Move to Jagran APP

World Mental Health Day 2023: आखिर क्‍यों सुसाइड के रास्‍ते आगे बढ़ रहा बचपन, वक्‍त रहते काउंसिलिंग है बेहद जरूरी

World Mental Health Day 2023 आजकल बच्‍चे मानसिक तनाव से अधिक जूझ रहे हैं। करियर व पढ़ाई के बोझ से वे डिप्रेशन जैसी कई मानसिक बीमारियाें की चपेट में आ रहे हैं और सेल्फ हार्मिंग बिहेवियर के शिकार हो रहे हैं। एसएनएमएमसीएच व सदर अस्पताल में मानसिक तनाव को लेकर निशुल्क परामर्श की व्यवस्था है। मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य एक इंसान का सार्वभौमिक अधिकार है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Tue, 10 Oct 2023 10:00 AM (IST)Updated: Tue, 10 Oct 2023 10:00 AM (IST)
बच्‍चों में पढ़ाई व करियर के बोझ से बढ़ता तनाव।

जागरण संवाददाता, धनबाद। World Mental Health Day 2023: आधुनिक जीवन शैली, आगे निकलने के लिए भाग दौड़, करियर और पढ़ाई का बोझ मानसिक तनाव पैदा कर रहा है। बच्चे सेल्फ हार्मिंग बिहेवियर के शिकार हो रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि धनबाद में पिछले 5 वर्ष (2019 से लेकर 2023) के बीच 768 लोगों ने आत्महत्या की। इसमें 18 प्रतिशत आत्महत्या करने वाले की उम्र 24 वर्ष से कम है। ऐसे में किशोर अवस्था में काउंसलिंग बेहद जरूरी हो जाती है।

बच्‍चों के साथ दोस्‍ताना रवैया अपनाया जरूरी

गुरुनानक काॅलेज की मनोविज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर अनुराधा कुमारी कहती हैं कि किशोर-किशोरियों की उम्र संवेदनशील होती है। ऐसे में इन्हें एक ओर शारीरिक परिवर्तन, तो दूसरी ओर मानसिक परिवर्तन से गुजरना पड़ता है।

हार्मोनल बदलाव के कारण इनमें सोचने और समझने की तर्कशक्ति ज्यादा नहीं हो पाती है। इनकी प्रतियोगिता अपने सहपाठियों और दोस्तों से ज्यादा होती है। अभिभावक या घर के किसी भी सदस्य की ओर से कोई भी डांट- फटकार की बात इन्हें लग जाती है और ये तुरंत गलत निर्णय ले लेते हैं।

ऐसे में अभिभावकों के लिए जरूरी है कि वे बच्‍चों के प्रति दोस्‍ताना रवैया अपनाए। उनकी बातों को समझ कर उन्हें समाधान करने की कोशिश करें। डांट- फटकार की जगह पर उन्हें प्यार से समझाया जाए। प्यार से ही उन्हें सही और गलत के बारे में बताया जाए।

प्रोफेसर अनुराधा कुमारी की फोटो। 

बेहतर मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य सबका अधिकार

केंद्र में किशोर-किशोरियों का निशुल्क परामर्श दिये जाते हैं। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2023 में इस वर्ष का थीम 'मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है' है। इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी लोगों को जागरूक कर रहा है। सदर अस्पताल के अलावा एसएनएमएमसीएच में परामर्श की सेवा है।

यह भी पढ़ें: Jharkhand: छठी कक्षा की छात्रा स्‍कूल की छत से कूदी, पढ़ाई से परेशान होकर उठाया यह कदम, कॉपी में छोड़ा नोट

बच्चों पर दबाव दे रहे अभिभावक: अनुपमा

अनुराधा आगे बताती हैं कि बच्चों पर अभिभावक पढ़ाई का बोझ बढ़ा रहे हैं। अपनी महत्वकांक्षा उन पर थोप रहे हैं। वहीं मोबाइल बच्चों को एक्सपोजर दे रहा है।

किशोर होने पर बच्चों में शारीरिक के साथ मानसिक परेशानी बढ़ती है, लेकिन अभिभावक शारीरिक परेशानी होने पर बच्चों को मदद कर रहे हैं, मानसिक परेशानी को अभिभावक दरकिनार कर देते हैं।

जरूरी यह है कि किशोरावस्था में बच्चों के साथ दोस्त बन जाइये। दोस्त की तरह उसके साथ रहिए, उनकी फीलिंग समझिए, उसे दूर कीजिए। उन्‍हें विश्वास में रखिए।

इलेक्ट्राॅनिक गैजेट और रहन-सहन में बदलाव किशोर-किशोरियों युवाओं को तेजी से प्रभावित कर रहा है। पढ़ाई के साथ खुद को श्रेष्ठ दिखाने के चक्कर में युवा सेल्फ हार्मिंग बिहेवियर के शिकार हो रहे हैं। इस बिहेवियर के अंतर्गत किशोर अथवा युवा खुद को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है।

केस स्टडी एक

भाई ने डांटा, तो खा लिया जहर

निरसा की रहने वाली रहने वाली 14 वर्षीय किशोरी ने 16 अगस्त को जहर खा लिया। अस्पताल पहुंचने पर घर वालों ने बताया फोन पर बात करने को लेकर भाई ने फटकारा था। इसके बाद किशोरी ने जहर खा लिया। किसी तरीके से अस्पताल में जान बच पाई।

केस स्टडी 2

पिता ने डांटा, तो किशोरी ने खाया जहर

धनसार की रहने वाली किशोरी ने 7 मई, 2023 को जहर खा लिया। पढ़ाई को लेकर पिता ने डांट-फटकार लगाई थी। पढ़ाई में लगातार कमजोर हो रही थी, परेशान होकर जान देने की कोशिश की। बात में अस्पताल में जान बची।

केस स्टडी 3

पढ़ाई में कम नंबर आया तो लगा ली फांसी

हीरापुर के रहने वाली 16 वर्षीय किशोरी ने 18 मार्च को घर में फांसी लगा ली। गंभीर अवस्था में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उसकी किसी तरीके से जान बच पाई। बताया कि मैट्रिक में उसके नंबर कम आए थे, जिससे वह काफी डिप्रेशन में आ गई थी।

यह भी पढ़ें: डिप्रेशन में चल रहे 16 साल के पीयूष ने पंखे से लटककर दी जान, पढ़ाई को लेकर तनाव में चल रहा था छात्र


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.