दुमका में 6 दरिंदों ने बिगाड़ी बच्ची की हालत, रात भर किया दुष्कर्म, अस्पताल में 10 दिन तक होगा इलाज
14 जनवरी की रात हुई बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना में उसका काफी खून बह चुका है। उसका हीमोग्लोबिन घटकर 5.2 हो गया था जिसके कारण उसे दो यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। उसके घाव में इंफेक्शन भी हो गया है।
जागरण संवाददाता, दुमका। झारखंड में दुमका जिले के रामगढ़ प्रखंड में 14 जनवरी की रात छह दरिंदों ने मिलकर 14 साल की एक आदिवासी किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना की घटना को अंजाम दिया। हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें से दो आरोपित नाबालिग हैं, जिन्हें पुलिस ने बाल सुधार गृह भेजा है। जबकि बाकी के तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इनकी पहचान राष्ट्रपति किस्कु, जरमन किस्कु, विनोद हेंब्रम के रूप में हुई है। एक आरोपी रफाएल टुडू अभी भी फरार है उसकी तलाश जारी है।
क्या था मामला
पीड़िता के मुताबिक, सोहराय के अंतिम दिन 14 जनवरी को गांव में तीर-धनुष का प्रोग्राम था। वह शाम के सात बजे अपने दादा-दादी के साथ वहां गई थी। विजेताओं को पुआ और दर्शकों को खाने के लिए मूढ़ी दिया गया था। वह वहां पीढ़ा पर बैठकर मूढ़ी खा रही थी और नाच देख रही थी। दादा-दादी ने घर चलने को बोला तो उसने कहा कि वह नाच देखकर बाद में आएगी। इसी बीच उसी गांव के चार लड़के और जामा गांव का एक लड़का वहां आए और उसे जबरन मैदान की ओर ले गए। वह विरोध करती रही पर किसी ने उसकी बात नहीं सुनी।
रात भर बच्ची के साथ बारी-बारी से किया दुष्कर्म
छहों ने उसके साथ रात भर दुष्कर्म किया। उसके साथ मारपीट भी की। घटना के बारे में बताने पर जान से मार देने की धमकी दी। अंत में 15 जनवरी की सुबह उसे उसके घर के पिछवाड़े में लाकर छोड़ दिया। उसे गर्दन व पेट के निचले हिस्से में दर्द हो रहा था। दादी ने जब कपड़ों में खून लगा देखा तो उससे पूछताछ की तो उसने आपबीती बता दी। दादी ने आग जला कर सेंका और घर में ही उसके जख्म का उपचार शुरू किया। जब उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने लगी तो 17 जनवरी के दोपहर एक बजे आटो से लेकर दुमका अस्पताल पहुंची जहां उसका इलाज शुरू हुआ।
बाल कल्याण समिति के सदस्य पहुंचे अस्पताल
इधर, बाल कल्याण समिति ने रामगढ़ के गैंगरेप की पीड़िता और उसके परिवार से गुरुवार को पीजेएमसीएच में जाकर मुलाकात की। इस दौरान उन्हें हर तरह की मदद का भी भरोसा दिया। चेयरपर्सन डा.अमरेंद्र कुमार, सदस्य डा.राजकुमार उपाध्याय और सदस्य कुमारी विजया लक्ष्मी ने पीड़िता व उसके स्वजनों से मिलने के बाद चिकित्सक से मुलाकात कर उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
दुष्कर्म की घटना से बिगड़ी पीड़िता की हालत, बह चुका काफी खून
स्त्री एवं प्रसूती विभाग के चिकित्सक डा.रवि रंजन ने कहा कि गैंगरेप के कारण 14 जनवरी की रात में ही पीड़िता को काफी रक्तस्राव के कारण उसकी स्थिति ठीक नहीं थी। इदेरी के कारण उसके जख्म में इंफेक्शन हो गया था जिसका आपरेशन कर स्टीच किया गया है। उसका हीमोग्लोबिन घटकर 5.2 हो गया था जिसके कारण उसे दो यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। इसके बाद उसके हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़कर 8.7 हो गया।
दस दिन तक अस्पताल में रहेगी बच्ची
डॉक्टर ने कहा कि उसकी स्थिति में बहुत सुधार है। उसे 72 घंटे के आब्जर्वेशन में रखा गया है। जैसी उसकी स्थिति है उसके मुताबिक 10 दिनों तक उसे अस्पताल में भर्ती रखना पड़ सकता है। सीडब्ल्यूसी ने चाइल्डलाइन समन्वयक मुकेश दुबे के माध्यम से टीम के सदस्य शांतिलता हेंब्रम को अस्पताल भेजकर पीड़िता, उसके दादा और दादी से घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट भी प्राप्त कर ली है। केस के अनुसंधानकर्ता द्वारा गुरुवार तक एफआइआर की कापी और फार्म बी समिति को उपलब्ध नहीं करवाया था जबकि पोक्सो एक्ट के तहत केस रजिस्टर होने पर 24 घंटे के भीतर दोनों दस्तावेज समिति के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
पीड़िता ने खाई आरोपितों को सजा दिलाने की कसम
सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली पीड़िता ने कहा कि अभी तो अस्पताल में इलाजरत है और शरीर जख्म है। जैसे ही वह ठीक हो जाएगी, दोषियों को सजा दिलवाने के लिए पूरे परिवार के साथ कानूनी लड़ाई लड़ेगी। इसके लिए वह कानूनी मदद भी लेना चाहती है ताकि वह दरिंदों को कड़ी से कड़ी सजा दिला सके।
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