श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा दुमका में बना राधा-कृष्ण मंदिर, 1.5 करोड़ की लागत से हुआ है तैयार
दुमका के कोल्हड़िया गांव में डेढ़ करोड़ की लागत से राधा-कृष्ण मंदिर बनकर तैयार है जो श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है। वृंदावन के एक पुजारी की प्रेरणा से बने इस मंदिर में राधा-कृष्ण की भव्य मूर्तियां स्थापित हैं जिन्हें जयपुर से मंगवाया गया है। मंदिर का संचालन राधा-कृष्ण मंदिर ट्रस्ट कर रहा है।
जागरण संवाददाता, दुमका। दुमका शहर से करीब छह किलोमीटर दूर जामा प्रखंड के नोनीहथवारी के निकट कोल्हड़िया गांव में तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया राधा-कृष्ण मंदिर श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहा है।
इस मंदिर का निर्माण कार्य इसी वर्ष पूरा हुआ है। मंदिर में भगवान श्री कृष्ण और राधा की भव्य व आकर्षक प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रतिमाएं राजस्थान के जयपुर से मंगवाई गई है।
प्रभु की कृपा व वृंदावन के पुजारी की प्रेरणा से हुआ है मंदिर का निर्माण
कोल्हड़िया गांव में राधा-कृष्ण मंदिर का निर्माण प्रभु की कृपा व वृंदावन से आए एक पुजारी की प्रेरणा से कराया गया है। इस मंदिर के संचालन के लिए गठित राधा-कृष्ण मंदिर ट्रस्ट के गया प्रसाद साह कहते हैं कि वह राजकीय पॉलिटेक्निक दुमका के शिक्षकेत्तर कर्मचारी थे।
सेवानिवृत्ति के बाद वह कुछ धार्मिक कार्य करने की सोच रहे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात वृंदावन से आए एक पुजारी से हुई। पुजारी ने उन्हें भगवान राधा-कृष्ण का मंदिर बनवाने की सलाह दी।
गया प्रसाद साह कहते हैं कि पुजारी की प्रेरणा व प्रभु की कृपा से इस मंदिर का निर्माण कराया है। गया प्रसाद साह कहते हैं कि पुजारी प्रेरणा देकर कहां चले गए इसका पता उन्हें आज तक नहीं चल सका है।
जबकि वह पुजारी की खोज में उनके ठहराव स्थल कुमड़ाबाद गांव भी गये थे पर वहां भी उनका कोई अता-पता नहीं चल सका। पुजारी के द्वारा दिये गये मोबाइल नंबर से भी संपर्क नहीं हो सका।
महाराष्ट्र से आए कारीगरों ने तैयार किया है भव्य व आकर्षक मंदिर
मंदिर निर्माण का कार्य कराने के लिए महाराष्ट्र के कारीगरों को खास तौर पर बुलाया गया था। राधा कृष्ण मंदिर ट्रस्ट कोल्हड़िया के कोषाध्यक्ष अशोक कुमार साह के मुताबिक मंदिर के निर्माण कार्य में अब तक तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपये खर्च हो चुका है।
इस राशि का वहन अध्यक्ष गया प्रसाद साह के स्तर से किया गया है। मंदिर निर्माण कार्य के लिए किसी से किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग नहीं लिया गया है।
श्रद्धालुओं के लिए दिन भर खुला रहता है मंदिर
राधा कृष्ण मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष अशोक कुमार साह ने कहा कि यह मंदिर सार्वजनिक है। मंदिर में कोई भी श्रद्धालु भगवान की पूजा-अर्चना व दर्शन के लिए आ सकते हैं। कहा कि मंदिर का पट प्रतिदिन सुबह पांच बजे खुल जाता है।
मंदिर में प्रतिदिन सुबह सात बजे प्रातःकालीन और शाम में सात बजे संध्या आरती होती है। शाम में भजन-कीर्तन के बाद रात के नौ बजे मंदिर का पट बंद किया जाता है। कहा कि मंदिर में प्रत्येक माह 10 से 15 दिन तक भजन-कीर्तन होता है।
उन्होंने बताया कि पूजा-अर्चना के लिए मंदिर में नित्यानंद झा को मंदिर का पुजारी बनाया गया है जो प्रतिदिन मंदिर में विधिपूर्वक पूजा-अर्चना व आरती करते हैं। नित्यानंद झा जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड के निवासी हैं।
डंगालपाड़ा शिव मंदिर-मोरटंगा रोड से पहुंच सकते हैं राधा-कृष्ण मंदिर
दुमका शहर के लोग डंगालपाड़ा शिव मंदिर से मोरटंगा की ओर से जाने वाली सड़क से कोल्हड़िया में नवनिर्मित राधा-कृष्ण मंदिर आसानी से पहुंच सकते हैं।
नवनिर्मित मंदिर में स्थापित राधा-कृष्ण की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान पांच जून 2025 को विधि-विधान से कराए जाने के बाद प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन होता है।
इस वर्ष पहली बार यहां जन्माष्टमी का उत्सव भी भव्य तरीके से मनाया गया। इस पावन अवसर पर मंदिर में शनिवार को पूजा-अर्चना के बाद देर रात तक भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया था और रविवार को भंडारा व प्रसाद वितरण अनुष्ठान संपन्न कराया गया।
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