आदमखोर तेंदुओं ने यहां जमाया डेरा, लोगों को उतार रहा मौत के घाट, डर के साये में बीत रही है गांववालों की जिंदगी
रमकंडा थाना क्षेत्र के कुशवार गांव में तेंदुए के आतंक में लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। एक तो तेंदुए ने एक बच्चे की जान ले ली और साथ ही गुरुवार सुबह एक साथ तीन जानवरों को गांव के समीप देखे जाने से ये डरे हुए हैं।
संवाद सूत्र, रमकंडा (गढ़वा)। रमकंडा थाना क्षेत्र के कुशवार गांव में बुधवार की शाम आदमखोर तेंदुआ द्वारा एक बच्चे को मारे जाने के एवं गुरुवार की सुबह सिरकी गांव के डैम किनारे एक ग्रामीण द्वारा एक साथ तीन जंगली जानवर देखे जाने के सूचना के बाद आक्रोशित हुए ग्रामीणों ने गुरुवार की सुबह लाठी डंडे से लैस होकर जंगली जानवरों को घेरने का प्रयास किया। लेकिन तब तक जंगली जानवर वहा से भाग निकला।
सड़क पर चार घंटे तक लगा रहा जाम
इसके बाद ग्रामीणों ने जानवरों के पगमार्ग देखकर, उसे पकड़ने की मांग को लेकर रमकंडा-भंडरिया मुख्य मार्ग के सिरकी गांव के समीप सड़क को सुबह आठ बजे से बारह बजे तक चार घंटे जाम कर दिया। ग्रामीण वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे।
सड़क जाम से राहगीरों को हुई परेशानी
साथ ही वन विभाग से इस घटना को रोकने का स्थाई समाधान की मांग कर रहे थे। इस दौरान ग्रामीण वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे। सड़क जाम किए जाने के सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जिसके कारण लोगों को राहगीरों को काफी परेशानी हुई। उल्लेखनीय है कि बुधवार की शाम तेंदुआ ने कुशवार गांव में घटना को अंजाम देते हुए बली नायक के 12 वर्षीय पुत्र हरेंद्र नायक को मार डाला। जबकी दूसरी एवं तीसरी घटना में तेंदुआ ने आजाद मंसूरी के एक बैल एवं राजेश साव की एक बकरी को मार दिया।
गांव में दहशत का माहौल, लाेग हुए भयभीत
गौरतलब है कि तीन वर्ष पूर्व तेंदुआ ने इसी गांव में एक महिला को मार डाला था। जबकि मंगलवार की शाम रमकंडा प्रखंड के मंगराही गांव में अपनी मां के साथ बाजार से घर जा रही 10 वर्षीय पुत्री को लकड़बग्घे ने पंजे से प्रहार कर घायल कर दिया था। लगातार हो रही घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है, लोग पूरी तरह से भयभीत हैं।
गांव में तेंदुए को पकड़ने का प्रयास जारी
इधर कुशवार गांव में बुधवार की देर शाम हुई घटना के बाद विभाग ने गांव में पिजड़ा एवं ट्रैप कैमरा लगाकर तेंदुआ को पकड़े का प्रयास कर रही है। लेकिन तेंदुआ अभी भी विभाग की पकड़ से दूर है। वहीं घटना के बाद वन विभाग ने मृतक हरेन्द्र के परिजनों को मुखिया बिनोद प्रसाद के माध्यम से दस हजार रुपये नगद राशि उपलब्ध कराया। वहीं शेष राशि प्रक्रिया कागजी प्रक्रिया पूरा होते ही जल्द ही उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया।
ये भी पढ़ें-