संताल परगना में JMM की डुगडुगी पर BJP की शहनाई, एक-दूसरे को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा पक्ष-विपक्ष
पांच राज्यों के चुनाव के बाद अब मिशन 2024 की बारी है। तेजी से बदल रहे राजनीतिक परिस्थितियों में इस बार NDA बनाम UPA के बदले आइएनडीआइए के बीच आमना-सामना होने की गुंजाइश है। तीन राज्यों के विधानसभा चुनावो में मिली जीत के बाद से भाजपा उत्साहित है। खास तौर पर यह उत्साह झारखंड के लिए ज्यादा दिख रहा है।
By Rohit Kumar MandalEdited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 06 Dec 2023 06:12 PM (IST)
राजीव, दुमका। देश में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद अब मिशन 2024 की बारी है। तेजी से बदल रहे राजनीतिक परिस्थितियों में अब की एनडीए बनाम यूपीए के बजाए आइएनडीआइए के बीच आमना-सामना होने की गुंजाइश बन रही है। इसके लिए दोस्त व दुश्मन दलों की सेनाओं को सजाने की आजमाइश भी हो रही है।
इससे इतर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावी नतीजों के बाद भाजपा उत्साहित है। खासकर यह उत्साह झारखंड के लिए ज्यादा दिख रहा है।
तीनों राज्यों में जीत के बाद भाजपा के रणनीतिकारों की निगाह झारखंड के आदिवासी वोट बैंक पर है। भाजपा के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि अगर झारखंड में आदिवासी वोट बैंक को साध लिए तो चुनावी बेड़ा पार करना आसान हो जाएगा। वैसे झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से 12 एनडीए के पास है। 11 भाजपा और एक सीट आजसू के खाते में है।
भाजपा का लक्ष्य शत-प्रतिशत सीटें हासिल करना
2024 में भाजपा का लक्ष्य शत-प्रतिशत सीटों को हासिल करने की है, जिसमें संताल परगना का राजमहल सीट को पार्टी रणनीतिकारों ने शीर्ष प्राथमिकता में रखा है। पूर्व के दो चुनावों में पीएम मोदी को उतारने के बाद भी भाजपा इस सीट को झामुमो से जीतने में विफल रही है। भाजपा के लिए यह सीट इसलिए भी प्रतिष्ठा के सवाल से जुड़ गया है क्योंकि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसी लोकसभा क्षेत्र के बरहेट विधानसभा से विधायक हैं।
इतना ही नहीं पूरे संताल परगना में झामुमो पारंपरिक तरीके से डुगडुगी बजाकर आदिवासी वोट बैंक पर अपने आधिपत्य को बरकरार रखने के लिए सरकारी व सांगठनिक कार्यक्रमों के जरिए पसीना बहा रहा है। यही कारण है कि भाजपा भी अबकी बार हरहाल में मोदी की गारंटी के साथ जीत की शहनाई बजाने के मूड में है।
इसी गारंटी को अमलीजामा पहनाने की गरज से भाजपा यहां माइक्रो लेबल प्लान पर गंभीरता से काम कर रही है। कई केंद्रीय मंत्री से लेकर प्रदेश संगठन की धमक राजमहल के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में तेज है।
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