Giridih: पुलवामा में गिरिडीह के सीआरपीएफ जवान को लगी गोली, मौत
पुलवामा में गिरिडीह के रहने वाले एक सीआरपीएफ जवान की गोली लगने से मौत हो गई है। जवान की पहचान 28 वर्षीय अजय कुमार के रूप में हुई है। हालांकि किस परिस्थिति में मौत हुई है? आत्महत्या है या मुठभेड़ इसके बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। पुलिस इस बात की जाँच में जुट गई है। जवान का पार्थिव शरीर रविवार को लाया जाएगा।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 12 Aug 2023 04:05 PM (IST)
जागरण संवाददाता, गिरिडीह : जिले के देवरी थाना क्षेत्र अंतर्गत ढेंगाडीह गांव का रहने वाला 28 वर्षीय सीआरपीएफ जवान अजय कुमार की मौत बीती रात कश्मीर पुलवामा के अवंतीपुरा में हो गई है। उन्हें गोली लगी थी।
वहां किस परिस्थिति में मौत हुई है?आत्महत्या है या मुठभेड़ ? इसकी जांच वहां की पुलिस कर रही है। शनिवार सुबह मौत की खबर यहां घर में मिलते ही मां, पिता, पत्नी बदहवास हो उठीं।जवान का पार्थिव शरीर रविवार को गिरिडीह जिला मुख्यालय लाया जाएगा। सीआरपीएफ व जिला पुलिस के अधिकारी व जवान उनके सम्मान में सलामी देंगे। इसकी तैयारी यहां शुरू हो गई है।
अजय के पिता व अन्य स्वजन गिरिडीह शहर के पटेल नगर में किराए के मकान में रहते हैं। पटेल नगर में ही घर बनाया है। इसमें कुछ दिनों बाद गृह प्रवेश होने वाला था।
जवान के थे दो पुत्र
अजय के दो पुत्र हैं। चार वर्षीय श्रेयांश और पांच माह का शिवांश। पत्नी स्वाति देवी का मायका बिहार के नवादा जिला अंतर्गत रजौली थाना क्षेत्र के बैजदा गांव है। जवान अजय झारखंड के लातेहार स्थित सीआरपीएफ की 112 बटालियन में पदस्थापित था। जून माह में वह छुट्टी बिताकर घर से लातेहार बटालियन में योगदान दिया था ।अवंतीपुरा में तैनात था जवान
उसके बाद वहां से उन्हें अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर जम्मू कश्मीर के पुलवामा के समीप अवंतीपुरा में तैनात किया गया था। वह शुक्रवार की रात अपने कैम्प में ही था। रात एक बजे के बाद यह घटना हुई।उनके पिता राजेन्द्र उर्फ राजो राय का घर पूरी तरह से गुमसुम है। उन्होंने घटना के बारे में इतना ही कहा कि उनका पुत्र भगवान को प्यारा हो गया।
इसके साथ पिता ने यह भी बताया कि अजय की छुट्टी स्वीकृत की गई थी और 15 दिनों के लिए शनिवार को घर के लिए निकलने वाला था। घटना की सूचना पाकर घर में पत्नी स्वाति देवी का रो- रो कर बुरा हाल है। उनके घर पर शुभचिंतकों का आना- लगा हुआ है।
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