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दो दिन देवघर में ठहर लालू साध गए कई निशाना, राजद कार्यकर्ताओं में भर गए जोश, दे गए भविष्य की उम्मीदें

Jharkhand News राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भले ही दो दिवसीय देवघर प्रवास से वापस लौट गए हैं लेकिन इसी के साथ उन्‍होंने मिशन 2024 का बिगुल बजा दिया है। उन्‍होंने राजद कार्यकर्ताओं के बीच झारखंड के सभी 24 जिलों में आगामी चुनाव में जीत के लिए पार्टी का एजेंडा सामने बखूबी रख दिया है। उनकी इस मौजूदगी ने कार्यकर्ताओं को काफी उत्‍साहित किया।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Tue, 12 Sep 2023 09:47 AM (IST)
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दुमका में बासुकीनाथ मंदिर के बाहर पत्‍नी संग लालू प्रसाद यादव।
राजीव, दुमका। Jharkhand News: कहते हैं राजनीति करने की नहीं समझने की चीज है। राजनीति में जो दिखता है वह होता नहीं और जो होता है वह दिखता नहीं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भले ही दो दिवसीय देवघर प्रवास से वापस लौट गए हैं, लेकिन उन्होंने इस मियाद में झारखंड के सभी 24 जिलों में मिशन 2024 के आइएनडीआइए के एजेंडा को राजद कार्यकर्ताओं को बीच बखूबी रख दिया है।

I.N.D.I.A. की जीत की लालू ने की कामना  

रविवार की शाम देवघर में झारखंड के अधिकांश जिलों से राजद के जिला अध्यक्ष समेत कई नेताओं का जुटान हुआ था। लालू इन सबके बीच थे यही इनके लिए काफी था। इन्हें उत्साहित कर रहा था।

रही-सही कसर लालू प्रसाद यादव ने सोमवार की सुबह यह कहकर पूरा कर दिया है कि वह भोलनाथ की दरबार में आइएनडीआइए की जीत के लिए कामना किए हैं। इस दौरान मंदिर में उनके साथ कांग्रेस के जरमुंडी विधायक व सूबे के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख भी साथ थे।

संताल परगना में लोकसभा सीटों पर भाजपा का दबदबा

संताल परगना की धरती पर अभी लोकसभा सीटो पर भाजपा का दबदबा है, तो विधानसभा में यूपीए काफी मजबूत है। लालू प्रसाद यादव यह बखूबी समझते हैं कि वोट बैंक के लिहाज से भी यह इलाका आइएनडीआइए के लिए मुफीद है।

तीन लोकसभा सीटों में भाजपा भले ही अभी 2-1 से आगे है, लेकिन विधानसभा में यूपीए फोल्डर के पास 18 में से 14 सीटें हैं। हालांकि इन विधानसभा सीटों में राजद का एक भी सीट नहीं है, लेकिन कम से कम तीन से चार ऐसी सीटें हैं, जहां राजद से विधायक चुने गए हैं। इसमें गोड्डा, देवघर और सारठ सीट से राजद के विधायक चुने गए हैं। इत्तफाक से यह तीनों सीट फिलहाल भाजपा के खाते में है।

मिशन 2024 में जीत का है लक्ष्‍य 

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की विधानसभा के इन तीनों सीटों पर पैनी निगाह है। साथ में मिशन 2024 में झामुमो की परंपरागत सीट दुमका और कांग्रेस की गोड्डा सीट पर भी लालू आइएनडीआइए के प्रत्याशियों के लिए ताना-बाना तैयार करने की जुगत में हैं। इन दोनों लोकसभा सीटों पर फिलहाल भाजपा के सांसद है।

दुमका में भाजपा के सुनील सोरेन झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को हराकर संसद में पहुंचे हैं। झामुमो को इस हार गम है और 2024 में इसकी भरपाई करना चाहता है। वहीं गोड्डा से लगातार तीन बार से डा.निशिकांत दुबे सांसद हैं।

गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में विकास कार्याें के दम पर जनता के बीच लोकप्रिय डा.निशिकांत की सबसे मजबूत टीआरपी है। भाजपा के सबसे मुखर सांसदों में एक हैं और संसद में गरजने में भी अव्वल पायदान पर हैं।

गोड्डा सीट पर वर्ष 2019 में डा. निशिकांत तब की बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी प्रदीप यादव को काफी भारी मतों के अंतर से हराकर संसद गए हैं।

अब बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति में प्रदीप यादव पोड़ैयाहाट से झाविमो की टिकट पर विधायक चुने जाने के बाद कांग्रेस में शामिल होकर कांग्रेसी हो गए हैं।

इधर, बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल होकर अब प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं। डा.निशिकांत और प्रदीप यादव में छत्तीस का रिश्ता जगजाहिर है, तो बाबूलाल मरांडी के साथ डा.निशिकांत की केमेस्ट्री काफी प्रगाढ़ है।

ऐसे में आने वाले दिनों में संताल परगना की राजनीति में इन दोनों सीटों पर झकझूमर भी काफी जोरदार होगा इससे किसी को इनकार नहीं है। लालू प्रसाद यादव की देवघर यात्रा के मायने भी इसी में छुपा है।

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