पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने जामताड़ा और बेंगाबाद में बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हुए झामुमो पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन के शासनकाल में बहन-बेटियों को असुरक्षित बताते हुए झारखंड को संवारने के लिए बीजेपी को वोट देने की अपील की। साथ ही सीएम सोरेन पर पेंशन रोककर मंइयां सम्मान योजना देने का आरोप लगाया।
जागरण टीम, जामताड़ा/बेंगाबाद (गिरिडीह)। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने जामताड़ा और बेंगाबाद में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जामताड़ा के गोलपहाड़ी में सीता सोरेन और बेंगाबाद के पेसराटांड़ मैदान में मुनिया देवी के पक्ष में वोट मांगे। साथ ही सीएम हेमंत सोरेन पर जमकर निशाना साधा।
पूर्व सीएम ने कहा कि झामुमो गठबंधन की साढ़े चार साल के शासन में आदिवासी, मूलवासियों के लिए कोई भी काम नहीं किया गया। इन साढे़ चार साल में अगर कुछ हुआ है तो वो है सिर्फ भ्रष्टाचार।
सोरेन सरकार में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं
चंपाई सोरेन ने कहा कि इनके शासन में बहन-बेटियों की इज्जत सुरक्षित नहीं है। आदिवासी, महिलाओं,मां-बहनों के साथ बांग्लादेशी घुसपैठियों ने अत्याचार किया है। ऐसा अत्याचार जो ब्रिटिश अत्याचार को भी पीछे छोड़ता है।साहेबगंज जिले में एक आदिवासी महिला को 50-60 टुकड़ों में काट दिया गया था। ऐसी घटना देश क्या पूरे विश्व में नहीं घटित हुई होगी। इसके बाद भी सरकार आंख की अंधी और कान से बहरी बनी रही।
घुसपैठिओं का कब्जा
संथाल परगना के एक-एक परिवार के साथ अत्याचार हुआ, जो बर्दाश्त करने लायक नहीं है। चंपाई सोरेन ने कहा कि राज्य में घुसपैठियों की जनसंख्या बढ़ना और आदिवासियों, मूलवासियों की जनसंख्या घटना इन समुदायों के प्रति सरकार का नजरिया पता चलता है।उन्होंने कहा कि खनिज संपदा पूरें राज्य की है, अगर सत्ता फिर गलत हाथों में गई तो यह खनिज को लूट-खसोट कर बर्बाद कर देंगे। न आदिवासी, न मूलवासी न दलित का विकास हो पाएगा।
झारखंड को संवारने के लिए बीजेपी जरूरी
चंपाई सोरेन ने कहा कि झारखंड को संवारने, बचाने, भ्रष्टाचार को मिटाने और झारखंड के सम्मान को बचाने के लिए भाजपा प्रत्याशी मुनिया देवी को जिताएं और राज्य में अमन चैन की सरकार बनाएं। जब केंद्र में अटल बिहारी की सरकार थी तब झारखंड राज्य बना। आलचिकी लिपि को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया।
ओडिसा राज्य के एक छोटा से गांव की आदिवासी महिला को देश का राष्ट्रपति बनाया गया। इसलिए झारखंड और आदिवासी मूलवासियों की भलाई भाजपा ही कर सकती है। वहीं, प्रत्याशी मुनिया देवी ने कहा कि इस चुनाव में आपको तय करना है कि आपको ओडिशा की बेटी चाहिए या गांडेय की बेटी।
मंइयां सम्मान योजना पर सीएम सोरेन को घेरा
पूर्व सीएम चंपाई सोरेन ने मंइयां सम्मान योजना का श्रेय लेने और वृद्धा, महिला व दिव्यांग पेंशन का भुगतान पांच महीने से रोक देने को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को घेरा। उन्होंने कहा है कि पांच महीने तक मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने मंइया सम्मान योजना का प्रस्ताव लाया।
मेरे द्वारा लाई गई योजना को हेमंत ने सही तरीके से लागू नहीं किया। हेमंत सरकार मंइया-मइंया कहकर शोर मचा रही है। चुनाव के लिए आनन-फानन में इस योजना को शुरू कर दिया गया, लेकिन फंड की व्यवस्था नहीं की गई।पांच महीने से बुजुर्गों, विधवा और दिव्यांगों की पेंशन रोककर मंइयां सम्मान की राशि दी जा रही है। भाजपा की सरकर बनते ही महिलाओं को गोगो दीदी योजना के तहत प्रति माह 2100 रुपये दिए जाएंगे। साथ ही एक हजार रुपये के स्थान पर बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को हर महीने 2500 रुपये पेंशन दी जाएगी।
चंपई सोरेन ने कहा कि हेमंत सरकार आदिवासियों के हितों की बात कह ढोंग कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत के विधानसभा क्षेत्र बरहेट में बांग्लादेशी घुसपैठियों का वर्चस्व हो गया है। घुसपैठी आदिवासी लड़कियों को मतांतरण करा 50 टुकड़े कर रहे हैं।कई क्षेत्रों में आदिवासी युवतियों को बहलाकर जमाई टोला तक बना दिया गया। यही हाल रहा तो आदिवासियों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। किसी भी आदिवासी गांव के प्राइमरी स्कूल में ओलचिकी का शिक्षक नहीं हैं। क्या आदिवासी सिर्फ प्राइमरी स्कूल में ही पढ़ने के लिए पैदा हुए हैं?
वह झारखंड के् आंदोलकारी रहे हैं, लेकिन पहले वाला झामुमो नहीं रहा। हेमंत सरकार में केवल भ्रष्टाचार हुआ। मां-बहनों के साथ घुसपैठियों ने अत्याचार किया। ब्रिटिश अत्याचार को भी पीछे छोड़ दिया गया। अगर घुसपैठी बढ़ेंगे तो आदिवासी खत्म हो जाएंगे।
गुंडागर्दी कर रहे हैं इरफान- सीता
जामताड़ा में भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन ने कहा कि पूर्व सांसद फुरकान अंसारी और विधायक इरफान जामताड़ा में अलग तरीके से सत्ता चला रहे हैं। रोज आदिवासियों की सरेआम बेइज्जती की जा रही है।
भाजपा के आदिवासी कार्यकर्ता को हथियार के बल पर विधायक व उनके बाडीगार्ड ने धमकाया। यह सीधे तौर पर इनकी गुंडागर्दी है। यहां न बेटी सुरक्षित है और न ही रोटी-माटी। आदिवासी युवतियों से दूसरे धर्म वाले शादी कर उन्हें मुखिया बना रहे हैं। यही हाल रहा तो आदिवासियों का आरक्षण भी खत्म हो जाएगा।
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