Ram Mandir की एक झलक की चाहत, ट्रेन में नहीं मिली टिकट तो यहां के 3 नौजवानों ने थामी साइकिल; निकल पड़े अयोध्या
जैसे-जैसे राम मंदिर उद्घाटन की तिथि नजदीक आ रही है। भक्तों का उत्साह बढ़ता जा रहा है। हर कोई स्वर्णिम पल का साक्षी बनना चाहता है। लोग अपने स्तर से जाने की तैयारी कर रहे हैं। बंगाल के बीरभूम जिला के नलहटटी के तीन युवकों को जब ट्रेन में टिकट नहीं मिली तो तीनों ने साइकिल से ही अयोध्या की यात्रा करने का फैसला ले डाला।
जागरण संवाददाता, दुमका। अयोध्या में जैसे-जैसे राम मंदिर के उद्घाटन की तिथि नजदीक आ रही है। राम भक्तों का उत्साह बढ़ते ही जा रहा है। हर कोई इस स्वर्णिम पल का साक्षी बनना चाहता है। लोग अपने स्तर से जाने की तैयारी कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के नलहटटी के तीन युवकों को जब ट्रेन में टिकट नहीं मिला तो तीनों ने साइकिल से ही अयोध्या की यात्रा करने का फैसला ले डाला।
मंगलवार की रात तीनों दुमका पहुंचे और पोखरा चौक के मंदिर में रात्रि विश्राम किया। बुधवार की सुबह स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया और कुछ सामान देकर आगे की यात्रा के लिए विदा किया। तीनों राम मंदिर के उद्घाटन के बाद भक्ति का एक-एक दीपक जलाएंगे।
साइकिल से शुरू की अयोध्या की यात्रा
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला का नलहटी क्षेत्र 51 शक्तिपीठों में एक है। यहां माता पार्वती की उदर नाल गिरा थी। इसी शक्तिपीठ क्षेत्र के रहनेवाले तीन युवक सुदीप माल, राज माल और नितेश साहनी साइकिल से अयोध्या की यात्रा पर निकले हैं।भक्तों का कहना है कि राम के प्रति असीम श्रद्धा है । वे हमारे आराध्य हैं। भव्य मंदिर का सालों से देशवासियों को इंतजार है। 22 जनवरी को होने वाले उदघाटन समारोह का साक्षी बनने के लिए अयोध्या जाने का ठाना। ट्रेन में रिजर्वेशन का बहुत प्रयास किया, लेकिन सीट ही नहीं मिली। सोचा क्यों न इस ऐतिहासिक मौके को यादगार बनाया जाए। इसलिए साइकिल से अयोध्या जाने का कार्यक्रम बनाया। 25 दिसंबर को घर से निकल गए। प्रयास है कि 22 जनवरी से पहले अयोध्या पहुंचकर अपनी भक्ति का दीप जलाएं।
स्थानीय लोगों ने राम भक्तों का किया स्वागत
मंगलवार की रात तीनों राम भक्त पोखरा चौक पहुंचे और मंदिर में रात विश्राम किया। बुधवार सुबह जैसे ही लोगों ने उनके आने की जानकारी मिली तो स्वागत करने पहुंच गए। चाय दुकानदार भरत कुमार, मजदूर नेता विजय कुमार दास और अन्य लोगों ने जलपान कराया और रास्ते के लिए कुछ सामग्री देकर विदा किया। राम भक्तों की सेवा लोगों को खुशी का अहसास हुआ।ये भी पढ़ें: Ram Mandir: मां की मनाही... आर्थिक तंगी, फिर भी सनातन की अलख जगाने पहुंच गए थे अयोध्या; कौन हैं मदनलाल? प्राण-प्रतिष्ठा में होंगे शामिल
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