जिस बच्चे को सगी मां ने ठुकराया उसे इटली के दंपती ने अपनाया, 10 सितंबर को अपने नए परिवार संग होगा रवाना
Jharkhand News दुमका से एक चार साल का मासूम 10 सिंतबर को सुदूर इटली के लिए रवाना हो रहा है क्योंकि उसे उसका नया घर और परिवार जो मिल गया। बच्चा स्पेशल नीड चाइल्ड है इसलिए उसे उसके परिवारवालों ने भगवान भरोसे छोड़ दिया था और अब इटली से आए एक दंपती ने उसे गोद ले लिया है। बच्चे को पाकर दंपती काफी खुश हैं।
जागरण संवाददाता, दुमका। Jharkhand News: झारखंड के दुमका जिले से पहली बार किसी विदेशी दंपती को बालक गोद दिया गया। मंगलवार को इटली के दंपती ने चार साल से दत्तक ग्रहण संस्थान में रह रहे बालक को गोद लिया है।
बच्चे को गोद में लेते ही दंपती की आंखों से छलक गए आंसू
साउथ इटली के कोजेथा इलाके में रहने वाले दंपती सात साल से बच्चे का इंतजार कर रहे थे। जब बालक को उनके गोद में दिया गया, तो दंपती के आंखों में खुशी के आंसू भर आए।
दुमका के श्री अमड़ा में संचालित दत्तक ग्रहण संस्थान बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन डा. अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा. राज कुमार उपाध्याय, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र, एसएए के प्रभारी तारिक अनवर, सामाजिक कार्यकर्ता वहीदा खातून ने दंपती को बालक सौंप दिया।
अंग्रेजी न जानने के कारण अनुवादक साथ लाए थे दंपती
तत्कालीन उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने इसी साल चार मार्च को बालक को इटली के दंपती को गोद देने के आदेश पर मुहर लगाई थी। गोद लेने वाले इटली में पुलिस पदाधिकारी हैं और पत्नी गृहणी है।
दोनों न तो अंग्रेजी जानते हैं और न हिन्दी इसलिए अपने साथ दिल्ली से एक अनुवादक लेकर आए थे। दंपती ने बताया कि 2008 में उनकी शादी हुई। गर्भाशय निकाले जाने के कारण महिला मां नहीं बन सकती है।
10 सितंबर को इटली चला जाएगा बच्चा
दो साल पूर्व उन्होंने बच्चा गोद लेने का निर्णय लिया और सेट्रल एडाॅप्शन रिसोर्स अथाॅरिटी की वेबसाइट पर निबंधन करवाया। वे बच्चे के लिए ढेर सारे खिलौने लेकर आए थे।
दंपती ने बताया कि उनका संयुक्त परिवार है और परिवार के सभी सदस्य बेसब्री से बच्चे का इंतजार कर रहे हैं। वह पहले कोलकाता और वहां से बच्चे का वीसा बनवाने के बाद दिल्ली जाएंगे। 10 सितंबर को बच्चे को लेकर इटली लौट जाएंगे।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में छोड़कर चली गई थी मां
दुमका के इस बालक के जन्म से लेकर उसके गोद लेने की प्रक्रिया बहुत ही मार्मिक है। जिले के सरैयाहाट थाना क्षेत्र की एक महिला पति के साथ काम करने के लिए दूसरे राज्य चली गयी।
एक साल बाद उसने सफदरजंग अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। जब उसे पता चला कि नवजात में मेडिकल समस्या है, तो उसे अस्पताल के बेड पर छोड़कर चली गई। उसने अपना पता दुमका लिखाया था।
सगे मां-बाप ने अपनाने से कर दिया था इंकार
लिहाजा दिल्ली सीडब्ल्यूसी ने दुमका से संपर्क किया। बच्चे की मेडिकल स्थिति जानने के बाद दुमका सीडब्ल्यूसी ने इलाज करवाने के बाद ही बच्चे को दुमका ट्रांसफर करने का आग्रह किया।
मामूली ऑपरेशन करवाकर उसे दुमका भेज दिया गया। समिति ने जब बालक के परिवार से संपर्क किया, तो उन्होंने उसे अपनाने से इंकार कर दिया।
भारत में नहीं मिला बच्चे को अपना परिवार
सीडब्ल्यूसी ने रिम्स में बच्चे का इलाज करवाया और 30 दिसंबर 2019 को बच्चे को गोद लेने के लिए लीगली फ्री घोषित कर दिया। बालक स्पेशल नीड चाइल्ड है इस कारण भारत के नि:संतान दंपती ने देखने के बाद इसे गोद लेने से इंकार कर दिया। इस बालक को गोद देने की सूचना जब कारा की वेबसाइट पर जारी हुई तो इटली के दंपती ने बच्चे की तस्वीर देखने के बाद गोद लेने का निर्णय लिया।