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फर्जी टोल फ्री नंबर डाल, ठग रहे साइबर अपराधी

साइबर अपराधियों ने गूगल पर फर्जी टॉल फ्री नबर अपलोड कर लोगों को चुना लगाने में जुटे हैं। गूगल सर्च पर मवेशी अस्पताल रांची का नंबर सर्च करने के चक्कर में एक व्यक्ति साइबर अपराधियों के बुने जाल में फंस गया और पलक झपकते ही उसके दो खातों से नौ हजार सात सौ रूपये की टपा लिया गया। इस ठगी के शिकार हुए व्यक्ति भंडारीडीह मवेशी अस्पताल के पीछे के रहने वाले आलोक

By JagranEdited By: Updated: Tue, 17 Mar 2020 06:18 AM (IST)
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फर्जी टोल फ्री नंबर डाल, ठग रहे साइबर अपराधी

गिरिडीह: साइबर अपराधी गूगल पर फर्जी टोल फ्री नंबर अपलोड कर लोगों को चुना लगाने में जुटे हैं। गूगल सर्च पर मवेशी अस्पताल रांची का नंबर सर्च करने के चक्कर में एक व्यक्ति साइबर अपराधियों के बुने जाल में फंस गया और पलक झपकते ही उसके दो खातों से नौ हजार सात सौ रूपये को टपा लिया गया। ठगी के शिकार हुए व्यक्ति भंडारीडीह मवेशी अस्पताल के पीछे रहनेवाले आलोक कुमार स्वर्णकार हैं। साइबर ठगों ने उनके स्टेट बैंक के खाते से आठ हजार नौ सौ रुपये व इलाहाबाद बैंक के खाते से आठ सौ रूपये की ठगी महज दस रूपये का ऑनलाइन रसीद कटवाने के चक्कर में टपाने में कामयाब हो गए। पीड़ित ने साइबर थाने में लिखित शिकायत करते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई है। पीड़ित व्यक्ति एक बीमार लंगूर को भंडारीडीह स्थित मवेशी अस्पताल में इलाज के बाद उसे बेहतर इलाज के रांची मवेशी अस्पताल में भर्ती कराने को लेकर गूगल पर रांची के मवेशी अस्पताल का नंबर सर्च किया। गूगल सर्च पर मवेशी अस्पताल के नाम पर फर्जी तरीके से अपलोड एक टोल फ्री नंबर 180083695 प्राप्त हुआ। इस नंबर पर संपर्क कर मवेशी अस्पताल रांची के बारे में जानकारी मांगी तो उधर से मवेशी अस्पताल रांची से बोलने की बात कहते हुए इलाज के लिए नंबर लगाने हेतु दस रूपये का गूगल पे पर पेमेंट करने को कहा गया। कहा कि पेमेंट करने के बाद वहां से एंबुलेंस भेजकर लंगूर को रांची ले आया जाएगा। इसके बाद गूगल-पे के माध्यम से दस रुपये का पेमेंट कर दिया गया। पेमेंट करने के कुछ देर बाद पीड़ित के एसबीआई के खाते से 89 सौ तथा थोड़ी देर बाद पीड़ित के इलाहाबाद बैंक के खाते से आठ सौ रुपये कटने का मैसेज मोबाइल पर आया। इसके बाद खाते में रकम नहीं रहने के बावजूद भी पीड़ित के पास अन्य नंबरों से मैसेज आता रहा। अपने आप को साइबर ठगी के चंगुल में फंसकर राशि गंवाने का अहसास होते ही पीड़ित परेशान होकर साइबर साइबर थाना पहुंचा और न्याय व कार्रवाई की गुहार लगाई।

जागरूकता जरूरी: साइबर अपराधियों के आम लोगों से ठगी के मंसूबों को नाकाम करने को लेकर आमजनों से सतर्क व जागरूक होने की अपील की जाती है। यह अपील साईबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी ने साइबर अपराधियों से बचाव को लेकर की है। अपील करते हुए कहा है कि फोन पर अगर कभी भी कोई एटीएम व पेटीएम बंद होने के नाम पर ओटीपी, सीवीवी, पिन आदि की मांग करे तो कभी भी बताने की जरूरत नहीं हैं। इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें। बैंक कभी भी किसी ग्राहक से फोन पर उसके खाते व एटीएम के बारे में कोई जानकारी नहीं मांगता है। ऐसे में सावधानी बरतते हुए साइबर अपराधियों को मात दें। गूगल पर भी साइबर अपराधियों ने फर्जी नंबर अपलोड कर रखा है। ऐसे में गूगल पर नंबर सर्च करने से भी बचने की जरूरत है।