Jharkhand Crime: नेताजी को करना था नामांकन, तभी आ धमकी रांची पुलिस; फिर जो हुआ
झारखंड के गिरिडीह में लोकसभा चुनाव के लिए झारखंड खतियानी लोकतांत्रिक मोर्चा के अध्यक्ष जयराम कुमार महतो नामांकन करने पहुंचे। नामांकन के बाद जैसी ही वह बाहर निकले रांची पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की सूचना दी। इसके बाद वहां मौजूद इनके समर्थकों के हंगामा करना शुरू कर दिया। इस मामले को लेकर लगभग एक घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला।
जागरण संवाददाता, बोकारो। Jairam Mehto Nomination बुधवार को गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से बोकारो में दो लोगों ने नामांकन किया। पहला निर्दलीय प्रत्याशी सुबोध कुमार यादव एवं दूसरा झारखंड खतियानी लोकतांत्रिक मोर्चा के अध्यक्ष जयराम कुमार महतो ने नामांकन दाखिल किया।
इसके बाद जैसे ही नामांकन करने के बाद बाहर निकले रांची के एक पुराने मामले में रांची पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की सूचना दी। हालांकि, उग्र समर्थकों के विरोध के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। जयराम की गिरफ्तारी नगड़ी थाना में विधानसभा घेराव को लेकर दर्ज (48/22) मामले में हुई थी। डीएसपी अरविंद कुमार के नेतृत्व में रांची पुलिस की टीम बोकारो समाहरणालय के बाहर पहले से मुस्तैद थी।
जयराम महतो के समर्थकों ने किया हंगामा
मीडिया के समाने जयराम ने कहा कि बिना पूर्व सूचना के उन्हें गिरफ्तारी की बात की जा रही है। गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद जयराम महतो के समर्थक हो हंगामा करने लगे। जयराम महतो का कहना था कि वह पहले चुनावी सभा करेंगे। इसके बाद वे अपनी गिरफ्तारी देंगे, जबकि रांची पुलिस के अधिकारियों का कहना था कि चूंकि वे गिरफ्तार हो चुके हैं। इसलिए, उन्हें सभा की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
इस बात को लेकर दोनों के बीच लगभग एक घंटे तक मान-मनौवल चलता रहा। इसके बाद बेबस पुलिस के अधिकारियों ने जयराम को इस शर्त के साथ छोड़ दिया कि वह सभा करने के बाद वे स्वयं रांची पुलिस के सामने सरेंडर करेंगे। हंगामे के डर से पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने जयराम महतो की शर्त को माना।
जयराम अपने वाहन से सभा स्थल तक गए। यहां उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित किया और भाजपा व झामुमो प्रत्याशियों पर आरोप जड़ा कि उनके दबाव में पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची है। इसके लिए वैधानिक नियम को पूरा नहीं किया गया। हालांकि गिरफ्तारी को लेकर उनके समर्थक अड़ गए कि जयराम के साथ उनकी भी गिरफ्तारी होनी चाहिए।
फिलहाल, समर्थकों से घिरे जयराम महतो को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है, जबकि डीएसपी अरविंद कुमार का कहना था कि जयराम कुमार महतो को पूरे मामले की पूर्व से जानकारी दी गई है। पुलिस ने सभी वैधानिक प्रावधानों को पूरा किया है। न्यायालय द्वारा निर्गत गैर जमानती वारंट को लेकर पुलिस यहां पहुंची है।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।12 मामले लंबित हैं जयराम महतो पर
जयराम महतो ने निर्वाचन आयोग को जो शपथ पत्र दिया है। उसमें उन्होंने बताया है कि उन पर एक दर्जन मामले लंबित है। इनमें गिरिडीह, सियालजोरी, जोरापोखर थाना, जगन्नाथपुर, मधुबन, बलियापुर, नगड़ी, तोपचाची थाना, मांडू एवं सिंदरी थाना में दर्ज किया गया था, जो अलग-अलग न्यायालयों में विचाराधीन हैं।पुलिस की व्यवस्था असफल नजर आई
जिला प्रशासन द्वारा नामांकन को लेकर जो प्रशासनिक व्यवस्था बनाई गई थी। वह जयराम महतो के समर्थकों की अनियंत्रित भीड़ के सामने ध्वस्त हो गई। अव्यवस्था के कारण प्रमोद राम नामक एक प्रत्याशी नामांकन नहीं कर सका। उपायुक्त कार्यालय के समक्ष नामांकन के लिए बनाए गया पूरा सिस्टम फेल हो गया।भीड़ के कारण डीसी कार्यालय गेट को तीन बजे से पहले ही बंद कर दिया गया। इस वजह से प्रमोद राम नहीं नामांकन नहीं करा सके। उनका कहना था कि प्रशासन को नामांकन के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी। आज वे घर से पूरी तैयारी के साथ आए थे, लेकिन वापस जा रहे हैं। ये भी पढ़ें- Kalpana Soren Nomination: कल्पना सोरेन ने फिर किया नामांकन, इस सीट के लिए भरा पर्चाJharkhand Politics: 'BJP आरक्षण खत्म करने का षड्यंत्र रच रही', चंपई सोरेन ने भाजपा पर साधा निशाना