Move to Jagran APP

Jharkhand News: कोल ब्लॉक सर्वे करने पहुंची टीम के 5 लोगों को बनाया बंधक, पुलिस पहुंची लेकिन तब तक...

दुमका के शिकारीपाड़ा में ईसीएल समेत विभिन्न निजी कंपनियों को आवंटित कोल ब्लॉक से कोयला निकालने के लिए होने वाली प्रारंभिक प्रक्रियाओं को भी शुरू कराने में पसीना छूट रहा है। ग्रामीण व रैयतों के लगातार विरोध की वजह से इन कोयला कंपनियों को धरातल पर काम करना असहज हो गया है। दुमका में 2016-17 में ही सात कोल ब्लॉक विभिन्न कोयला कंपनियों को आवंटित किया गया है।

By Anoop Kumar Srivastava Edited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 19 Feb 2024 08:44 PM (IST)
Hero Image
Jharkhand News: कोल ब्लॉक सर्वे करने पहुंची टीम के 5 लोगों को बनाया बंधक, पुलिस पहुंची लेकिन तब तक...
जागरण टीम, दुमका। दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड में ईसीएल समेत विभिन्न निजी कंपनियों को आवंटित कोल ब्लॉक से कोयला निकालने के लिए होने वाली प्रारंभिक प्रक्रियाओं को भी शुरू कराने में पसीना छूट रहा है।

ग्रामीण व रैयतों के लगातार विरोध की वजह से इन कोयला कंपनियों को धरातल पर काम करना असहज हो गया है। दुमका जिला में वर्ष 2016-17 में ही सात कोल ब्लॉक विभिन्न कोयला कंपनियों को आवंटित किया गया है।

इसमें शिकारीपाड़ा प्रखंड के शहरपुर जमरुपानी कोल ब्लाक यूपी राज्य उत्पादन निगम लिमिटेड, कल्याणपुर-बादलपाड़ा कोल ब्लाक शिकारीपाड़ा हरियाणा पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड और शिकारीपाड़ा के ही ब्राह्मणी नार्थ चिचरो पाटशिमला कोल ब्लाक, अमराकुंडा-मुर्गाडंगाल कोल ब्लाक, ब्राह्मण सेंट्रल कोल ब्लॉक एवं ब्राह्मणी साउथ कोल ब्लॉक शिकारीपाड़ा ईसीएल को आवंटित है।

इसके हरियाणा पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड ने विरोध की वजह से कल्याणपुर-बादलपाड़ा में आवंटित कोल ब्लाक को छोड़ने की इच्छा पूर्व में जता चुकी है। ईसीएल और यूपी राज्य उत्पादन निगम लिमिटेड आवंटित कोल ब्लाक का क्षेत्रफल डिमार्केशन, ड्रिलिंग समेत अन्य गतिविधियों को चलाने के लिए लगातार प्रयासरत है लेकिन रैयतों का विरोध इन्हें जमीन पर उतरने नहीं दे रहा है।

सर्वे टीम को ग्रामीणों ने पांच घंटे तक बनाया बंधक

शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के गंधर्वपुर एवं पंचवाहिनी में सोमवार को कोल कंपनी की तरफ टेंडर के जरिए बहाल किए गए एक प्राइवेट सर्वे कंपनी के पांच सदस्यों को इस इलाके के ग्रामीणों ने उस वक्त बंधक बना लिया जब ये गांव में बिना ग्रामसभा किए व ग्रामीणों को सूचित किए ही सर्वे करने पहुंचे थे।

खबर है कि इस टीम के सदस्यों ने शिकारीपाड़ा थाना और प्रखंड प्रशासन को भी कोई जानकारी नहीं दी थी, जबकि कायदे से इन्हें ग्रामसभा के अलावा स्थानीय प्रखंड प्रशासन व थाना को सर्वे स्थल पर जाने से पूर्व जानकारी देना अहम है।

बहरहाल, पांच घंटे तक ग्रामीणों के चंगुल में बंधक बनाकर रखे जाने के पश्चात सर्वे करने गई टीम को दोबारा बगैर ग्रामसभा की अनुमति के गांव में प्रवेश नहीं करने का लिखित बांड भरे जाने के बाद इन्हें ग्रामीणों ने छोड़ दिया है। सर्वे की टीम एक कार से मौके पर पहुंची थी।

जानकारी के मुताबिक सर्वे करने गई टीम के सदस्य उज्ज्वल कुमार ने बांड पेपर में फ्लावर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का जिक्र किया है। इस टीम में उज्ज्वल कुमार सिंह के अलावा असीम बाग, मंगलदीप माजि समेत पांच लोग शामिल थे।

सीओ व थानेदार को नहीं है बंधक बनाने की जानकारी

शिकारीपाड़ा के थानेदार गणेश पासवान ने इस पूरे मामले में कहा कि उन्हें सर्वे टीम के बारे में कोई जानकारी है क्योंकि उन लोगों ने थाना में इसकी कोई सूचना नहीं दी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि शिकारीपाड़ा के अंचल अधिकारी कपिलदेव ठाकुर के स्तर से उन्हें गंधर्वपुर गांव में पांच लोगों को बंधक बनाए जाने की सूचना देने पर वह तुरंत दल-बल के साथ मौके पर कूच कर गए, लेकिन वहां पहुंचने से पूर्व टीम के सदस्य निकल चुके थे।

ग्रामीणों से पूछने पर कहा कि रांची नंबर कोई गाड़ी पांच लोग यहां सर्वे करने आए थे। वहीं, इस मामले में अंचल अधिकारी कपिलदेव ठाकुर ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है और ना ही मुझे किसी कंपनी द्वारा इसकी जानकारी दी गई है।

फ्लावर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के बारे में कोई कुछ बताने को तैयार नहीं

फ्लावर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के बारे में शिकारीपाड़ा प्रशासन कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। इधर, सूत्रों के मुताबिक ईसीएल ने जेम्स पोर्टल के माध्यम से हाल ही में सर्वे करने के लिए जो टेंडर निकाली थी उसमें स्वाति नामक किसी प्राइवेट कंपनी को यह कार्य आवंटित करने की बातें सामने आ रही है।

शिकारीपाड़ा में ईसीएल के अलावा यहां दो अन्य कोल कंपनियों को भी कोल ब्लाक आवंटित किया गया है। सोमवार को बंधक बनाए जाने की घटना पर ईसीएल के अधिकारी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्हें ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है।

वह इस मामले में कुछ पता करने के बाद ही बता पाने की स्थिति में होंगे। ऐसे में यहां फ्लावर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को लेकर कई तरह की चर्चा हो रही है और शिकारीपाड़ा प्रशासन की गंभीरता पर भी सवाल उठाया जा रहा है।

ये भी पढ़ें: 'हमारे कदम से बदलेगा...', दिल्ली में नाराज झारखंड कांग्रेस विधायक का आया चौंकाने वाला बयान

ये भी पढ़ें: चंपई सोरेन के मास्टर स्ट्रोक को फेल करने की तैयारी में BJP, बनाया स्पेशल प्लान; Caste Census में ऐसे डालेगी अड़ंगा

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।