Jharkhand News दुमका के 11 मजदूरों को तमिलनाडु में बंधक बना लिया गया है। रिहाई के बदले में उनके परिवारों से पैसे मांगे जा रहे हैं। दो परिवारों ने पहले ही 15-15 हजार रुपये भेज दिए हैं। पीड़ित परिवारों ने एसपी से मदद की गुहार लगाई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बंधक बनाए गए कुछ लोग आदिवासी परिवार से संबंध रखते हैं।
जागरण संवाददाता, दुमका। चार दिन पहले रोजगार की तलाश में रामगढ़ प्रखंड के अमड़ापहाड़ी से तामिलनाडु गए 11 मजदूरों को वहां पर बंधक बना लिया गया। रिहाई के बदले में परिवार वालों से पैसों की मांग की जा रही है। दो परिवार ने 15 हजार रुपये भेज भी दिया।
शनिवार की शाम पीड़ित परिवार ने एसपी से सभी की सकुशल वापसी की गुहार लगाई है। पुलिस ने वापसी का प्रयास तेज कर दिये हैं।
पुलिस अधीक्षक को दिए आवेदन में बाबू पहाड़िया व महाश्वेता देवी ने बताया कि रोजगार की तलाश में गांव का राजू पहाड़िया, शंकर पहाड़िया, जोगेश सोरेन, मुंशी मुर्मू, नोवेन सोरेन, दीपक पहाड़िया और राजकिशोर पहाड़िया के साथ 11 मजदूर काम की तलाश में चार दिन पहले तामिलनाडु जाने की बात कहकर घर से निकले थे।
तामिलनाडु पहुंचने के बाद सभी को बंधक बना लिया गया। अब रिहाई के बदले में एक मोबाइल नंबर से पैसों की मांग की जा रही है। एक बार दस और दूसरी बार 15 हजार रुपये भी भेजा।
एक बार राजू पहाड़िया के मोबाइल से बात भी कराई गई। सभी बचाओ -बचाओ चिल्ला रहे हैं।
परिवार का कहना है कि अगर उनकी जल्दी रिहाई नहीं कराई गई तो कुछ भी अनहोनी हो सकती है।
रांची के मोबाइल नंबर से मांगा जा रहा पैसा
पीड़ित परिवार ने एसपी एक नंबर दिया है। उसी नंबर से पैसों की मांग की जा रही है। इतना ही नहीं उसी नंबर पर 25 हजार रुपये भेजा गया है। यह नंबर रांची के किसी समीर उरांव के नाम से निबंधित है। पुलिस नंबर की जांच में जुट गई है।
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रामगढ़ के 11 मजदूरों को तामिलनाडु में बंधक बनाने की बात सामने आई है। मजदूरों की रिहाई के लिए प्रयास शुरू कर दिया गया है। जरूरत महसूस होने पर एक विशेष टीम को तामिलनाडु भेजा जाएगा।
-पीतांबर सिंह खेरबार, पुलिस अधीक्षक, दुमका
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