JEE Mains Topper 2024: दुमका की बेटी ने झारखंड का नाम किया रोशन, हासिल किया 99.64 परसेंटाइल; पढ़ें सफलता की कहानी
दुमका की मेघा कुमारी ने जेइइ मेंस की परीक्षा में 99.64 परसेंटाइल लाकर परचम लहराया है। अब वह आइआइटी के लिए 26 मई को होने वाली जेइइ एडवांस की परीक्षा में शामिल होने की तैयारियों में जुटी है। मेघा की मंशा मुंबई आइआइटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की है। इसके बाद वह शिक्षा के क्षेत्र में व्याख्याता के तौर पर करियर बनाना चाहती है।
जागरण संवाददाता, दुमका। दुमका की मेघा कुमारी ने जेइइ मेंस की परीक्षा में 99.64 परसेंटाइल लाकर परचम लहराया है। अब वह आइआइटी के लिए 26 मई को होने वाली जेइइ एडवांस की परीक्षा में शामिल होने की तैयारियों में जुटी है। मेघा की मंशा मुंबई आइआइटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की है। इसके बाद वह शिक्षा के क्षेत्र में व्याख्याता के तौर पर करियर बनाना चाहती है।
वर्तमान में वह दुमका के ग्रीन माउंड एकेडमी स्कूल से इंटर विज्ञान की पढ़ाई कर रही है। उसने 10वीं की परीक्षा दुमका के ही होली चाइल्ड स्कूल से पास किया है। मैट्रिक में मेघा 98.2 प्रतिशत अंक लाकर आइसीएससी बोर्ड में जिला की टापर थी। जेइइ की तैयारियों के लिए वह वाइव्रेंट एकेडमी कोटा में तैयारी करके अक्टूबर माह में दुमका लौट आई थी। इसके बाद वह घर में रह कर परीक्षा की तैयारियों में जुटी है।
तैयारी को लेकर मेघा ने क्या कुछ कहा
जेइइ मेंस की परीक्षा में सफल मेघा अपने पिता दिलीप कुमार व मां मांडवी कुमारी के साथ
मेघा ने कहा कि वह प्रतिदिन आठ से 10 घंटे तैयारी करती है। सतत प्रयास से सफलता मिलना तय है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए सही मार्गदर्शन और सतत अभ्यास सबसे अहम है। असफलता को ही सफलता का मार्ग बनाने की जरूरत है। खुद पर भरोसा करके लक्ष्य साधने में जुटे रहने की जरूरत है। सफलता होने की संभावनाएं कभी रुकती नहीं है। शुरुआत दौर से ही सतत अभ्यास की आदत डालने की जरूरत है।
मेघा ने कहा कि वह प्रतिदिन आठ से 10 घंटे तैयारी करती है। सतत प्रयास से सफलता मिलना तय है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए सही मार्गदर्शन और सतत अभ्यास सबसे अहम है। असफलता को ही सफलता का मार्ग बनाने की जरूरत है। खुद पर भरोसा करके लक्ष्य साधने में जुटे रहने की जरूरत है। सफलता होने की संभावनाएं कभी रुकती नहीं है। शुरुआत दौर से ही सतत अभ्यास की आदत डालने की जरूरत है।
मेघा ने आगे यह भी कहा कि पुस्तकों से दोस्ती जरूरी है। किसी भी तरह का डाउट हो तो उसका मार्गदर्शन जरूर लें। इसमें किसी तरह की हिचक नहीं होनी चाहिए। उसका बड़ा भाई माधव कुमार आइआइटी कानपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में तृतीय वर्ष का छात्र है। पिता दिलीप कुमार विज्ञान के शिक्षक हैं। इसलिए उसे जो भी समस्या होती थी उसका मार्गदर्शन घर में ही मिल जाता है।
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