दुमका के चुनावी रण में किसके हाथ लगेगी बाजी? पक्ष-विपक्ष दोनों को चाहिए दिशोम गुरु शिबू सोरेन का आशीर्वाद
लोकसभा चुनाव में दुमका सीट पर झामुमो और भाजपा ने अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। एक तरफ भाजपा से यहां शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन हैं वहीं झामुमो ने नलिन सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है। दुमका को दिशोम गुरु शिबू सोरेन का गढ़ माना जाता है। ऐसे में इस पर फतेह हासिल करने के लिए दोनों को ही उनके आशीर्वाद की जरूरत पड़ेगी।
राजीव, दुमका। दुमका लोकसभा सीट पर चुनाव में शिबू सोरेन अहम फैक्टर हैं। यहां झामुमो के साथ ही भाजपा प्रत्याशी की जुबान पर भी शिबू सोरेन का नाम है। शिबू सोरेन के आंदोलन और संघर्ष की चर्चा दोनों पक्ष कर रहे हैं और उनके विरुद्ध बोलने का खतरा यहां कोई मोल नहीं ले रहा है।
सीता सोरेन लगातार साध रही हैं JMM पर निशाना
झामुमो छोड़कर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं सीता सोरेन झामुमो पार्टी तथा अपने परिवार के अन्य सदस्यों की बुराई कर रही हैं। यह भी कह रही हैं कि उनके साथ परिवार में न्याय नहीं हुआ।
अपने पति स्व. दुर्गा सोरेन के संघर्ष की भी वह याद दिलाती हैं और यह कहती हैं कि दुर्गा सोरेन के निधन के बाद विरासत उन्हें मिलनी चाहिए थी, जो नहीं मिली। सीता के इन आरोपों का अलग-अलग समय में बसंत सोरेन, कल्पना सोरेन व झामुमो के अन्य नेता जवाब भी दे चुके हैं।
पीएम मोदी की नीतियों की कायल हूं: सीता सोरेन
इन सबके बीच सीता सोरेन यह भी कहती हैं कि वह गुरुजी शिबू सोरेन की उत्तराधिकारी हैं और गुरुजी का आशीर्वाद उन्हें प्राप्त है।
सीता कहती हैं कि भाजपा में आकर न सिर्फ उन्हें अच्छा लग रहा है] बल्कि नरेंद्र मोदी के विकास व महिलाओं के प्रति सम्मान की नीतियों की वह कायल हैं।
इसी क्रम में सीता यह कहना नहीं भूलती हैं कि बाबा शिबू सोरेन उनके लिए सदैव आदरणीय हैं। कहा कि मुझे व मेरी बेटियों को हमेशा बाबा का आशीर्वाद मिला है। दुमका में इस बार भी भाजपा और झामुमो के बीच सीधा झकझूमर तय है।भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन मोदी की गारंटी के साथ ही शिबू के आशीर्वाद की भी बात कर अपनी चुनावी नैया पार करने की रणनीति पर चल रही हैं, ताकि गुरुजी को वोट करने वाले लोग भी उन्हें वोट दें।
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