World Mental Health Day 2023: आखिर क्यों सुसाइड के रास्ते आगे बढ़ रहा बचपन, वक्त रहते काउंसिलिंग है बेहद जरूरी
World Mental Health Day 2023 आजकल बच्चे मानसिक तनाव से अधिक जूझ रहे हैं। करियर व पढ़ाई के बोझ से वे डिप्रेशन जैसी कई मानसिक बीमारियाें की चपेट में आ रहे हैं और सेल्फ हार्मिंग बिहेवियर के शिकार हो रहे हैं। एसएनएमएमसीएच व सदर अस्पताल में मानसिक तनाव को लेकर निशुल्क परामर्श की व्यवस्था है। मानसिक स्वास्थ्य एक इंसान का सार्वभौमिक अधिकार है।
बच्चों के साथ दोस्ताना रवैया अपनाया जरूरी
बेहतर मानसिक स्वास्थ्य सबका अधिकार
केंद्र में किशोर-किशोरियों का निशुल्क परामर्श दिये जाते हैं। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 में इस वर्ष का थीम 'मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है' है। इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी लोगों को जागरूक कर रहा है। सदर अस्पताल के अलावा एसएनएमएमसीएच में परामर्श की सेवा है।यह भी पढ़ें: Jharkhand: छठी कक्षा की छात्रा स्कूल की छत से कूदी, पढ़ाई से परेशान होकर उठाया यह कदम, कॉपी में छोड़ा नोटMental health is a human right!
WHO and @UNHumanRights have launched new guidance to support countries to end human rights abuses and improve access to quality #MentalHealth care https://t.co/lKXrWueAyj pic.twitter.com/h516ZVUbUW
— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 9, 2023
बच्चों पर दबाव दे रहे अभिभावक: अनुपमा
अनुराधा आगे बताती हैं कि बच्चों पर अभिभावक पढ़ाई का बोझ बढ़ा रहे हैं। अपनी महत्वकांक्षा उन पर थोप रहे हैं। वहीं मोबाइल बच्चों को एक्सपोजर दे रहा है। किशोर होने पर बच्चों में शारीरिक के साथ मानसिक परेशानी बढ़ती है, लेकिन अभिभावक शारीरिक परेशानी होने पर बच्चों को मदद कर रहे हैं, मानसिक परेशानी को अभिभावक दरकिनार कर देते हैं।जरूरी यह है कि किशोरावस्था में बच्चों के साथ दोस्त बन जाइये। दोस्त की तरह उसके साथ रहिए, उनकी फीलिंग समझिए, उसे दूर कीजिए। उन्हें विश्वास में रखिए।इलेक्ट्राॅनिक गैजेट और रहन-सहन में बदलाव किशोर-किशोरियों युवाओं को तेजी से प्रभावित कर रहा है। पढ़ाई के साथ खुद को श्रेष्ठ दिखाने के चक्कर में युवा सेल्फ हार्मिंग बिहेवियर के शिकार हो रहे हैं। इस बिहेवियर के अंतर्गत किशोर अथवा युवा खुद को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है।No matter who you are, you have the right to the highest attainable standard of #MentalHealth
This means you have the right to the treatment & resources that allow you to cope, connect & thrive in the world.
Find out more about your rights… pic.twitter.com/31Nqq3ljTY
— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 9, 2023