New Year पर घूमने का बना रहे प्लान तो यहां जाने पर कर सकते हैं विचार, मन मोह लेगी खूबसूरत वादियां; देखें तस्वीरें
यदि आप घूमने के शौकीन हैं और नए साल पर कहीं का प्लान बना रहे हैं तो आप एक बार झारखंड का खूबसूरत शहर दुमका का प्लान बना सकते हैं। यहां की मनमोहक वादियां आपका मन मोह लेगी। प्राकृतिक सौंदर्य धार्मिक और पर्यटन के क्षेत्र में इस जगह की अपनी अलग पहचान है। दुमका में सिर्फ नए साल पर नहीं बल्कि साल भर पर्यटक और सैलानियों का आगमन होता है।
जागरण संवाददाता, दुमका। नए साल पर दुमका के चारो ओर फैली खूबसूरत वादियां सैलानियों के स्वागत को उतावली हैं। दुमका की पहचान झारखंड की उपराजधानी के अलावा धार्मिक और पर्यटन स्थलों से भी है। खासकर प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक व पर्यटन के क्षेत्र में दुमका की अपनी एक अलग पहचान है।
यही वजह है कि यहां सिर्फ नए साल के मौके पर ही नहीं, बल्कि सालों भर पर्यटक व सैलानियों का आगमन होता है। दुमका जिले में मसानजोर डैम, मलूटी, बासुकीनाथ जैसे कई ऐसे धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल है जिसकी पहचान अब राष्ट्रीय मानचित्र पर है।
मसानजोर डैम
दुमका के पूर्व भाग में दुमका-सिउड़ी मुख्य पथ पर करीब 30 किलोमीटर दूर मयूराक्षी नदी पर निर्मित मसानजोर डैम पर्यटन की दृष्टि से दुमका का गौरव है। सालों भर यहां सैलानियों की भीड़ रहती है लेकिन नए साल पर सर्वाधिक लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं।
प्रकृति की गोद में बसे दो पहाड़ों के बीच एक किलोमीटर लंबा इस डैम का निर्माण कनाडा सरकार की मदद से कराया गया है। सैलानियों के लिए यहां झारखंड व पश्चिम बंगाल सरकार के माध्यम से संचालित दो अतिथिशाला के अलावा झाझापाड़ा में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक रेस्ट हाउस भी है। सुरक्षा के लिए मसानजोर ओपी और रानीश्वर थाना है।
तातलोई
दुमका जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर दुमका-भागलपुर मुख्य पथ पर जामा थाना क्षेत्र के बारापलासी से पूरब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित भुरभुरी नदी के किनारे प्राकृतिक सौंदर्य बिखेरती गर्म कुंड वाला तातलोई झरना लोगों का आकर्षित करता है। यहां एक जनवरी से लेकर 14 जनवरी तक पर्यटकों की काफी भीड़ रहती है।
मकर सक्रांति पर यहां तीन दिवसीय मेला की भी परंपरा है। इसको लेकर प्रशासनिक तैयारियां भी हर साल की जाती है। यहां निकटवर्ती थाना जामा है।
सृष्टि पहाड़ कुरुवा
दुमका मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर कुरुवा पहाड़ी पर स्थित नयनाभिराम सृष्टि वानस्पतिक उद्यान और इस पर बनाए गए बूट हाउस के निकट खड़ा होकर दुमका की अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य को निहारना काफी रोमांचकारी है। मयूराक्षी नदी की लहरों में सूर्याेदय व सूर्यास्त का नजारा भी अद्भूत है।
यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए चिल्ड्रेन पार्क, खान-पान के लिए कैफेटेरिया समेत कई सुविधाएं मौजूद हैं। इससे कुछ ही दूरी पर स्थित दुमका एयरपोर्ट से आगे मयूराक्षी नदी तट के किनारे बास्कीचक व दुमका शहर से सटे हिजला नदी तट, विजयपुर समेत कई ऐसे रमणीक स्थल हैं जहां बड़ी संख्या में लोग नए साल का जश्न मनाने पहुंचते हैं।
नारगंज डाकबंगला
काठीकुंड प्रखंड मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नारगंज डाकबंगला का निर्माण वर्ष 1903 में कराया गया था। यह डाक बंगला भागमत परगना के नाम भी प्रसिद्ध है। अंग्रेजों के जमाने में निर्मित इस डाक बंगला के आसपास दूर-दूर तक फैली पहाड़ी और इसके नीचे से गुजरती नदी का दृश्य काफी मनोरम है।
यहां जनवरी माह में सैलानियों की भीड़ उमड़ती है। प्रकृति के गोद में बसा यह इलाका इस क्षेत्र में पिकनिक स्पाट के तौर पर चिह्नित है। जंगलों के बीच स्थित इस इलाके में अपेक्षाकृत सुविधाएं काफी कम हैं।
नगवा पहाड़
जरमुंडी प्रखंड के नोनीहाट से पश्चिम में स्थित नगवा पहाड़ का ऐतिहासिक महत्व है। यह मनोरम स्थल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। वर्ष 1968-69 में नगवा पहाड़ के मूल पत्थरों को काटकर यहां शिखर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनाई गई है। वन औषधि के पेड़-पौधों से परिपूर्ण यह पहाड़ जंगल के मध्य में स्थित होने के कारण जंगली जानवरों का शरणस्थली भी है।
पहाड़ के मध्य ऊंचाई पर एक झरना भी है। हालांकि नगवा पहाड़ से अधिकांश लोग अब भी अपरिचित हैं और यही कारण है कि यहां पर्यटकों का आगमन भी ज्यादा नहीं होता है। यह क्षेत्र जरमुंडी थाना क्षेत्र में पड़ता है। यहां से दुमका-भागलपुर मुख्य पथ पर स्थित हंसडीहा भी नजदीक है।
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