'आज मंच उनके बिना अधूरा है...', जनसभा में भावुक हुईं हेमंत सोरेन की भाभी, भाई बसंत भी नहीं रोक सके आंसू
दुमका का कमारदुधानी स्पोर्टस कॉम्पलेक्स मंगलवार को खराब मौसम के बाद भी खचाखच भरी हुई थी। झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पहली बार दुमका में किसी सरकारी समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। वहीं इस कार्यक्रम में हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन मंच पर संबोधन के कहा आज का दिन महत्वपूर्ण है और कहते-कहते फफक कर रोने लगे। इस दौरान हेमंत की भाभी भी भावुक हो गईं।
राजीव, दुमका। दुमका के जामा विधानसभा क्षेत्र में स्थित कमारदुधानी स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में मंगलवार को खराब मौसम के बाद भी भीड़ खचाखच भरी हुई थी। झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पहली बार दुमका में किसी सरकारी समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वह दुमका के गांधी मैदान में दो फरवरी को झामुमो के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करने आए थे। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन यहां संताल परगना के तीन जिले दुमका, देवघर और जामताड़ा के अबुआ आवास के लाभुकों को स्वीकृति पत्र और प्रथम किस्त की ऑनलाइन राशि भुगतान करने के बाद राज्य के ताजा राजनीतिक हालात पर जनता को गोलबंद करने की पहल की।
उन्होंने अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को केंद्र में रखकर भाजपा पर सीधा हमला किया। जनता को दिलासा देते हुए कहा कि वह गुरुजी और हेमंत बाबू के सपनों को साकार करेंगे। कहा कि गुरुजी ने हमें आंदोलन और संघर्ष के रास्ते पर चलने की सीख दी है। इसलिए, हमें हक और अधिकार के लिए एकजुट होकर लेना होगा। विरोधियों को पहचानना होगा। उनके झांसे से दूर रहना होगा क्योंकि हमारा विरोधी भाजपा धोखेबाज है।
चंपई ने सधे हुए अंदाज में कहा कि भाजपा का स्वार्थ झारखंड में इसलिए सिद्ध नहीं हो रहा है क्योंकि यहां की जनता झामुमो और महागठबंधनके साथ खड़ी है। इसलिए अब वह प्रपंच कर हमारे नेता हेमंत सोरेन को फंसाया है। केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर जनता से दूर करने की साजिश रची गई है। इसलिए सबको सावधान रहकर अपनी हक व अधिकारों की लड़ाई लड़नी होगी।
मंच पर फफक कर रो पड़े हेमंत के भाई बसंत
पूर्व मुख्यमंत्री के भाई व दुमका के विधायक बसंत सोरेन जब मंच पर संबोधन के लिए आए तो वह पहले कुछ बोल नहीं पाए। फिर कुछ शब्द बोलकर चुप हो गए। फिर कहा आज का दिन बड़ा ही महत्वपूर्ण है और यह कहते-कहते फफक कर रोने लगे।फिर जब शांत हुए तो कहा कि वह बोल नहीं पा रहे, बाद में अपनी बातों को रखेंगे। तब उन्हें पीने के लिए पानी दिया गया और इसके बाद फिर उन्होंने रुआंसे स्वर में कहा कि यह मंच और बड़े भाई हेमंत के बिना अधूरा है।कहा कि यह हेमंत की हिम्मत ही है कि उन्होंने अबुआ आवास को यहां के बेघरों के लिए शुरू कराया है। उनकी एक सोच है कि झारखंड में मिट्टी के मकान में रहने वालों को भी पक्का का मकान होना चाहिए। कहा कि आज हम सब उनके एक सपने को साकार होता देख रहे हैं।
उनके कार्यकाल की ऐसी कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी पूरा कराना है। इसलिए, हमलोगों को आप सबका साथ चाहिए। हिम्मत चाहिए, जो विश्वास आप सब हेमंत सोरेन पर जताए हैं और करते हैं वही हिम्मत और विश्वास आगे भी बनाए रखना होगा।
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