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गोदाम में रखे-रखे सड़ गया कोरोनाकाल का अनाज

अंजनी कुमार उपाध्याय गढ़वा गढ़वा प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित गोदाम में कोरोनाकाल में

By JagranEdited By: Updated: Tue, 15 Feb 2022 06:55 PM (IST)
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गोदाम में रखे-रखे सड़ गया कोरोनाकाल का अनाज

अंजनी कुमार उपाध्याय, गढ़वा :

गढ़वा प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित गोदाम में कोरोनाकाल में लाभुकों को निश्शुल्क वितरण के लिए लाया गया अनाज रखे-रखे ही सड़ गया। सैकड़ों क्विटल चावल व गेहूं में कीड़े लग गए। अब खाद्य आपूर्ति विभाग सड़े अनाज को खपाने में जुटा हुआ है। अब तक 1300 क्विटल सड़ा चावल को पीडीएस दुकानदारों को आवंटित कर लाभुकों के बीच वितरण के लिए भेजा जा चुका है। चिकित्सकों की मानें तो सड़े अनाज में पोषक तत्व समाप्त हो जाता है। इससे पर्याप्त कैलोरी भी नहीं मिलती है। कई बीमारियां भी हो सकती हैं।

गोदाम की छत से पानी टपकने से सड़ा अनाज :

गोदाम की हालत खस्ता है। उसके जीआइ सीट वाली छत से बारिश का पानी टपकता है। साथ ही ओस की बूंदें भी गोदाम में रखे अनाजों पर गिरती हैं। इस कारण विगत छह माह से अधिक समय से गोदाम में रखा अनाज बर्बाद हो गया है। बोरे के ऊपर फफूंदी गई है। अनाज में कीड़े पड़ गए हैं। कीड़े पूरे परिसर में फैल गए हैं।

छह माह से नहीं बंटा राशन :

छह माह में अनाज को क्यों नहीं वितरित किया जा सका। इसे लेकर कोई भी अधिकारी या कर्मी बताने को तैयार नहीं है। लोगों की मानें तो गोदाम में रखरखाव के अभाव में अनाज सड़ने का मामला नया नहीं है। पहले भी कोरोना की पहली लहर में लोगों के बीच निश्शुल्क वितरण के लिए लाया गया चना गोदाम में सड़कर बर्बाद हुआ था। जिसकी राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी ने जांच भी की थी। लेकिन पूरे मामले की लीपापोती कर दी गई।

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- मैं तीन माह पहले गोदाम का प्रभार लिया हूं। उससे पहले से ही गोदाम में अनाज रखा हुआ है। अब वे उक्त अनाज के वितरण में लगे हैं।

- चंद्रदेव तिवारी, प्रभारी गोदाम मैनेजर।

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- सड़े अनाज खाने से हो सकती है पेट संबंधी बीमारियां : डा. कुमार प्रशांत प्रमोद

सदर अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी डॉ कुमार प्रशांत प्रमोद की मानें तो सड़े अनाजों को खाने से पर्याप्त कैलोरी नहीं मिलती है। अनाज में लगे कीड़े पोषक तत्वों को चूस लेते हैं। जबकि फफूंद लग जाने पर अनाज का इस्तेमाल करना कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पेट संबंधी कई रोग हो सकते हैं।

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