बैशाख पूर्णिमा आज, बासुकीनाथ धाम में लगा भक्तों का रेला
झारखंड की उपराजधानी दुमका स्थित बासुकीनाथ धाम में बैशाख पूर्णिमा के अवसर पर पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही भक्तों का रेला लगा है।
By JagranEdited By: Updated: Mon, 30 Apr 2018 11:48 AM (IST)
बासुकीनाथ (दुमका): बैशाख पूर्णिमा सोमवार को पूरे धूम-धाम से मनाई जा रही है। झारखंड की उपराजधानी दुमका स्थित बासुकीनाथ धाम में बैशाख पूर्णिमा के अवसर पर पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही भक्तों का रेला लगा है। झारखंड और बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल से भी यहां काफी श्रद्धालु जलार्पण और अभिषेक के लिए आए हैं। पूरे मंदिर परिसर में पांव रखने तक की जगह नहीं नजर आ रही।
इस बार खास संयोग: हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष मत के अनुसार, इस दिन व्रत करने से चंद्रदेव प्रसन्न होते हैं। जानकार बताते हैं कि इस बार की वैशाख पूर्णिमा बहुत ही खास है। पूर्णिमा 3 साल बाद सिद्धि योग में है। इस खास संयोग पर दान और खरीदारी करना शुभ माना जाता है। बताया जाता है कि इसके बाद ऐसा संयोग 2022 में बनेगा। भगवान बुद्ध का जन्म भी इसी दिन हुआ था और इसी दिन उन्हें बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे बुद्धत्व की भी प्राप्ति हुई थी। वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध ने गोरखपुर से 50 किलोमीटर दूर स्थित कुशीनगर में महानिर्वाण की ओर प्रस्थान किया था। बैशाख पूर्णिमा के साथ-साथ ही बुद्ध पूर्णिमा भी मनाई जाती है। दान सबसे पुण्य का काम: इस दिन स्वाति नक्षत्र और चंद्रमा का योग समृद्धि और वैभव दिलाएगा। स्वाति नक्षत्र में दान करना सबसे ज्यादा पुण्य का काम माना जाता है। वही सिद्धि योग के स्वामी भगवान गणेश है और गणेशजी सिद्धि प्रदान करने वाले देवता है इसलिए इसका महत्व है। वैशाख पूर्णिमा में मा लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से घर में सुख- समृद्धि का वास होता है। वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व:
- इस दिन को दैवीयता का दिन माना जाता है। - इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म भी हुआ था। - इस दिन ध्यान, दान और स्नान विशेष लाभकारी होता है। - इस दिन ब्रह्म देव ने काले और सफेद तिलों का निर्माण भी किया था। - मान्यता है कि इस दिन तिलों का प्रयोग जरूर करना चाहिए।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।