Move to Jagran APP

JEE Mains Topper 2024: दुमका की बेटी ने झारखंड का नाम किया रोशन, हासिल किया 99.64 परसेंटाइल; पढ़ें सफलता की कहानी

दुमका की मेघा कुमारी ने जेइइ मेंस की परीक्षा में 99.64 परसेंटाइल लाकर परचम लहराया है। अब वह आइआइटी के लिए 26 मई को होने वाली जेइइ एडवांस की परीक्षा में शामिल होने की तैयारियों में जुटी है। मेघा की मंशा मुंबई आइआइटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की है। इसके बाद वह शिक्षा के क्षेत्र में व्याख्याता के तौर पर करियर बनाना चाहती है।

By Rohit Kumar Mandal Edited By: Shashank ShekharUpdated: Tue, 13 Feb 2024 07:21 PM (IST)
Hero Image
JEE Mains Topper 2024: दुमका की बेटी ने झारखंड का नाम किया रोशन, हासिल किया 99.64 परसेंटाइल;
जागरण संवाददाता, दुमका। दुमका की मेघा कुमारी ने जेइइ मेंस की परीक्षा में 99.64 परसेंटाइल लाकर परचम लहराया है। अब वह आइआइटी के लिए 26 मई को होने वाली जेइइ एडवांस की परीक्षा में शामिल होने की तैयारियों में जुटी है। मेघा की मंशा मुंबई आइआइटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की है। इसके बाद वह शिक्षा के क्षेत्र में व्याख्याता के तौर पर करियर बनाना चाहती है।

वर्तमान में वह दुमका के ग्रीन माउंड एकेडमी स्कूल से इंटर विज्ञान की पढ़ाई कर रही है। उसने 10वीं की परीक्षा दुमका के ही होली चाइल्ड स्कूल से पास किया है। मैट्रिक में मेघा 98.2 प्रतिशत अंक लाकर आइसीएससी बोर्ड में जिला की टापर थी। जेइइ की तैयारियों के लिए वह वाइव्रेंट एकेडमी कोटा में तैयारी करके अक्टूबर माह में दुमका लौट आई थी। इसके बाद वह घर में रह कर परीक्षा की तैयारियों में जुटी है।

तैयारी को लेकर मेघा ने क्या कुछ कहा

जेइइ मेंस की परीक्षा में सफल मेघा अपने पिता दिलीप कुमार व मां मांडवी कुमारी के साथ

मेघा ने कहा कि वह प्रतिदिन आठ से 10 घंटे तैयारी करती है। सतत प्रयास से सफलता मिलना तय है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए सही मार्गदर्शन और सतत अभ्यास सबसे अहम है। असफलता को ही सफलता का मार्ग बनाने की जरूरत है। खुद पर भरोसा करके लक्ष्य साधने में जुटे रहने की जरूरत है। सफलता होने की संभावनाएं कभी रुकती नहीं है। शुरुआत दौर से ही सतत अभ्यास की आदत डालने की जरूरत है।

मेघा ने आगे यह भी कहा कि पुस्तकों से दोस्ती जरूरी है। किसी भी तरह का डाउट हो तो उसका मार्गदर्शन जरूर लें। इसमें किसी तरह की हिचक नहीं होनी चाहिए। उसका बड़ा भाई माधव कुमार आइआइटी कानपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में तृतीय वर्ष का छात्र है। पिता दिलीप कुमार विज्ञान के शिक्षक हैं। इसलिए उसे जो भी समस्या होती थी उसका मार्गदर्शन घर में ही मिल जाता है।

इन लोगों को दिया सफलता का श्रेय

मेघा अपनी सफलता का श्रेय मां मांडवी कुमारी, पिता दिलीप कुमार, भाई माधव कुमार एवं शिक्षकों को देती है। मेघा दुमका के सोनुवाडंगाल रसिकपुर में रहती है। एक सवाल पर उसने कहा कि करियर बनाने के लिए जरूरी है कि समर्पण भाव से सतत अभ्यास किया जाए। मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ जरूरत पड़ने पर किया जाए। कहा कि वह प्रतिदिन मात्र आधा घंटा मोबाइल का इस्तेमाल करती हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।