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अर्थी उठने से पहले मृत शरीर में लौटे प्राण, अंतिम संस्‍कार की चल रही थी तैयारी तभी अचानक हिलने लगे हाथ-पैर

Jharkhand News in Hindi गढ़वा के मझिआंव झाना क्षेत्र के खजूरी गांव में एक ऐसी घटना हुई है जिसे स्‍थानीय लोग किसी चमत्‍कार से कम नहीं मान रहे हैं। एक सड़क हादसे के शिकार हुए एक युवक को डॉक्‍टर ने मृत घोषित कर दिया था। फिर जब अंतिम संस्‍कार कराने की तैयारी चल रही थी तब उसके शरीर में प्राण लौट आए।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 21 Aug 2023 02:00 PM (IST)
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अर्थी उठने से पहले मृत शरीर में लौटा प्राण।
संवाद सहयोगी, गढ़वा। Jharkhand News in Hindi: मझिआंव झाना क्षेत्र के खजूरी गांव में चमत्कार हुआ है। अर्थी उठने से पहले मृत युवक के शरीर में प्राण दौड़ पड़ा। इसके बाद युवक को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स रांची में भर्ती कराया गया है। यह वाक्‍या पूरे गढ़वा जिले में चर्चा का विषय बन गया है। इसे लोग चमत्कार कह रहे हैं।

सड़क हादसे का शिकार हुआ था शिकार

दरअसल, मझिआंव थाना क्षेत्र के खजूरी गांव के उदय विश्वकर्मा के पुत्र 24 वर्षीय नीतीश कुमार की मोटरसाइकिल 13 अगस्त को मझिआंव-गढ़वा मार्ग पर मेराल थाना क्षेत्र के बोकेया गांव के पास बिजली के खंभे से टकरा गई थी।

नीतीश गंभीर रूप से घायल हो गया था। इलाज पलामू जिले के मेदिनीनगर के एक निजी क्लीनिक में चल रहा था। 13 से 19 अगस्त की दोपहर तक उसकी हालत गंभीर थी। शरीर के एक अंग का हिलना-डुलना बंद हो चुका था।

डाक्‍टर ने दी मरीज के मर जाने की जानकारी

स्वजनों के अनुसार, तब निजी अस्पताल के चिकित्सक एवं कर्मियों ने उन्‍हें बिल भरने के लिए कहा और साथ ही बताया कि आपका मरीज मर चुका है। नीतीश के पिता ने गांव में मोबाइल फोन से इसकी सूचना दे दी। वहां अंतिम संस्कार की तैयारी होने लगी। कफन खरीद कर अर्थी बनाने की तैयारी चल रही थी।

एम्‍बुलेंस से निकालते ही हिलने लगे मृतक के हाथ-पैर

शनिवार रात 8 बजे स्वजन शव को एंबुलेंस से लेकर खजूरी गांव पहुंचे। एंबुलेंस का दरवाजा जैसे ही लोगों ने खोला तो देखा कि नीतीश के शरीर में हरकत हो रही है। हाथ-पैर हिल रहे हैं। शीघ्र उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इधर निजी अस्पताल का कहना है कि मरीज को मृत घोषित नहीं किया गया था। स्वजन अपनी जिम्मेवारी पर ले गए थे।

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