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Jharkhand News: गिरीडीह के उसरी फॉल में हादसा! जलप्रात में नहाने गए 2 लड़कों की डूबने से मौत

रविवार को उसरी जलप्रपात में दो नवयुवकों की मौत का मामला सामने आया है और दोनों युवक देवघर से उसरी जलप्रपात में नहाने आए थे। इस दौरान गहराई में चले जाने की वजह से पत्थर में फंसकर उनकी जान चली गई। साथ आए लड़कों के शोर मचाने के बाद घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों की मदद से दोनों युवकों का शव जलप्रपात से बाहर निकाला गया।

By Jagran News Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sun, 26 May 2024 04:42 PM (IST)
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जलप्रात में नहाने आए 2 लड़कों की डूबने से मौत
जागरण संवाददाता, गिरिडीह। उसरी जलप्रपात ने रविवार को दो नवयुवकों की जान ले ली। दोनों युवक देवघर से उसरी जलप्रपात में नहाने आए थे। इस दौरान गहराई में चले जाने की वजह से पत्थर में फंसकर उनकी जान चली गई।

साथ आए लड़कों ने जब शोर मचाना शुरू किया तो घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़े। करीब पौने घंटे की मशक्कत के बाद दोनों युवकों का शव जलप्रपात से बाहर निकाला गया।

हादसे की सूचना मिलने पर मुफस्सिल थानेदार श्याम किशोर महतो भी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों युवकों के स्वजन को फोन पर घटना की जानकारी दी। वहीं कागजी कार्रवाई पूरी कर दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया।

मृतकों की हुई पहचान

मृतकों की पहचान देवघर निवासी 20 वर्षीय पवन गुप्ता और 18 वर्षीय दीपक वर्मा के रूप में हुई है। पवन ने इसी वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी, जबकि दीपक एएन कॉलेज देवघर में इंटरमीडिएट का छात्र था।

ऐसे हुआ हादसा

बताया जाता है कि देवघर से नौ लड़के कोचिंग संचालक सोनू गुप्ता के नेतृत्व में उसरी जलप्रपात घूमने आए थे। यहां नहाने के क्रम में दो युवक गहरे पानी में चले गए। उसरी जलप्रपात संचालन समिति के अध्यक्ष कौलेश्वर सोरेन ने बताया कि गहरे पानी में जाने की वजह से दोनों लड़के डूबने लगे।

संभवतः उनका पैर भी पानी के अंदर पत्थर में फंस गया। हो-हल्ला सुनकर गंगापुर निवासी मुनीलाल सोरेन, मंझलाडीह के अशोक राय समय अन्य युवक मौके पर पहुंचे। वहां गहराई अधिक होने की वजह से मुफस्सिल थानेदार को मामले की सूचना दी गई।

पुलिस से गोताखोर को बुलाने की मांग की गई, लेकिन फिर स्थानीय युवकों ने ही साहस दिखाते हुए दोनों को बाहर निकाल लिया। जिस जगह यह दोनों युवक डूबे, वहां करीब 20-22 फीट पानी जमा है।

सात खटिया के रूप में जाना जाता है स्पॉट

जिस जगह यह हादसा हुआ, उस स्पॉट को स्थानीय लोग सात खाटिया के रूप में पहचानते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, एक समय में यहां इतना पानी था कि साथ खटिया की रस्सी भी गहराई नापने के लिए कम पड़ जाती थी।

हालांकि समय के साथ मिट्टी और गाद भरता गया और गहराई कम होती चली गई। आज भी यहां 25 फीट से अधिक पानी गर्मी के मौसम में भी रहता है।

पहले भी होते रहे हैं हादसे

कौलेश्वर सोरेन ने बताया कि उसरी जलप्रपात में नहाने के दौरान छोटी भी लापरवाही होने पर पहले भी जान जाती रही है। पिछले वर्ष आईआईटी आईएसएम धनबाद के एक छात्र की मौत उसरी फॉल में डूबने की वजह से हो गई थी।

स्थानीय लोगों के अनुसार, बाहर से घूमने आने वालों को जलप्रपात की गहराई का अंदाजा नहीं होता और जिसके कारण नहाते समय गहरे पानी में जाकर वह जान गंवा देते हैं।

जहां हादसा हुआ है, वहां किसी तरह की फेंसिंग आदि भी नहीं है, जिससे लोगों को सचेत किया जा सके। वहीं स्थानीय लोगों की बात बाहर से आने वाले नहीं सुनते, जिस वजह से हादसे होते रहते हैं।

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