प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके हैं इस फल की तारीफ, संजीवनी बूटी से कम नहीं है सी-बकथोर्न, इसके फायदे हैं कई
देश-विदेश में जंगली पेड़-पौधों पर रिसर्च करने वाले 50 शोधकर्ताओं के अलग-अलग अनुसंधान से साबित हुआ है कि लेह-लद्दाख में 40 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान में पैदा होने वाला सी-बकथोर्न नामक फल संजीवनी बूटी से कम नहीं है। यह इंसान के शरीर में विटामिंस मिनरल्स प्रोटीन एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा 3679 की कमी को पूरा करता है। फल में फाइव एचटीपी जो हैप्पी मालिक्यूल कहलाते हैं वह भी पाया जाता है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 10 Jul 2023 05:19 PM (IST)
जागरण संवाददाता, दुमका। लेह-लद्दाख में 40 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान में पैदा होने वाला सी-बकथोर्न नामक औषधीय फल से तैयार जूस के नियमित इस्तेमाल से कई बीमारियां जड़ से खत्म हो जाती हैं। यह जानकारी रविवार को दुमका के राॅयल मेजेस्टिक मिनी कॉन्क्लेव में आयोजित एक कार्यक्रम में सी-बकथोर्न के निदेशक सरदार पंकज कुमार सिंह ने दी।
संजीवनी बूटी के जैसा है यह फल
कार्यक्रम की शुरुआत पूनम वर्मा के द्वारा सरदार पंकज कुमार सिंह को अंग वस्त्र ओढ़कर की गई। इस मौके पर पंकज कुमार सिंह ने सी-बकथोर्न के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इसकी जड़ें 200 फीट गहरी होती हैं।देश-विदेश में जंगली पेड़-पौधों पर रिसर्च करने वाले 50 शोधकर्ताओं के अलग-अलग अनुसंधान से यह साबित हुआ है कि यह फल संजीवनी बूटी जैसा ही है। सी-बकथोर्न हमारे शरीर में विटामिंस, मिनरल्स, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा 3679 की कमी को पूरा करता है।
फल से होता है कई सारी गंभीर बीमारियों का नाश
इस फल में फाइव एचटीपी जो हैप्पी मालिक्यूल कहलाते हैं वह भी पाया जाता है। पाॅलिफिनालिक कंपाउंडस मैलिक एसिड, विटामिन बी कॉम्प्लैक्स भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।पंकज के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2019 में एक काॅलेज के कार्यक्रम में इस फल की चर्चा की थी। विदेशों के कई आधुनिक संस्थानों ने भी इसे बहुत ही मूल्यवान माना है। खासकर ब्लड प्रेशर, बुखार, स्टोन, ट्यूमर,अल्सर, थायराइड, शुगर जैसी बीमारियों के लिए इस फल का जूस काफी फायदेमंद है।
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