मोदी सरकार की खास पहल: प्याज की कीमत कम करने के लिए अब होगा यह काम, धड़ाधड़ दाम होंगे कम...
देशभर में प्याज की कीमत में उछाल देखने को मिल रहा है। झारखंड की उपराजधानी दुमका में प्याज 70 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है। प्याज के थोक विक्रेताओं का मानना है कि आवक में कमी के कारण प्याज के भाव में उछाल आया है। प्याज की कीमत को कम करने के लिए सरकार ने एक खास पहल करने का सोचा है।
राजीव, दुमका। झारखंड की उपराजधानी दुमका में अभी प्याज का खुदरा भाव 70 रुपये किलो है। संभव है इस भाव में अभी कुछ और तेजी आए।जबकि थोक बाजार में अभी प्याज प्रति क्विंटल 5000 और 5500 रुपये है। प्याज के थोक विक्रेताओं का मानना है कि आवक में कमी के कारण प्याज के भाव में उछाल आया है।
प्याज के उत्पादन पर इसलिए पड़ा है असर
चूंकि इस वर्ष बारिश के कारण नए प्याज के उत्पादन पर असर पड़ा है इसलिए अब महाराष्ट्र्र, आंध्र प्रदेश, अहमदनगर, पुणे, मध्यप्रदेश समेत अन्य थोक मंडियों में प्याज का भाव चढ़ गया है।
दुमका में भी इन्हीं मंडियों से प्याज का आवक है। दुमका के खुदरा बाजार में कुछ दिन पूर्व तक 30 रुपये प्रति किलो के दर से प्याज बिक रहा था, लेकिन अचानक ही अब इसका भाव दोगुना से भी ज्यादा हो गया है।
प्याज संग लहसून और अदरक खूब निभा रहे यारी
प्याज का दोस्त लहसून अभी खूब दोस्ती निभा रहा है।140 रुपये प्रति किलो के दर से बिकने वाला लहसून अभी 200 रुपये में बिक रहा है। अदरक का भाव भी 150 रुपये से उछल कर 200 रुपये प्रति किलो हो गया है।
प्याज की कीमत में अचानक बढ़ोत्तरी से आमजनों का बजट और प्याज की खपत दोनों में कटौती होने का भी संकेत मिल रहा है।
केंद्र सरकार की वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने निर्यात शुल्क के बजाए अब न्यूनतम निर्यात शुल्क तय कर प्याज के निर्यात व घरेलू बाजार में बढ़ रही कीमत पर अंकुश लगाने की पहल की है।
कीमत कम करने के लिए सरकार की पहल
देश भर में प्याज की खपत और डिमांड को देखते हुए केंद्र सरकार इसे दिसंबर माह तक लागू करने का आदेश दिया है।
इस आदेश के तहत अब प्याज का निर्यात करने वाले व्यापारियों को एक टन प्याज निर्यात करने पर 800 यूएस डालर यानी कि करीब 66 हजार रुपये का न्यूनतम निर्यात शुल्क देना होगा। मतलब यह कि एक किलो प्याज का निर्यात 66 रुपये में हो सकेगा।
जबकि पहले की तय नीति के मुताबिक यह शुल्क काफी कम थी। पूर्व में निर्यात शुल्क के तौर पर मात्र छह से सात रुपये प्रति किलो ही निर्यातक व्यापारियों को चुकता करना पड़ता था।
दरअसल, केंद्र सरकार की मंशा है कि प्याज पर निर्यात शुल्क बढ़ाकर देश से बाहर प्याज निर्यात पर रोक लगाया जाए ताकि देश में प्याज की कीमत पर और ज्यादा उछाल नहीं आ सके।
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