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dumka news दूसरे समुदाय की महिला की हत्या कर शव पेट्रोल से जलाया

तालझारी में 31 अगस्त को मिले अधजले शव की शिनाख्त हो गई। मृतका नोनीहाट के चंपातरी गांव की रहने वाली थी। वह पहली पत्नी के रहते सकटिया गांव के मुन्ना मियां ने फंसा लिया था। उसकी हत्या के बाद प्रेमजाल में फंसे आरोपित मुन्ना को पुलिस ने धर दबोचा था।

By Jagran NewsEdited By: Gautam OjhaUpdated: Sat, 05 Nov 2022 05:52 PM (IST)
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पहाड़पुर झाड़ियों में मिले महिला के शव की प्रतिकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, दुमका : तालझारी थाने की पुलिस ने 31 अगस्त को पहाड़पुर झाड़ियों में मिले महिला के अधजले शव की शिनाख्त कर ली है। मृतका समेली देवी उर्फ पूजा कुमारी हंसडीहा के नोनीहाट पंचायत के चंपातरी गांव की रहने वाली थी। उसे तालझारी के सकटिया गांव के शादीशुदा मुन्ना मियां में प्रेमजाल में फंसाया और चरित्रहीनता का आरोप लगाकर 30 अगस्त को जंगल में भाई सुलेमान मियां और पिता जुमरति मियां के साथ मिलकर मार डाला। साक्ष्य छुपाने के लिए शव को पेट्रोल डालकर जला दिया। पुलिस आरोपित भाई व पिता की तलाश कर रही है। पुलिस ने शुक्रवार की शाम उसे गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया।

क्या है पूरा मामला

तालझारी थाने की पुलिस ने 31 अगस्त की सुबह पहाड़पुर जंगल से एक महिला का अधजला शव बरामद किया था। शिनाख्त नहीं होने पर पुलिस ने चौकीदार कासिम मियां के बयान पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। अनुसंधान के क्रम में पुलिस को पता चला कि महिला की दोस्ती सकटिया गांव में मुन्ना मियां के साथ थी।

पुलिस ने दो नवंबर को 30 साल के मुन्ना मियां को जब पकड़ा तो सारा मामला सामने आ गया। अपने स्वीकोरित बयान में तालझारी के सकटिया गांव में मुन्ना ने बताया है कि वह चौथी कक्षा तक पढ़ा है। खेती-बाड़ी और मजदूरी करता है।

सहारा के चित्रानंद साह का आटो 250 रुपये प्रतिदिन के मजदूरी पर चलाता था। चित्रानंद के घर में महिला अपने बच्चे के साथ रहती थी और साफ सफाई का काम करती थी। एक दिन उसके बच्चे की तबीयत खराब हो गयी तो चित्रानंद ने कहा कि जोगिया मोड़ ले जाकर उसका इलाज करवाया। वहां ले जाने के क्रम में महिला ने अपना नाम पूजा कुमारी उर्फ समेली देवी और ससुराल नोनीहाट के चंपातरी बताई। बातचीत में पूजा का मोबाइल नंबर लेकर बात करने लगा। बात करते करते प्यार हो गया। कुछ दिनों बाद महिला व उसके बच्चे को लेने के लिए रानीगंज (पश्चिम बंगाल) में रहने वाले ससुराल के लोग आए लेकिन साथ जाने से मना कर दिया। ससुराल वालों से झगड़ा कर हावड़ा चली गयी। वहां से फोन कर बताया कि उसके पास रुपये नहीं है। हावड़ा जाकर रुपये दिया और साथ लेकर गुजरात चला गया। कुछ दिनों बाद अकेले वापस आ गया। एक दिन पूजा ने फोन कर उसे बताया कि वह गुजरात से बैंगलोर चली आई है। इसके बाद वह भी पूजा के पास चला गया। दोनों वहां काम करने लगे। बीच-बीच में दोनों गांव जाते और आठ दस दिन रहकर लौट जाते। बैंगलुरू में पता चला कि पूजा का कई लोगों से संबंध है। एक दिन उसने दूसरे युवक के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया। उससे झगड़ा कर वापस सहारा आ गया। पूजा कुमारी से बहुत प्यार करता था और उसे दूसरी पत्नी के रूप में रखे हुए था। उसके इस व्यवहार से बहुत तनाव में आ गया।

