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लुईस ने संघर्ष से पाया मुकाम

दुमका : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शिकस्त देनेवाली भाजपा नेत्री डॉ.लुईस मरांडी का राजनीतिक कद बढ़ गय

By Edited By: Updated: Tue, 23 Dec 2014 07:28 PM (IST)
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दुमका : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शिकस्त देनेवाली भाजपा नेत्री डॉ.लुईस मरांडी का राजनीतिक कद बढ़ गया। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए लुईस को काफी संघर्ष करना पड़ा है। उन्होंने वर्ष 1995 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। तब से पार्टी में सक्रिय रहीं। जब राजनाथ सिंह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तब लुईस को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। पद मिलने के बाद लुईस ने अपनी पहचान और पुख्ता की। उनके संघर्ष का ही नतीजा है कि पार्टी ने उनपर लगातार भरोसा किया। 2009 में विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद 2014 में उन्हें उम्मीदवार चुना।

वह दुमका के बड़तल्ली गांव की रहनेवाली हैं। आठ जून 1965 को उनका जन्म हुआ था। उच्च योग्यता प्राप्त डॉ.लुईस के पिता स्व.मुंशी मरांडी एक सामान्य किसान थे। लुईस की प्राथमिक शिक्षा गांव के ही स्कूल में हुई है। बड़तल्ली एवं शहरघाटी में स्कूली पढ़ाई पूरा करने के बाद संताल बालिका उच्च विद्यालय महारो से मैट्रिक पास किया। स्नातक संताल परगना महिला महाविद्यालय और स्नातकोत्तर रांची से किया। बीपीएड की तालिम बनारस काशी विद्यापीठ से एवं पीएचडी की उपाधि रांची विश्वविद्यालय से हासिल की। इसके बाद उन्होंने दुमका के संत जोसेफ मध्य विद्यालय में बतौर सहायक शिक्षिका अपने करियर की शुरुआत की। बतौर व्याख्याता मयूराक्षी ग्रामीण महाविद्यालय रानीश्वर एवं गोड्डा महाविद्यालय में सेवा देने के बाद एसपी कालेज में भी व्याख्याता रहीं। डॉ.लुईस ने अपनी जीत का श्रेय दुमका की जनता को दिया है। कहा कि दुमका का समग्र विकास मेरी प्राथमिकता होगी।

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कब किस पद पर रहीं

उपाध्यक्ष - झारखंड प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा 2001 में

सदस्य - भाजपा राष्ट्रीय मोर्चा 2003 में

सदस्य - भाजपा प्रदेश कार्यसमिति 2004

सदस्य - भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति 2011

सदस्य - भाजपा प्रदेश कोर कमेटी 2011

सदस्य - 20 सूत्री राज्य स्तरीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति

सदस्य - राज्य महिला आयोग 2009

सदस्य- अनुसूचित जनजातीय परामर्शदात्री परिषद

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