Jharkhand News: दुमका में गम में बदली शादी की खुशियां, आकाशीय बिजली की चपेट में आए 12 बराती सहित 16 गंभीर रूप से घायल
झारखंड के दुमका में बुधवार रात सुनील टुडू के घर आई बारात की खुशियां उस वक्त गम में बदल गई जब उसके घर के पास हुए वज्रपात में 12 बाराती सहित 16 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दौरान गांव के लोग बारातियों के स्वागत में लगे थे। घटना के बाद सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
टीम जागरण, दुमका /काठीकुंड। दुमका जिले के काठीकुंड थाना क्षेत्र के बडाचापुडिया पंचायत के डुमरिया गांव में बुधवार की रात सुनील टुडू के घर आई बारात की खुशियां उस वक्त गम में बदल गई जब उसके घर के समीप हुई वज्रपात में 12 बाराती सहित सोलह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना बुधवार की देर रात की है। इस दौरान गांव के लोग बारातियों के स्वागत में लगे थे। घटना के बाद सभी घायलों को नयाडीह स्थित सनमत कल्याण अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया।
जानकारी के अनुसार, थाना क्षेत्र के डुमरिया गांव में सुनील टुडू की बेटी की शादी थी। बारात अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के बालकम गांव से आई थी। इसी बीच वज्रपात के साथ बारिश होने लगी। बाराती पंडाल से 50 फीट की दूरी पर डीजे के पास आसमानी बिजली गिरी और शादी में शामिल होने आए बराती बिजली के झटके से मौके पर ही बेहोश हो गए।
आननफानन में घायलों को सनमत कल्याण अस्पताल ले जाया गया। कुछ लोग तो इलाज के बाद रात में ही घर लौट गये और कुछ गुरुवार की सुबह लौटे।
अस्पताल प्रबंधक कमल नयन ने कहा कि रातभर इलाज के बाद मरीजों की सामान्य स्थिति को देखते हुए सभी को इलाज के बाद घर भेज दिया।
गोपीकांदर में मूसलाधार बारिश, पांच मवेशियों की मौत
दुमका के ही गोपीकांदर प्रखंड के तालखोड़ा में बुधवार रात मूसलधार बारिश के दौरान हुई वज्रपात की चपेट में आकर पांच मवेशियों की अकाल मौत हो गई।ओड़मो पंचायत के पंचायत समिति सदस्य अल्बर्ट टुडू ने कहा कि बीती रात करीब आठ बजे जब बारिश की शुरुआत हो रही थी, तब जोर-जोर से बादल का गर्जन भी हो रहा था।
इसी दौरान तालखोड़ा सायगत टोला के दाड़ू टुडू की ने यह जानकारी दी कि पांच मवेशियों की मौत वज्रपात की चपेट में हो आकर हो गई। सभी मवेशी एक पेड़ के नीचे बांध कर रखे गये थे। मवेशी के मालिक कोमी टुडू को भी मवेशियों के मारे जाने की सूचना दे दी गई है।अल्बर्ट ने कहा कि मूसना पंचायत के ग्राम लखीबाद निवासी कोमी टुडू के यहां से खेती करने के लिए लाया गया था। कहा कि खेती करने से पहले ही यह बड़ा झटका लगा है। अब क्षतिपूर्ति के लिए आधिकारिक रूप से मालिक कोमी टुडू के द्वारा अंचलाधिकारी को लिखित आवेदन दिया जाएगा।
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आमतौर पर वज्रपात होने की सबसे अधिक संभावना ऊंचे इलाके जैसे पहाड़ या कोई ऊंचा पेड़ पर होती है। इसके साथ ही उन इलाकों में भी वज्रपात की संभावना होती है, जहां पानी अधिकांश मात्रा में उपलब्ध हो। पानी बिजली के लिए एक कंडक्टर के रूप में काम करती है। इसलिए पानी के स्रोत के आसपास वज्रपात होने का खतरा अधिक होता है।वज्रपात से बचाव के लिए कुछ कारगर उपाय
- जल्द से जल्द किसी पक्के मकान में शरण लें।
- सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहें।
- जंगल में हैं तो छोटे एवं घने पेड़ों की शरण में चले जाएं।
- बिजली की सुचालक वस्तुएं एवं धातु से बने कृषि यंत्र-डंड से अपने को दूर कर लें।
- घायल व्यक्ति को तत्काल नजदीकी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र ले जाने की व्यवस्था करें।
- रेडियो एवं अन्य संचार साधनों से मौसम की जानकारी प्राप्त करते रहें।