सुनिए हेडमास्टर साहब! स्कूल में बालू ढोने की यह कैसी पढ़ाई, बाल मजदूरी है निषेध; फिर क्यों गरीब के बच्चों पर ऐसा जुल्म?
Garhwa News झारखंड के गढ़वा के राजकीय मध्य विद्यालय में भवन निर्माण का काम चल रहा है। ऐसे में यहां बच्चों को पढ़ाना तो दूर की बात है बच्चों से मजदूरी का काम करवाया जा रहा है। इसे लेकर बच्चों के अभिभावकों ने नाराजगी जाहिर की है। इस मामले पर हेडमास्टर बोले कि शिक्षकों ने नहीं बल्कि राजमिस्त्री ने बच्चों को काम करने के लिए बोल दिया होगा।
By Deepak sinhaEdited By: Aysha SheikhUpdated: Tue, 07 Nov 2023 09:29 AM (IST)
विजय पांडेय, कांडी (गढ़वा)। गढ़वा के राजकीय मध्य विद्यालय, सुंडीपुर स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे बालू, सीमेंट और गिट्टी ढुलवाई जा रही है।
इसे लेकर बच्चों के अभिभावकों ने नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि हम लोग बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजते हैं, लेकिन वहां उनसे भवन मरम्मत में मजदूर का काम कराया जा रहा है।
स्कूल में पढ़ते हैं गरीब परिवार के बच्चे
बता दें कि इस विद्यालय में ज्यादातर गरीब और मजदूर परिवार के बच्चे पढ़ते हैं। इन दिनों विद्यालयों के गेट पर प्लास्टर का काम चल रहा है, जिसमें स्कूली बच्चों को लगा दिया गया है और उनसे बालू, सीमेंट और गिट्टी ढुलवाई जा रही है।इस संबंध में अभिभावकों ने कहा कि छात्रों के साथ ऐसा करना उनके अधिकारों का हनन है। साथ ही यह अत्याचार की श्रेणी में आता है। इतना ही नहीं बाल मजदूरी निषेध है। इस कारण यह भी मामला बनता है।
प्रधानाध्यापक ने क्या सफाई दी?
गाड़ा खुर्द पंचायत के पंचायत समिति सदस्य के प्रतिनिधि करण कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यालय के गेट पर प्लास्टर कराने के लिए राजमिस्त्री को लगाया गया है। इसमें मजदूरों की जगह बच्चों से काम कराया जा रहा है।इस गंभीर मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रधानाध्यापक प्रदीप उरांव ने कहा कि शिक्षकों द्वारा बच्चों से काम नहीं कराया जा रहा है। राजमिस्त्री ने बच्चों को काम करने के लिए बोल दिया होगा। इसकी जानकारी मुझे नहीं है।ये भी पढे़ं -Jharkhand Weather: बादल छंटते ही बढ़ी ठंड, लोग करने लगे गर्म कपड़ों का इस्तेमाल; अभी और गिरेगा तापमान
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