हुजूम
बेरिकेड तोड़ आगे बढ़ा हुजूम
सुबह 8 बजकर 4 मिनट पर आंदोलनकारी दो टाटा सूमो में सवार होकर आए फिर वापस लौट गए। लेकिन एक बजे के करीब रेल रोको आंदोलन का असर गोमो में भी दिखने लगा।
600 से ज्यादा लोग बेरिकेड तोड़कर गोमो स्टेशन पर ढोल नगाड़े और पारंपरिक हथियार के साथ पहुंचे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। इन्होंने गोमो स्टेशन पर ट्रेनें रोक दी।
गोमो-चक्रधरपुर एक्सप्रेस और गोमो-बरवाडीह मेमू स्पेशल के आगे रेलवे ट्रैक पर उतर कर ट्रेनें रोक दी। पुलिस और आरपीएफ के साथ इनकी धक्का- मुक्की भी हुई।
गौरतलब है कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा हासिल करने और कुडूमाली भाषा को संवैधानिक भाषा की मान्यता देने की मांग को लेकर झारखंड सहित ओडिशा में आज से अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन की शुरुआत हुई है। बंगाल में आंदोलन स्थगित कर दिया गया है क्योंकि कलकत्ता हाई कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया है।
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