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जिले में भक्तिपूर्वक मनाई गई दुर्गापूजा

दुमका : दुमका जिले में दुर्गापूजा शनिवार को उत्साह, प्रेम व भक्ति के साथ संपन्न हो गई। दुर्गापूज

By JagranEdited By: Updated: Sun, 01 Oct 2017 05:43 PM (IST)
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जिले में भक्तिपूर्वक मनाई गई दुर्गापूजा

दुमका : दुमका जिले में दुर्गापूजा शनिवार को उत्साह, प्रेम व भक्ति के साथ संपन्न हो गई। दुर्गापूजा के दौरान बीते तीन दिन तक पूरे दुमका शहर समेत ग्रामीण इलाकों में माहौल भक्तिमय रहा। शनिवार को दशमी पर विभिन्न पूजा पंडालों में महिलाओं ने ¨सदूर खेल कर एक दूसरे के सौभाग्यवती ॉहोने की कामना की। इसके बाद पूजा समितियों की ओर से कलश का विसर्जन किया गया। दशमी को दोपहर के बाद मां के दर्शन का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह देर रात जाकर थमा। पूजा पंडालों की चकाचौंध देखने लायक थी। यज्ञ मैदान, कानूपाड़ा, कुमारपाड़ा, रसिकपुर, शिवपहाड़, राधा माधव मंदिर और दुधानी, खिजुरिया, वीर कुंवर ¨सह, ग्रांट स्टेट का पूजा पंडाल ने लोगों को अपनी ओर खींचा।

ग्रामीण इलाकों में रही पूजा की धूम

ग्रामीण इलाकों में पूजा की धूम रही। जामा प्रखंड अंतर्गत बारापलासी दुर्गामंदिर, महारो, लकड़ापहाड़ी नोनीहथवारी चिकनिया, बासजोरा मंदिर में परंपरागत रूप एवं विधि विधान से दुर्गापूजा मनाया गया। जामा, लक्ष्मीपुर, बारा, आसनजोर विराजपुर में कलश स्थापित कर नवरात्र पूजन हवन आदि कराया गया। चिकनियां और बारा में डाक नृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा भगवती जागरण का कार्यक्रम मुख्य आकर्षण का केंद्र रह।

नोनीहाट में पुराना बाजार दुर्गा मंदिर और नोनीगांव दुर्गा मंडप में भक्तों की भीड़ से मां दुर्गा की जयकारा की गूंज से वातावरण गूंजायमान रहा। प्रतिमा का दर्शन एवं पूजन अनुष्ठान में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

रामगढ़ : शनिवार को विजया दशमी के दिन रामगढ़, महुबना, केन्दुवा तथा भतुड़िया गांव में मेला का आयोजन किया गया। वहीं प्रखंड के प्रसिद्ध भालसुमर दुर्गा मंदिर में नवमी के दिन हजारों की संख्या में पाठा की बलि दी गयी। साथ ही अमड़ापहाड़ी पंचायत के ¨सहवाहिनी थान में भी बलि दी गयी। यहां पर नवमी के दिन मेला का भी आयोजन किया गया। रामगढ़ स्थित सार्वजनिक दुर्गापूजा समिति के सदस्यों द्वारा विजया दशमी के दिन महाप्रसाद का वितरण किया गया। रामगढ़, महुबना, केंदुवा तथा भतुड़िया में बनायी गयी दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन शनिवार की रात को ही कर दिया गया। प्रखंड के ठाड़ीहाट में दुर्गापूजा पर रविवार को मेला भी आयोजन किया गया। प्रखंड के अमड़ापहाड़ी तथा बंदरजोड़ा में दुर्गा पूजा पर दो अक्टूबर, गम्हरियाहाट में तीन अक्टूबर तथा सारमी गांव में चार अक्टूबर को मेला का आयोजन किया जाएगा। इन जगहों पर मेला के बाद ही दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। हालांकि शनिवार की शाम को आई तेज बारिश तथा गर्जन ने लोगों को मेला का आनंद उठाने में विघ्न जरूर डाला।

बासुकीनाथ : जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र में बासुकीनाथ, हरिपुर, फुलधरिया टोला, नावाडीह, जरमुंडी सहित विभिन्न पूजा स्थलों से अश्रुपूरित नेत्रों से भक्तों के द्वारा माता दुर्गा को विदाई दी। बासुकीनाथ स्थित प्राचीन दुर्गा माता एवं फुलधरिया टोला स्थित माता भगवती की प्रतिमा को रविवार को भक्तों द्वारा ढ़ोल नगाड़े की धुन के बीच शिवगंगा में विसर्जन किया गया। हरिपुर बाजार प्रतिमा का भी विसर्जन किया गया। इसके पूर्व शनिवार की देर शाम नावाडीह एवं जरमुंडी नीचे बाजार स्थित सरकार टोला में स्थापित माता की प्रतिमा को जरमुंडी नीचे बाजार स्थित रावत बांध में विसर्जन किया गया। यह क्रम पूíणमा तक चलेगा।

शिकारीपाड़ा : शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत शिकारीपाड़ा, मलूटी, बांसपहाड़ी, सरसाजोल, बेनागड़िया सरसडंगाल, राजबांध, ढाका एवं शिकारीपाड़ा में मां दुर्गा को विदाई दी गई। रविवार को शिकारीपाड़ा में मेला का आयोजन किया गया।

रानीश्वर : रानीश्वर प्रखंड के बांसकुली, हकीगतपुर, आसनबनी नंदन, आलगपाथर, गो¨वदपुर, दिगुली सादीपुर के बामुनपाड़ा, लायेकपाड़ा, रघुनाथपुर, हरजुरिया, महेश बथान, कुमीरदाहा, सुखजोड़ा, पाथरा, टांगदहा, श्रीरामपुर व नीझुरी में प्रतिमा का विसर्जन किया गया।

पत्ताबाड़ी : शाम होने के साथ ही प्रतिमाओं के विसर्जन का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह देर शाम होने के बाद थमा। कई जगह पर बच्चों ने जुलूस निकालकर प्रतिमा का विसर्जन किया।