Jharkhand News गढ़वा जिले में डंडई थाना क्षेत्र के जरदे गांव निवासी आरती कुमारी पति शिवपूजन चौधरी के नवजात शिशु की मौत गढ़वा के एमजीएम निजी अस्पताल में इलाज के अभाव में होने का मामला प्रकाश में आया है।
By Deepak sinhaEdited By: Yashodhan SharmaUpdated: Wed, 26 Apr 2023 04:05 AM (IST)
संवाद सूत्र, डंडई (गढ़वा)। झारखंड के गढ़वा जिले में
डंडई थाना क्षेत्र के जरदे गांव निवासी आरती कुमारी पति शिवपूजन चौधरी के नवजात शिशु की मौत गढ़वा के एमजीएम निजी अस्पताल में इलाज के अभाव में होने का मामला प्रकाश में आया है।
पीड़ित महिला के परिजन अनिल चौधरी, चंद्रिका चौधरी, सतवंती देवी तथा बबलू चौधरी ने बताया कि 19 अप्रैल को दिन के करीब तीन बजे आरती कुमारी
जच्चे-बच्चे की सुरक्षा का दिया आश्वासन
इसके बाद भी आरती के स्वजनों को भरोसा नहीं हुआ कि निजी हॉस्पिटल में सरकारी अस्पताल से बेहतर सुविधा कैसे मिल पाएगी, लेकिन एमजीएम हॉस्पिटल के अंदर जाते ही हॉस्पिटल के डायरेक्टर डा. परवेज आलम द्वारा इन्हें आश्वस्त किया गया कि हमारे हॉस्पिटल में जच्चा और बच्चा सहित सभी तरह के जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। आप लोगों को किसी भी तरह का कोई परेशानी उत्पन्न नहीं होगी।
स्वजनों ने बताया कि इसके बाद दस हजार रुपए हॉस्पिटल फीस देकर आरती को प्रसव कराने के लिए भर्ती कराया। इसके बाद कुछ देर में डॉक्टर परवेज आलम द्वारा प्रसव के दौरान मरीज को ब्लड चढ़ाने के लिए छह हजार रुपया अलग से लिया गया, लेकिन ब्लड मंगाने से पहले ही बगैर महिला चिकित्सक के ही स्वास्थ्य कर्मी बिंदा देवी सहित अन्य लोगों ने महिला को सफल प्रसव करा दिया।
इलाज के अभाव में गई जान
प्रसव के बाद नवजात शिशु को दवा देने के नाम पर 1200 सौ रुपए ले लिए। इसके कुछ ही घंटे में नवजात बच्चे की एमजीएम हॉस्पिटल में समुचित इलाज के अभाव में स्थिति खराब हो गई। आनन-फानन में डा. परवेज आलम के कहने पर फातिमा चाइल्ड केयर अस्पताल में ले गए, जहां पर चिकित्सकों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद आरती के स्वजनों ने इलाज के अभाव में नवजात शिशु की मौत होने का आरोप अस्पताल पर लगाया। स्वजनों ने प्रशासन से इसकी जांच करा दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
पक्ष
प्रसूता आरती कुमारी को 19 अप्रैल को एमजीएम हॉस्पिटल में प्रसव के लिए भर्ती किया गया था।
मां का दूध पीते वक्त गई जान
इधर डा. परवेज आलम, एमजीएम हॉस्पिटल संचालक का कहना है कि बच्चे को जन्म देने के बाद मां का दूध पिलाने के दौरान नवजात शिशु स्थिति बिगड़ गई, जिससे उसकी मौत हुई है। वहीं सिविल सर्जन का कहना है कि
नवजात शिशु की मौत के मामले में जांच पड़ताल कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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