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अपनों के लिए अपने भी कूदे चुनावी मैदान में, संताल की 3 सीटों पर दिग्गज प्रत्याशियों के लिए बहा रहे पसीना

Jharkhand Politics वंशवाद की बेल चाहे कितना भी प्रहार कर लिया जाए लेकिन अपने तो अपने ही होते हैं। सो चुनावी समर में अपनों की जीत के लिए अपने भी कूद पड़े हैं। संताल परगना में तीन लोकसभा की सीटें हैं। इसमें दो सीट दुमका और राजमहल अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है जबकि गोड्डा संसदीय सीट सामान्य श्रेणी में है।

By Rajeev Ranjan Edited By: Shashank Shekhar Published: Tue, 14 May 2024 10:30 PM (IST)Updated: Tue, 14 May 2024 10:30 PM (IST)
संताल की 3 सीटों पर दिग्गज प्रत्याशियों के लिए बेटा- बेटियां बहा रहे पसीना

राजीव, दुमका। वंशवाद की बेल चाहे कितना भी प्रहार कर लिया जाए, लेकिन अपने तो अपने ही होते हैं। सो, चुनावी समर में अपनों की जीत के लिए अपने भी कूद पड़े हैं। संताल परगना में तीन लोकसभा की सीटें हैं। इसमें दो सीट दुमका और राजमहल अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है, जबकि गोड्डा संसदीय सीट सामान्य श्रेणी में है।

दुमका सीट पर इस बार झामुमो से पाला बदल कर भाजपा की टिकट पर सीता सोरेन दंगल में हैं। उनके सामने झामुमो के नलिन सोरेन हैं। राजमहल में झामुमो से विजय हांसदा दंगल में हैं। उनके विरोध में भाजपा के ताला मरांडी और झामुमो से बागी हुए बोरियो के विधायक लोबिन हेंब्रम हैं।

गोड्डा में भाजपा के प्रत्याशी डा.निशिकांत दुबे हैं, जबकि उनके खिलाफ कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदीप यादव ताल ठोंक रहे हैं। खास बात यह कि इन प्रत्याशियों के चुनाव समर में कूदने के बाद अब इनकी जीत का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इनके पुत्र, पुत्रियां व पत्नियां भी समर में चुनावी प्रबंधन से लेकर घर-घर जाकर जनसंपर्क व प्रचार में जान झोंक दिए हैं।

सीता सोरेन की लिए तीनों बेटियां कर रहीं प्रचार

दुमका में सीता सोरेन की लिए उनकी तीन बेटियां जयश्री, राजश्री, विजयश्री लगातार जनसंपर्क कर वोट देने का आग्रह कर रही हैं। तीनों बेटियां अभी शहरी क्षेत्र में जनसंपर्क कर रही हैं।

दूसरी ओर झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन के बेटे आलोक सोरेन ही नहीं, बल्कि नलिन सोरेन की पत्नी जायेस बेसरा चुनावी प्रबंधन में सक्रिय हैं। जायेस दुमका जिला परिषद की अध्यक्ष हैं, जबकि आलोक झामुमो केंद्रीय समिति के सदस्य हैं।

निशिकांत दुबे के दोनों बेटे पिता के लिए झोंक रहे पूरी ताकत

ये दोनों जनसंपर्क के साथ बूथ प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं, जबकि गोड्डा लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे के लिए उनके दोनों बेटे के अलावा पत्नी अन्नू कांत दुबे जोरशोर से चुनावी प्रबंधन व प्रचार-प्रसार में लगे हैं।

निशिकांत के बेटे कनिष्कांत और माही अपने पिता के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। दोनों विदेश में रहते हैं। जबकि डा.निशिकांत की पत्नी अन्नू कांत चुनावी प्रबंधन के साथ जनसंपर्क में लगी हुई हैं, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी प्रदीप यादव के पुत्र रितिक भी अपने पिता के लिए सुबह से लेकर शाम तक चुनाव प्रचार में जुटे हैं।

प्रदीप का भाई महात्मा यादव भी पूरी ताकत से अपने भाई की जीत के लिए पसीना बहा रहे हैं, जबकि राजमहल सीट से झामुमो के बागी प्रत्याशी लोबिन हेंब्रम के पुत्र अजय हेंब्रम, भाजपा के ताला मरांडी के पुत्र मुन्ना मरांडी अपने पिता के लिए पसीना बहा रहे हैं।

वहीं, झामुमो प्रत्याशी विजय हांसदा अपने पिता स्व. थामस हांसदा के राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए तीसरी बार संसद तक पहुंचने की जुगत में ताल ठोंक रहे हैं। स्व. थामस राजमहल से कांग्रेस की टिकट पर सांसद थे और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं उनकी गिनती होती थी।

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