लोकल मार्केटिग के नए सिस्टम को समझना जरूरी: डीएफओ
दुमका के सिटी गार्डन में हस्तशिल्प विकास के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन गुरुवार को बतौर मुख्य अतिथि डीएफओ सौरभ चंद्रा ने कहा कि लोकल मार्केटिग के नए सिस्टम को समझना जरूरी है।
By JagranEdited By: Updated: Thu, 25 Feb 2021 07:38 PM (IST)
जागरण संवाददाता, दुमका: दुमका के सिटी गार्डन में हस्तशिल्प विकास के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन गुरुवार को बतौर मुख्य अतिथि डीएफओ सौरभ चंद्रा ने कहा कि लोकल मार्केटिग के नए सिस्टम को समझना जरूरी है। विशेषकर हस्तशिल्प से जुड़ी महिलाओं को हुनरमंद बनाने से लेकर तैयार प्रोडक्ट के साथ उसकी पहचान बनाने और आत्मनिर्भर बनाने का काम झारक्राफ्ट के माध्यम से हो रहा है। कहा कि यहां हस्तशिल्प के साथ लोक कला और समृद्धि का भी पता चलता है।
पूरी दुनिया में हस्तशिल्प का बड़ा बाजार: वन विभाग के अधिकारी सात्विक कुमार ने कहा कि हस्तशिल्प विकास के लिए लोकल से ग्लोबल मार्केटिग की असीम संभावनाएं हैं। कहा कि पूरी दुनिया में हस्तशिल्प का बड़ा बाजार है। खरीदारों की कमी नहीं है। आवश्यकता है तो बस इसमें नयापन लाकर प्रचार-प्रसार करने की। कृषि उत्पादन बाजार समिति के सचिव राजीव रंजन ने कहा कि सरकार हस्तशिल्पियों और कारीगरों के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम चला रही है। कार्यशाला के दूसरे सत्र में झारक्राफ्ट की क्लस्टर मैनेजर शिखा आनंद ने विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। बतौर रिसोर्स पर्सन इसाफ के पी उमेश ने प्रोडक्शन और इसकी गुणवत्ता, पैकेजिग, ब्रांडिग से लेकर मूल्य में एकरूपता और मांग के अनुसार समय पर उसकी आपूर्ति पर जोर दिया। पंजाब नेशनल बैंक के सेवानिवृत्त मोहन उपाध्याय, आइडीबीआइ बैंक के मैनेजर यशवंत कुमार ने ऑनलाइन मार्केटिग के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान काथा स्टीच डोकरा आर्ट, आर्टिस्टिक टेक्सटाइल, एप्लिक, जादोपटिया पेंटिग, बांस बेत से जुड़े 50 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान झारक्राफ्ट से जुड़कर बेहतर कार्य करने वाली कई महिलाओं को पुरस्कृत भी किया गया। इनमें रंभा कुमारी, सावन कुमारी, पूर्णिमा कुमारी, पायल कुमारी और राधा देवी शामिल हैं। मंच संचालन जनमत शोध संस्थान के अशोक कुमार सिंह ने किया।
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