भाई व पिता के साथ मिलकर की हत्या

लगातार तनाव में रहने के बाद भाई सुलेमान मियां और पिता जुमरति मियां को सारी बात बताकर हत्या की साजिश रची। आधार कार्ड बनाने के नाम पर पूजा को देवघर बुलाया। 28 अगस्त को वह बच्चे के साथ देवघर आई। देवघर कालेज के पास अजीत महथा के भाड़े के मकान में दोनों को रखा। 29 अगस्त को वह देवघर गया और रात में उसके साथ रहा। 30 अगस्त की सुबह सहारा आया और भाई सुलेमान मियां के साथ लोहे का चापड़ व माचिस खरीदकर घटनास्थल के पास झाड़ियों में छिपा दिया। बाइक से देवघर गया और आधार कार्ड बनाने के नाम पर पूजा को लेकर शाम चार बजे दुमका के लिए चला।

आधार वाले को फोन करने के नाम पर उसे इधर-उधर घुमाते रहा। फिर बोला कि आधार कार्ड बनाने वाला आफिस चला गया है आने में देरी होगी। उसे आधार कार्ड बनाने वाले का घर ले जाने के बहाने बाइक से पहाड़पुर के पहाड़ी के तरफ ले गया। भाई व पिता को फोन कर पहाड़ी के पास बुलाया। इसी बीच भाई ने मौका देखकर चापड़ निकाल कर उसे थमा दिया। सुलेमान ने पूजा को कसकर पकड़कर मुंह दबा दिया। उसने चापड़ से पूजा के गले पर वार किया। मरा समझकर बाइक में लादकर कुछ दूर ले जाकर सड़क किनारे झाड़ी में फेंक दिया।

बाइक से पेट्रोल निकालकर शव को जलाया

मुन्ना ने बताया कि हत्या के बाद साक्ष्य छुपाने के लिए खून लगी गंजी निकाल कर पूजा के शरीर पर डाल दी। इसके बाद बाइक से पेट्रोल निकाल कर शरीर में चारों ओर छिड़ककर माचिस लगा दी। भाई को वहीं छोड़ कर चापड़ को कलवर्ट में ले जाकर धोया। चापड़ को वहीं मिट्टी में गाड़ने के बाद देवघर के मोहनपुर चला गया। 31 अगस्त की सुबह सहारा आया और घटना का जायजा लिया। पता चला कि पुलिस शव को उठा कर ले गयी है। शव की पहचान नहीं हुई है। दूसरे दूसरे दिन देवघर गया और पूजा के बच्चे को साढ़ू के घर देवघर के दुर्गापुर में रख दिया। लगातार पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखे रहे। जब आश्वस्त हो गया कि घटना दब गई है तो घर में आराम से रहने लगा। दो नवंबर की रात पुलिस गिरफ्तार कर तालझारी थाना ले गयी। तीन नवंबर को उसकी निशानदेही से कलवर्ट के पास से हत्या में प्रयुक्त लोहे का चापड़ बरामद किया। पुलिस ने उसका वीवो मोबाइल भी जब्त कर लिया है।

बयान देने से बचते रहे आलाधिकारी

हत्याकांड में पुलिस का पक्ष जानने के लिए पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा व तालझारी थाना प्रभारी राजीव प्रकाश से कई बार संपर्क किया गया। लगातार रिंग होने के बाद भी किसी ने बात नहीं की। जरमुंडी एसडीपीओ शिवेंद्र ने मोबाइल तो रिसीव किया, लेकिन कुछ भी बताने से साफ मना कर दिया। दरअसल, जब भी दो समुदाय की बात सामने आती है तो कोई भी अधिकारी मीडिया से दूरी बनाकर ही रहता है।

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