गढ़वा में बीता है मिथिलेश ठाकुर का बचपन
-गढ़वा में बीता है झामुमदे दिया है।
By JagranEdited By: Updated: Tue, 28 Jan 2020 06:27 PM (IST)
गढ़वा : गढ़वा से विधायक चुने जाने के बाद बाद मंत्री पद की शपथ लेने वाले मिथिलेश कुमार ठाकुर का बचपन गढ़वा में बीता है। उनके पिताजी यहां वन विभाग में कार्यरत थे। जिसके कारण मिथिलेश ने गढ़वा से ही पढ़ाई की थी। गोविद उच्च विद्यालय से उन्होंने आठवीं से लेकर जमा दो उच्च विद्यालय तक की पढ़ाई की है। चाईबासा चले जाने के बाद भी उन्हें गढ़वा की याद आती थी। इस कारण मिथिलेश ने गढ़वा को अपना कर्मक्षेत्र बनाने का निर्णय लिया । बचपन में मिथिलेश को लोग मुन्नु के नाम से प्यार से पुकारते थे। लोगों से मुन्नू का जबरदस्त लगाव था। वर्ष 2009 में वह पहली बार गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए गढ़वा आए। इसके पूर्व उन्होंने लोगों की मदद एवं समाजसेवा से अपने कार्य की शुरूआत की। उन्होंने गर्मी में लोगों के लिए पेयजल उपलब्ध कराना शुरू किया। तो ठंड में कंबल का वितरण किया। इसके अलावा वह लगातार लोगों की मदद में जुटे रहे। जिसके कारण गढ़वा के सुदूरवर्ती क्षेत्र में भी उनकी पहचान बनती गई। 2009 में चुनाव हारने के बाद भी उन्होंने दूसरी बार 2014 के विधानसभा चुनाव में भाग्य आजमाया। मगर वह इसमें भी सफल नहीं हो सके। दो बार चुनाव हारने के बाद भी उन्होंने अपना हौसला नहीं खोया तथा लोगों से अपना संपर्क बनाए रखा। बाहरी का कलंक धोने के लिए मिथिलेश ने गढ़वा के कल्याणपुर में अपना मकान बना लिया । 2019 के चुनाव में जनता ने इसकी सेवा तथा सामाजिक कार्यों से प्रभावित होकर उन्हें क्षेत्र का विधायक चुन लिया तथा उनकी सेवा का ईनाम दे दिया है। विधायक बनने बाद उम्मीद के अनुरूप वह मंत्री भी बन गए हैं। इससे लोगों की उनके प्रति उम्मीद और भी बढ़ गई है।
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