पहले माथे पर 'शिला'... अब घर-घर में अक्षत, झारखंड के कारसेवक ने सुनाई राम मंदिर की अनसुनी कहानी; हुए भावुक
दुमका के टीन बाजार सब्जी मंडी के पास रहते हैं ओम केशरी। रविवार की सुबह जब हम सब्जी खरीदने टीन बाजार पहुंचे तो उन्होंने टोकते हुए कहा कि आजकल तो दैनिक जागरण में राम काज करने वालों के बारे में खूब छप रही है। थोड़ी हमारी भी सुन लीजिए। फिर क्या था सुनने लगे हम उनकी बातों को। वर्ष 1989-90 की बात है। तब ओम केशरी 23 साल के थे।
राजीव, दुमका। दुमका के टीन बाजार सब्जी मंडी के पास रहते हैं ओम केशरी। रविवार की सुबह जब हम सब्जी खरीदने टीन बाजार पहुंचे तो उन्होंने टोकते हुए कहा कि आजकल तो दैनिक जागरण में राम काज करने वालों के बारे में खूब छप रही है। थोड़ी हमारी भी सुन लीजिए। फिर क्या था सुनने लगे हम उनकी बातों को।
वर्ष 1989-90 की बात है। तब ओम केशरी 23 साल के थे। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता थे। कहा कि जब राम जन्मभूमि के लिए आंदोलन की शुरुआत हुई थी तब उन लोगों को भी तमाम जानकारियों से अवगत कराया जाता था। इसी क्रम में जब राम शिला पूजा अभियान की शुरुआत हुई तो दुमका में भी इस अभियान को जोर-शोर से चलाया गया था।
राम मंदिर को लेकर उत्साह के बारे में क्या कुछ कहा
कहते हैं तब यहां के युवाओं में इसको लेकर जबरदस्त उत्साह था। सुबह से ही शहर में युवाओं की सरगर्मी तेज हो जाती थी। इसमें बच्चे व बुर्जुर्ग भी पीछे नहीं थे। माथे पर श्रीराम का शिला उठाकर घर-घर घूमते और शिला पूजन के अभियान के जरिए लोगों को अयोध्या में राम मंदिर बनाने की दृढ़ इच्छाशक्ति को बताते।ओम कहते हैं कि शिला पूजन के दौरान उस दौर में आमजनों में उत्साह देखते ही बनता था। लोग बड़ी ही आस्था से शिला की पूजन करते। टीका लगाते और फूल-अक्षत भी छिड़कते। कहते हैं आज बरबस ही वह दृश्य आंखों के सामने तैर रहा है। उम्र के 56वें पड़ाव पर आने के बाद भी अभी ऐसा लग रहा है कि वर्ष 1989-90 के दृश्य का दोहराव हो रहा है।आज जब अयोध्या में मंदिर बन चुका है तो एक बार फिर घर-घर में अक्षत वितरण हो रहा है। पत्रक बांटकर अयोध्या आने का न्योता दिया जा रहा है। फर्क सिर्फ इतना है कि उस वक्त पूरे देश से लोग अयोध्या करसेवा करने गए थे और अबकी बार रामलाल के दर्शन के लिए अयोध्या जाने को तैयार हैं।
ओम केशरी ने राम मंदिर को लेकर आगे और क्या कहा
उन दिनों की एक तस्वीर को दिखाते हुए ओम कहते हैं कि गौर से देखिए इस तस्वीर को। कैसे माथे पर 'जय श्री राम' का केशरिया पट्टा बांधकर हम शिला पूजन कराने निकले थे।इस तस्वीर में उनके अलावा मिथिलेश झा, अजय केशरी, प्रशांत दिवेद्वी, रघुवंश तिवारी, स्व. सुरेंद्र केशरी, सुधीर दास, संजय केशरी, संजीव केशरी, रवि केशरी समेत कई युवा व बच्चे शामिल थे। यहां से निकल कर कुमारपाड़ा की ओर बढ़ने पर अक्षत, पत्रक बांट रहे जत्था से मुलाकात हो जाती है।
मुझे देखते ही भाजपा की महिला नेत्री सोनी हेंब्रम ने कहा कि भइया, देखिए यह उत्साह। फिर डीजे पर हर घर में अब एक ही नाम.., एक ही नारा गूंजेगा.. जब भारत का बच्चा-बच्चा जय श्रीराम...।ये भी पढ़ें: झारखंड के लोगों को रेलवे का तोहफा, अब इस शहर से पटना-हावड़ा जाना हो गया आसान; BJP नेता ने दो ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी
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