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Dumka News: नक्शे के फेर में उलझे बेघरों को आवंटित 132 आवास, पैसा देकर आवंटित कराने के बाद भी रहने की अनुमति नहीं

Dumka News पैसा जमा करने के बाद भी अपने मकान के मालिक बन चुके बेघर लोग महज एक नक्शे की वजह से रहने की अनुमति से वंचित हैं। बैंक ने लोन देने से पहले नगर परिषद से जमीन के नक्शे की मांग की है। नगर परिषद तीन माह से नक्शा के लिए जिला परिषद के चक्कर काट रही है लेकिन अभी तक इसकी अनुमति प्रदान नहीं की गई है।

By Rajeev Ranjan Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Wed, 19 Jun 2024 03:43 PM (IST)
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नक्शे के फेर में उलझे बेघरों को आवंटित 132 आवास (जागरण)

 अनूप श्रीवास्तव, दुमका। Dumka News: पैसा जमा करने के बाद भी अपने मकान के मालिक बन चुके बेघर लोग महज एक नक्शे की वजह से रहने की अनुमति से वंचित हैं। बैंक ने लोन देने से पहले नगर परिषद से जमीन के नक्शे की मांग की है। नगर परिषद तीन माह से नक्शा के लिए जिला परिषद के चक्कर काट रही है, लेकिन अभी तक इसकी अनुमति प्रदान नहीं की गई है। इस कारण 132 लाभुक चाहकर भी नए घर में कदम नहीं रख पा रहे हैं।

दरअसल नगर परिषद ने चार साल पहले ऐसे लोग जिनके पास अपनी जमीन नहीं है और 15 साल से किराए के घर में रह रहे हैं, उनके लिए प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत दुधानी में 132 आवास बनाने की योजना शुरू की थी। पिछले साल सारे आवास भी बनकर तैयार हो गए। आवास आवंटित करने के लिए लाटरी का सहारा लिया गया। तय राशि लेने के बाद सभी 132 लाभुक को आवास आवंटित भी कर दिया गया। 

पांच लाख में देना है 2.96 लाख

आवासीय योजना के तहत एक आवास की कीमत पांच लाख रुपया है। इसमें 2.96 लाख रुपया लाभुक को और बाकी पैसा केंद्र सरकार को वहन करना है। पांच हजार रुपया देकर लोगों ने आवास का निबंधन कराया। इसके बाद पहली किस्त के रूप में 25 हजार जमा कर आवास पर अपना दावा पक्का किया। अब बाकी पैसा लोन के माध्यम से देना है।

लोन के लिए घर बैंक को देना होगा नक्शा

यह योजना उन लोगों के लिए थी, जिनके पास अपनी जमीन नहीं है और किसी तरह से किराए के घर में गुजर करते हैं। वैसे लोग पहली किस्त जमा करने के बाद बैंक से लोन लेकर बाकी पैसा जमा कर आवास में कदम रख सकते हैं। कई लाभुक ने बैंक में लोन के लिए अप्लाई किया, लेकिन बैंक ने जमीन का नक्शा नहीं होने के कारण लोन देने से मना कर दिया।

लाभुक के पास इतना पैसा नहीं है कि वे अपने स्तर से सारी किस्त जमा कर पाते हैं। नगर परिषद ने चुनाव के पहले जिला परिषद से नक्शा देने का अनुरोध किया, लेकिन आज तक नक्शा नहीं दिया जा सका है। जिस कारण लाभुक महज एक नक्शा के लिए अपने सपनों के महज से वंचित हैं।

बयान

जिस जमीन पर आवास बनें हैं, वह जिला परिषद की है। लोन के लिए जमीन का नक्शा आवश्यक है। जिला परिषद से लगातार नक्शा की मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक नहीं दिया गया है। बिना नक्शा के लोन नहीं मिलेगा और लाभुक चाहकर भी आवास में कदम नहीं रख सकेंगे।

सुमित प्रशांत सोरेन, सिटी प्रबंधक आवासीय योजना, नगर परिषद

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