Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शिक्षक दिवस विशेष: सेवानिवृत्त होने के बाद भी छात्राओं को शिक्षा दे रहे 'गुरुजी', सरकार ने नहीं दिया वेतन

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 03:24 PM (IST)

    दुमका के रामगढ़ में राम प्रसाद पंडित नामक एक शिक्षक हैं जिन्होंने बिना वेतन के बालिकाओं को शिक्षा देने में अपना जीवन बिता दिया। प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में उन्होंने शिक्षक के रूप में सेवा की और 2024 में सेवानिवृत्त हुए। सरकार ने उन्हें कोई भुगतान नहीं किया। सेवानिवृत्ति के बाद भी विद्यालय प्रबंधन समिति ने उन्हें दो साल का सेवा विस्तार दिया। रामगढ़ के लोग उन्हें गुरुजी कहते हैं।

    Hero Image
    स्कूल में विद्यार्थियों के साथ सेवानिवृत्त शिक्षक राम प्रसाद पंडित। (जागरण)

    अमरेंद्र कुमार भगत, रामगढ़(दुमका)। दुमका के रामगढ़ प्रखंड में एक ऐसे शिक्षक हैं जो बगैर वेतन अपनी पूरी जिंदगी बालिकाओं को शिक्षा देने में गुजार दिए। उन्होंने ताउम्र प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में बतौर शिक्षक सेवा दी और वर्ष 2024 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस सेवा के लिए सरकार से उन्हें एक पाई भुगतान नहीं किया गया है। पढ़ाने की धुन ऐसी कि वर्ष 2024 में सेवानिवृत्त के बाद भी विद्यालय के प्रबंधन समिति द्वारा इन्हें दो साल का सेवा विस्तार दिया गया है।

    स्कूल में नामांकित छात्राओं को अनवरत पढ़ा रहे हैं। यही वजह है कि रामगढ़ के लोग इन्हें गुरुजी के नाम से पुकारते हैं जबकि इनका असली नाम राम प्रसाद पंडित है।

    राम प्रसाद बताते हैं कि वह मूलत: गोड्डा जिला के कुर्मीचक गांव के निवासी हैं। पिताजी गांव में बर्तन बनाकर परिवार का भरण पोषण किए और शिक्षा दी। आर्थिक स्थिति कमजोर रहने की वजह से वह सप्तम वर्ग से ही ट्यूशन पढ़ाने लगे थे।

    स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1984 में अपने मामा के घर दुमका के रामगढ़ आ गए और तब से यहीं के होकर रह गए।

    जन सहयोग से संचालित प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय के बने शिक्षक

    वर्ष1984 में रामगढ़ में जनसहयोग से संचालित कन्या उच्च विद्यालय की स्थापना हुई। तब यहां के उच्च विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक राम कल्याण राय एवं अन्य शिक्षकों के द्वारा इस विद्यालय को संचालित किया जा रहा था।

    सेवानिवृत्त शिक्षक राम प्रसाद पंडित।

    यहां रामप्रसाद पंडित को शिक्षक के रूप में रखा गया। वर्ष 1988 में तत्कालीन बिहार सरकार ने जनजातीय क्षेत्र में जन सहयोग से संचालित प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव की मंजूरी दे दी।

    इसके बाद विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन कर शिक्षकों की नियमानुकूल नियुक्ति के लिए विज्ञापन नियुक्ति की गई। दो अक्टूबर 1984 को प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय की स्थापना हुई। उस समय विद्यालय में 10 शिक्षक, एक प्रधानाध्यापक, एक क्लर्क एवं दो चपरासी कार्यरत थे।

    विद्यालय की स्थापना के समय प्रधानाध्यापक असीम बारा, शिक्षक राम प्रसाद पंडित उर्फ गुरु जी, शिव शंकर प्रसाद साह, देवीलाल मुर्मू, कुलदीप पंडित, अनिल कुमार झा, दिनेश्वर कुमार, राजगुरु विवेकानंद विद्यासागर, विजय कुमार मेहता, सुनील लाहा एवं विनय कुमार कार्यरत थे।

    वहीं, प्रफुल्ल कुमार सिंहा क्लर्क तथा चपरासी के तौर पर सुखदेव बेसरा एवं तेतरी देवी कार्यरत थी। यह विद्यालय उच्च विद्यालय के ही एक कमरा में संचालित किया जा रहा था।

    वर्ष 1995 में जामा विधानसभा के तत्कालीन विधायक स्व.दुर्गा सोरेन की निधि से रामगढ़ के कुशमाहा बदरा में विद्यालय भवन का निर्माण कराया गया और वर्ष 1996 से इसी भवन में इसका संचालन हो रहा है।

    वर्ष 2005 तक विभिन्न संकायों के शिक्षक कार्यरत थे लेकिन सरकार के स्तर से किसी प्रकार का अनुदान नहीं दिए जाने के कारण धीरे-धीरे विद्यालय के प्रधानाध्यापक समेत सभी शिक्षकों ने विद्यालय से मुंह मोड़ लिया।

    अभी विद्यालय में एकमात्र शिक्षक राम प्रसाद पंडित उर्फ गुरु जी बचे रह गए हैं और सेवानिवृत्त के बाद भी विद्यालय को जीवित कर रखे हैं।

    शिक्षा के अलावा छात्राओं के हित में हरेक काम करते हैं गुरुजी

    सुविधाविहिन इस विद्यालय में गुरुजी नामांकित छात्राओं के हित में सिर्फ शिक्षा ही नहीं बल्कि इनकी छात्रवृत्ति, किताब, बैग एवं कापी की व्यवस्था शिक्षा विभाग से करवाने में जुटे रहते हैं। इस वर्ष विद्यालय की 46 छात्राओं ने मैट्रिक की परीक्षा में शत-प्रतिशत सफलता हासिल की है।

    विद्यालय में फिलहाल 105 छात्राएं नामांकित हैं जिसमें नवम में 47 एवं दशम वर्ग में 58 छात्रा शामिल हैं।

    ग्रामीण क्षेत्र में खासकर बालिका शिक्षा पर काफी ध्यान देने की जरूरत है। उन्हें बतौर शिक्षक उन्हें शिक्षा देने का अवसर मिला है तो अंतिम सांस तक इसका निर्वहन करेंगे। सरकार ने वेतन नहीं दिया इसका मलाल जरूर है लेकिन खुशी इस बात की है कि वह आधी आबादी को शिक्षित कर रहे हैं। -

    रामप्रसाद पंडित, सेवानिवृत्त शिक्षक, प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय रामगढ़

    comedy show banner
    comedy show banner