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Lok Sabha Election 2024: BJP की स्ट्रेटजी को फेल करेगी JMM? परंपरागत सीट में भी प्रत्याशियों को लेकर उलझी

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 195 प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। इसमें झारखंड के 11 सीटों पर भी उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। हालांकि अब तक झामुमो और कांग्रेस की महागठबंधवन सरकार में अबतक सीटों को लेकर सबकुछ साफ नहीं हो पाया है। हालांकि संताल परगना में लोकसभा की तीन सीटों पर चुनावी डुगडुगी बजना शुरू हाे चुका है।

By Rajeev Ranjan Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 11 Mar 2024 03:33 PM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: BJP की स्ट्रेटजी को फेल करेगी JMM?

राजीव, दुमका। लोकसभा चुनाव की आहट तेज हो चली है। संताल परगना में लोकसभा की तीन सीटों पर चुनावी डुगडुगी बजना शुरू हाे चुका है। भाजपा ने चुनावी तैयारियों में गंभीरता दिखाते हुए संताल परगना के तीनों सीट दुमका, गोड्डा और राजमहल पर अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर आइएनडीआइए पर शुरुआती दौर से दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

अभी दुमका और गोड्डा सीट भाजपा के पास है, जबकि तीसरी सीट राजमहल झामुमो के कब्जे में है। भाजपा ने दुमका और गोड्डा से सिटिंग सांसदों को भी चुनावी समर में उतारा है।

दुमका से सुनील सोरेन और गोड्डा से निशिकांत दुबे, जबकि राजमहल से भाजपा ने पूर्व अनसूचित जनजाति प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी को मौका दिया है। इससे पूर्व इस सीट पर झामुमो से भाजपा में शामिल हुए हेमलाल मुर्मू पर दांव लगाया था। अब हेमलाल फिर से अपने पुराने घर झामुमो में लौट गए हैं।

आइएनडीआइए में प्रत्याशियों को लेकर गहमागहमी

संताल परगना में दुमका सीट झामुमो के लिए परंपरागत है। यहां से पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन लगातार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचते रहे हैं। शिबू सोरेन इस सीट से नौ बार सांसद चुने गए हैं। पिछले चुनाव में माेदी लहर में भाजपा के सुनील सोरेन उन्हें हराकर सांसद बने हैं।

लोकसभा चुनाव में हार के बाद शिबू सोरेन फिलहाल राज्यसभा के सांसद हैं। इस बार चुनाव में दुमका सीट झामुमो के लिए चुनौतीपूर्ण होने के साथ प्रतिष्ठा के सवाल से भी जुड़ गया है। पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के अस्वस्थ रहने व कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पर कानूनी शिकंजा कसने के बाद अब झामुमो के रणनीतिकार किसी भी सूरत में दुमका सीट पर वापस कब्जा जमाने की जुगत में है।

स्टीफन मरांडी का नाम लिस्ट में शामिल

सूत्रों पर भरोसा करें तो झामुमो के अंदर मजबूत प्रत्याशी व एक ऐसे चेहरे की तलाश हो रही है, जो भाजपा के प्रत्याशी को न सिर्फ शिकस्त दे सके, बल्कि पार्टी को तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों से उबारने का माद्दा रखता हो। दुमका से फिलहाल शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन, जामा की विधायक सीता सोरेन और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के राजनीति में कदम रखे जाने को बाद उनका भी नाम बतौर प्रत्याशी लिया जा रहा है।

कुछ लोग स्टीफन मरांडी का नाम भी इस सूची में जोड़ रहे हैं। हालांकि, झामुमो के नेता व कार्यकर्ता इस मामले में बिल्कुल खामोश हैं, जबकि गोड्डा सीट पर कांग्रेस की दावेदारी मजबूत है। राजद भी इस सीट को सामने रखकर दबाव की राजनीति का हवा दे रहा है, जबकि पिछली बार कांग्रेस और झाविमो के बीच गठबंधन के कारण यह सीट कांग्रेस ने झाविमो के प्रदीप यादव को दे दिया था।

निशिकांत दुबे से हार गए थे प्रदीप यादव

चुनाव में प्रदीप यादव भाजपा के निशिकांत दुबे से हार गए थे। फिलहाल, वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और पोड़ैयाहाट से विधायक हैं। इस बार कांग्रेस की टिकट पर फिर चुनाव लड़ने के लिए लाबिंग कर रहे हैं। इसके अलावा इस सीट से कांग्रेस के ही पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, महगामा की कांग्रेसी विधायक दीपिका सिंह पांडेय के अलावा कई प्रत्याशी दावेदारी ठोंक रहे हैं, जिसमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रणव झा का भी नाम सामने आ रहा है।

वहीं, राजमहल सीट पर झामुमो के विजय हांसदा लगातार दो बार चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं। झामुमो से उनका टिकट कन्फर्म माना जा रहा है। इस सीट पर झामुमो के बाेरियो विधायक लोबिन हेंब्रम भी निगाह गड़ाए हुए हैं। बहरहाल, आइएनडीआइए के मंच पर संताल परगना के इन तीनों सीटों पर होने वाले फैसले को लेकर यहां की जनता, पार्टी के कार्यकर्ता व नेताओं के अलावा चुनाव लड़ने वाले दावेदारों की टकटकी लगी है।

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